trendingNow12683281
Hindi News >>दुनिया
Advertisement

अमेरिकी जेलों में 'इस्‍लामीकरण', हजारों कैदी धर्म बदलकर कबूल रहे इस्‍लाम, कॉरेस्पोंडेंस कोर्स करके ले रहे मजहबी शिक्षा

Fastest Growing Religion in Prisons: ये चौंकाने वाली खबर है कि अमेरिका की जेलों में धर्मांतरण का खेल बड़े पैमाने पर चल रहा है. हर साल अमेरिकी जेलों में बंद हजारों कैदी इस्‍लाम धर्म अपना रहे हैं.

अमेरिकी जेलों में 'इस्‍लामीकरण', हजारों कैदी धर्म बदलकर कबूल रहे इस्‍लाम, कॉरेस्पोंडेंस कोर्स करके ले रहे मजहबी शिक्षा
Shraddha Jain|Updated: Mar 17, 2025, 09:08 AM IST
Share

Islam Conversion in USA: हर साल यूएस में दसियों हजार कैदी जेल में रहते हुए इस्लाम अपना रहे हैं. यह चौंकाने वाली बात है कि इतनी बड़े पैमाने पर कैदी अपनी धार्मिक आस्‍था में बदलाव कर रहे हैं. साथ ही यह सवाल भी है कि वे ऐसा क्‍यों और किन हालातों में कर रहे हैं. ये कैदी इस्‍लामी शिक्षा संगठनों से संपर्क कर रहे हैं ताकि इस्‍लामी आध्‍यात्मिक मार्गदर्शन पा सकें और इस्‍लाम की शिक्षा ले सकें.

यह भी पढ़ें: दुनिया का सबसे मॉडर्न मुस्लिम देश, बिन ब्‍याही लड़की भी बन सकती है मां, पिता का नाम बताना भी जरूरी नहीं

कॉरेस्पोंडेंस कोर्स करके ले रहे इस्‍लाम की शिक्षा

सीबीएस न्‍यूज की रिपोर्ट के मुताबिक बीते कुछ सालों से ऐसे मामलों में भारी तेजी आई है कि अमेरिकी जेलों में बंद कैदी इस्‍लाम धर्म अपना रहे हैं. यहां तक वे इसके लिए बाकायदा कॉरेस्पोंडेंस कोर्स कर रहे हैं. कैदियों को कॉरेस्पोंडेंस कोर्स के जरिए इस्‍लामी शिक्षा दे रहे नसूर तैयबा फाउंडेशन के संस्थापक निदेशक रामी नसूर का कहना है कि उनका मेलबॉक्स देश की विभिन्‍न जेलों में बंद कैदियों के पत्रों से भरा पड़ा है, जो उनसे इस्‍लामिक आध्यात्मिक मार्गदर्शन और इस्लामी शिक्षा संसाधनों की मांग करते हैं.

यह भी पढ़ें: भारत को वो पड़ोसी देश जिसमें रहते हैं कई हजार मुस्लिम पर नहीं है एक भी मस्जिद, नमाज अदा करने....

कैदियों की डिमांड पर शुरू किया कोर्स

इस संगठन की मानें तो धर्म बदलकर मुसलमान बने कैदियों की डिमांड पर ही 15 साल पहले यह संगठन बनाया गया और उनके लिए कॉरेस्पोंडेंस कोर्स शुरू किया गया.

सबसे तेजी से बढ़ रहा इस्‍लाम धर्म

इस रिपोर्ट के मुताबिक यूएस की जेलों में इस्लाम सबसे तेजी से बढ़ने वाला धर्म है. नसूर कहते हैं उनके संगठन ने अब तक ऐसे 13,000 से ज्‍यादा लोगों को इस्‍लामिक शिक्षा पाने में मदद की है, जिनमें से 90 फीसदी ने जेल की सलाखों के पीछे रहते हुए धर्म परिवर्तन किया.

आध्यात्मिक आजादी पाने की चाहत

नसूर का मानना ​​है कि जेल में रहते हुए धर्म परिवर्तन करने की पीछै मुख्‍य वजह यह है कि जेल में बहुत ज्‍यादा शारीरिक और आध्यात्मिक बंधन होता है. ऐसे में इस्‍लाम लोगों को आध्यात्मिक आजादी महसूस कराता है. वे जेल के अंदर रहकर भी आजादी महसूस करते हैं. वे 5 वक्‍त की नमाज पढ़ते हैं. मजहबी चर्चाएं करते हैं. यह सब उन्‍हें अहसास कराता है कि जेल की दीवारें अब उन्हें बांध नहीं सकतीं हैं.

जेल से बाहर निकलकर भी फॉलो करते हैं इस्‍लाम

कैदी जेल के अंदर इस्‍लाम अपना रहे हैं और बाहर आकर भी उसे छोड़ नहीं रहे, बल्कि मुसलमान बनकर ही जी रहे हैं. यही वजह है कि अमेरिका में गोरे मुसलमान बड़ी संख्‍या में बढ़ रहे हैं. इस सवाल पर कि क्‍या यह धार्मिक कट्टरवाद को बढ़ावा देना और आतंकी घटनाओं का कारण बनना नहीं है? इस पर नसूर ने कहा कि हां ऐसे कुछ दुर्लभ उदाहरण हैं, लेकिन ये ठीक वैसे ही हैं जैसे कुछ लोग ईसाई चरमपंथी हैं, और आगे चलकर आतंकवादी कृत्य कर सकते हैं.

 

Read More
{}{}