Recep Tayyip Erdogan: तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैयप एर्दोगन इन दिनों काफी चर्चाओं में बने हुए हैं. अब उन्होंने ऐसी अजीबो गरीब हरकत की है, जिससे सोशल मीडिया पर हलचल मच गई है. अल्बानिया में आयोजित यूरोपीय राजनीतिक समुदाय (ईपीसी) शिखर सम्मेलन के दौरान तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन ने फ्रांस के प्रेसिडेंट इमैनुएल मैक्रों के बीच असामान्य बातचीत हुई, लेकिन एर्दोगन ने इस दौरान ऐसी हरकत कर दी जिसकी वजह से मैक्रों थोड़े असहज हो गए. वायरल हो रहे वीडियो में मैक्रों को एर्दोगन से हाथ मिलाते हुए और दोस्ताना अंदाज में उनके हाथों को थपथपाते हुए देखा जा सकता है.
हालांकि, हाथ मिलाने के बाद मैक्रों का हाथ छोड़ने के बजाय, तुर्की के राष्ट्रपति ने फ्रांसीसी नेता की उंगली पकड़ ली और कुछ सकेंड तक पकड़े रखा, जबकि वह दूर की तरफ घूरता हुआ दिखाई दिया और खड़े होकर बात करते रहे . इस दौरान वो अपना हाथ छुड़ाने की भी कोशिश कर रहे थे. लेकिन एर्दोगन ने ही कुछ सेकंड बाद मैक्रोन की उंगली छोड़ दी, जिसके कुछ देर बाद दोनों नेता हंसने लगे. लेकिन दोनों नेताओं का ये वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है और यूजर्स मजाक भी उड़ा रहे हैं. जबकि, पूरी बातचीत के दौरान एर्दोगन बैठे रहे, जबकि फ्रांसीसी राष्ट्रपति खड़े रहे. कई इंटरनेट यूजर्स ने आश्चर्य जताया कि क्या पूरी बातचीत एर्दोगन की शक्ति प्रदर्शन का प्रदर्शन था.
Turkish President Recep Tayyip Erdoğan spotted clamping down on French President Emmanuel Macron's finger.
The incident took place at the European Political Community summit in Albania yesterday.
Turkish media is claiming that Macron was attempting to "establish… pic.twitter.com/nqo6eqXvCX
— Collin Rugg (@CollinRugg) May 17, 2025
लोगों की प्रतिक्रयाएं
सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर जॉर्ज एम निकोलस नामक एक यूजर ने लिखा, 'यह राष्ट्रपति एर्दोगन द्वारा किया गया एक शक्तिशाली कदम है. मैक्रों के कार्यों को खारिज करके, वह अपना प्रभुत्व स्थापित कर रहे हैं. वैश्विक नेताओं के साथ अपने खेल कौशल के लिए जाने जाने वाले, फ्रांसीसी राष्ट्रपति ने फिर से अपनी श्रेष्ठता दिखाने का प्रयास किया है, जिसे उन्होंने और राष्ट्रपति ट्रंप ने अपने हाथ मिलाने से मशहूर किया है.
'एर्दोगन ने इजाजत नहीं दी'
इस बीच, तुर्की के एक मीडिया आउटलेट सबा ने कहा, 'मैक्रों ने राष्ट्रपति एर्दोगन के कंधे पर हाथ रखकर मनोवैज्ञानिक श्रेष्ठता स्थापित करने की कोशिश की, लेकिन एर्दोगन ने इसकी इजाजत नहीं दी. उन्होंने अपनी उंगली को कसकर पकड़ लिया और जाने नहीं दिया.
'सीट से उठने की जहमत नहीं उठाई'
वहीं, रूसी मीडिया आउटलेट पीटी ने भी इसे सत्ता का खेल बताया और कहा, 'तुर्की के राष्ट्रपति अपने ऊपर हाथ डालने की कोशिश से खुश नहीं थे. अल्बानिया शिखर सम्मेलन में उन्होंने अपनी सीट से उठने की भी जहमत नहीं उठाई. आखिर में उनकी मुस्कुराहट ही सब कुछ कह देती है.'
रूस की इस लिस्ट में नहीं तुर्की
यह घटना फ्रांस और तुर्की के बीच कई भू-राजनीतिक मुद्दों पर कूटनीतिक तनाव के बीच हुई है, जिसमें नाटो का विस्तार और यूक्रेन में रूसी जंग पर उनकी प्रतिक्रिया शामिल है. जबकि मैक्रों यूरोप में रूस की आक्रामकता के खिलाफ एक आवाज के रूप में उभरे हैं. एर्दोगन ने युद्धरत देशों के बीच शांतिपूर्ण समझौते के लिए सक्रिय रूप से मध्यस्थता करने की कोशिश करके एक अधिक अस्पष्ट मोर्चा बनाए रखा है. तुर्की मौजूदा वक्त में एकमात्र नाटो मेंबर है जो रूस की गैर-दोस्त मुल्कों की लिस्ट में नहीं है.