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सीरिया में नहीं थम रहा गृहयुद्ध, विद्रोहियों से अब भी लोहा ले रहे असद समर्थक.. कइयों की मौत

Syrian conflict: सीरिया में यह संघर्ष राजधानी दमिश्क तक पहुंच गया है. वहां अलावी और सुन्नी प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पें हुईं, और गोलीबारी की आवाजें सुनी गईं. इस घटना ने देश में बढ़ते सांप्रदायिक तनाव को और बढ़ा दिया है.

सीरिया में नहीं थम रहा गृहयुद्ध, विद्रोहियों से अब भी लोहा ले रहे असद समर्थक.. कइयों की मौत
Gaurav Pandey|Updated: Dec 26, 2024, 10:27 AM IST
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Bashar Al-Assad vs Fighters: सीरिया में असद सरकार को विद्रोहियों ने भले ही नेस्तनाबूद कर दिया हो लेकिन असद के समर्थक अभी पीछे नहीं है रहे हैं. इस कड़ी में बुधवार को इस्लामिक लड़ाकों और अपदस्थ राष्ट्रपति बशर अल-असद के समर्थकों के बीच झड़पों में छह इस्लामी लड़ाके मारे गए. ब्रिटेन स्थित मानवाधिकार संगठन 'सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स' के मुताबिक, ये लड़ाके पूर्ववर्ती असद सरकार के एक अधिकारी को गिरफ्तार करने की कोशिश कर रहे थे, जिन पर हजारों कैदियों के खिलाफ मृत्युदंड और मनमाने फैसले जारी करने का आरोप है.

असल में रिपोर्ट्स के मुताबिक इस झड़प में कई अन्य लोग घायल हुए हैं. हयात तहरीर अल-शाम (HTS) नामक संगठन, जिसने हाल ही में असद सरकार को अपदस्थ करने वाले हमले का नेतृत्व किया था, इन घटनाओं के लिए जिम्मेदार है. कार्यकर्ताओं का कहना है कि असद के सत्ता से हटाए जाने के बाद बदले की कार्रवाई में कई सीरियाई नागरिक मारे गए हैं, जिनमें अधिकतर अलावी समुदाय से हैं.

सीरिया में यह संघर्ष राजधानी दमिश्क तक पहुंच गया है. वहां अलावी और सुन्नी प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पें हुईं, और गोलीबारी की आवाजें सुनी गईं. हालांकि एसोसिएटेड प्रेस ने इन गोलीबारी की घटनाओं की पुष्टि नहीं की है. इस घटना ने देश में बढ़ते सांप्रदायिक तनाव को और बढ़ा दिया है.

HTS ने उत्तर-पूर्व से शुरू होकर पूरे देश में अपना प्रभाव फैलाया है उसने फिलहाल असद परिवार के 50 वर्षों के शासन को समाप्त कर दिया. बशर अल-असद और उनका परिवार रूस भागने को मजबूर हो गया. हालांकि HTS ने सीरिया के अल्पसंख्यकों के अधिकारों और स्वतंत्रता की रक्षा का वादा किया है, लेकिन इसे अमेरिका, संयुक्त राष्ट्र और यूरोपीय संघ सहित कई देशों ने आतंकी संगठन घोषित किया है.

इसी बीच मंगलवार को देश में क्रिसमस ट्री जलाए जाने को लेकर विरोध प्रदर्शन हुआ, जिससे अल्पसंख्यकों की सुरक्षा पर नई मांगें उठने लगीं. सैदनाया में क्रिसमस की पूर्व संध्या पर एक ऐतिहासिक धार्मिक स्थल के पास बड़ी संख्या में लोग एकत्र हुए, जो नई सरकार से सुरक्षा और स्थिरता की उम्मीद कर रहे हैं. एजेंसी इनपुट

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