Stonehenge News: स्टोनहेंज के एक हिस्से को प्रदर्शनकारियों ने नारंगी रंग के पाउडर पेंट से कवर कर दिया जस्ट स्टॉप ऑयल के दो एक्टिविस्ट ने बुधवार को सैलिसबरी, विल्टशायर के पास ऐतिहासिक स्थल पर पाउडर पेंट का छिड़काव किया. यह कदम 5,000 साल पुराने इस ऐतिहासिक स्थल पर Summer Solstice के जश्न की शुरुआत से एक दिन पहले उठाया गया.
बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक विल्टशायर पुलिस ने पुष्टि की है कि प्राचीन स्मारक को नुकसान पहुंचाने के संदेह में दो लोगों को गिरफ्तार किया है.
जस्ट स्टॉप ऑयल ने कहा कि नारंगी रंग का पाउडर कॉर्नफ्लोर था और यह 'बारिश से धुल जाएगा.' समूह ने एक बयान में दो प्रदर्शनकारियों का नाम ऑक्सफोर्ड की 21 वर्षीय छात्रा नियाम लिंच और बर्मिंघम के 73 वर्षीय राजन नायडू बताया.
रिपोर्ट के मुताबिक प्रदर्शनकारी जब यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल की तरफ बढ़ रहे थे तो कुछ लोगों को 'नहीं' चिल्लाते हुए सुना गया. जब आंदोलनकारी पत्थर के घेरे तक पहुंचे तो उन लोगों हस्तक्षेप करने के लिए दौड़ते हुए देखा गया.
जस्ट स्टॉप ऑयल ने इस घटना का वीडियो भी जारी किया जिसमें उसके कार्यकर्ता पत्थरों पर रंगा का छिड़काव करते देखे जा सकते हैं. वीडियो में दिख रहा है कि उन्हें लोग रोकने की भी कोशिश करते हैं.
'बर्बरता का घृणित कृत्य'
प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने इस घटना की निंदा करते हुए इसे 'बर्बरता का घृणित कृत्य' बताया. इंग्लिश हेरिटेज के मुख्य कार्यकारी निक मेरिमैन ने कहा कि यह बर्बरता 'बहुत दुखद' थी. उन्होंने बीबीसी के टुडे कार्यक्रम में बताया कि ये पत्थर 'लोगों की प्रकृति से जुड़ने की इच्छा का प्रमाण हैं.'
मेरिमैन ने कहा कि हालांकि वे लोगों के विरोध करने के अधिकार का सम्मान करते हैं, उन्हें उम्मीद है कि भविष्य में वे म्यूजियम साइट्स से हटकर अपनी सक्रियता दिखाएंगे.
जस्ट स्टॉप ऑयल का क्या है कहना
जस्ट स्टॉप ऑयल ने कहा कि इस घटना के पीछे की प्रेरणा अगली यूके सरकार से 2030 तक तेल, गैस और कोयले के निष्कर्षण और जलाने को बंद करने की मांग करना था.
समूह के एक प्रवक्ता ने कहा, 'कोयला, तेल और गैस को जलाना जारी रखने से लाखों लोगों की मौत हो जाएगी.. हमें मानवता की रक्षा के लिए एक साथ आना होगा या हम सब कुछ जोखिम में डाल देंगे.'
पुरातत्वविद् और हाउ टू बिल्ड स्टोनहेंज के लेखक माइक पिट्स ने कहा कि इस कार्रवाई का प्रभाव 'संभावित रूप से काफी चिंताजनक' है. उन्होने कहा, 'वे संवेदनशील हैं और वे पूरी तरह से प्रागैतिहासिक चिह्नों से ढके हुए हैं जिनका पूरी तरह से अध्ययन किया जाना बाकी है. पत्थरों को कोई भी सतही क्षति बेहद चिंताजनक है.'
क्या है स्टोनहेंज
स्टोनहेंज दक्षिणी इंग्लैंड में विशाल पत्थर के ब्लॉकों का एक गोलाकार समूह है. यह विल्टशायर काउंटी में सैलिसबरी शहर के पास स्थित है. स्टोनहेंज का निर्माण 5,000 से 3,500 साल पहले कई चरणों में किया था. कोई भी निश्चित रूप से नहीं जानता कि स्टोनहेंज का निर्माण क्यों किया गया था. कई विद्वानों का मानना है कि यह धार्मिक पूजा का स्थान था.
आज स्टोनहेंज के केवल खंडहर ही बचे हैं. सैकड़ों साल पहले कई पत्थरों को दूसरी जगहों पर इस्तेमाल के लिए ले जाया था. अन्य पत्थर गिर गए हैं. लेकिन खंडहर अभी भी इस बात का अंदाजा देते हैं कि प्रागैतिहासिक काल में स्टोनहेंज कैसा दिखता था.
1986 में स्टोनहेंज और निकटवर्ती एवेबरी के गोलाकार स्मारक को संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) द्वारा विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया.
Photo: @JustStop_Oil