trendingNow12853690
Hindi News >>दुनिया
Advertisement

रूस से लड़ रहा था यूक्रेन, राष्ट्रपति जेलेंस्की के खिलाफ ही सड़क पर क्यों उतरी पब्लिक?

Ukraine New Crisis: यूक्रेन के राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की ने हाल ही में भ्रष्टाचार विरोधी एजेंसियों पर अंकुश लगाने के लिए एक कानून पारित किया है. लेकिन इस कानून के खिलाफ पूरे देश में रोष फैल गया है और भारी तादाद में लोग सड़क पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे हैं.  प्रदर्शनकारियों ने कई गंभीर आरोप लगाए हैं.

रूस से लड़ रहा था यूक्रेन, राष्ट्रपति जेलेंस्की के खिलाफ ही सड़क पर क्यों उतरी पब्लिक?
Md Amjad Shoab|Updated: Jul 24, 2025, 06:16 PM IST
Share

Ukraine: एक तरफ रूस और यूक्रेन में पिछले तीन साल से ज्यादा वक्त से जंग जारी है.  रूसी सेना का यूक्रेन पर लगातार हवाई हमला बढ़ता जा रहा है. दूसरी तरफ, यूक्रेन पर नया संकट खड़ा हो गया. तीन साल पहले रूस के पूर्ण आक्रमण की शुरुआत के बाद से यूक्रेन में पहली बार सरकार विरोधी बड़े प्रदर्शन हुए हैं. यूक्रेन की राजधानी कीव समेत देश के कई बड़े शहरों में मंगलवार को हजारों लोग राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की के खिलाफ भारी प्रदर्शन में उतरे. जबकि इस संकट से बचने के लिए जेलेंस्की ने बुधवार को इमरजेंसी मीटिंग बुलाई और अधिकारियों के साथ रणनीति पर चर्चा की.

राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की ने हाल ही में भ्रष्टाचार विरोधी एजेंसियों पर अंकुश लगाने के लिए एक कानून पारित किया है. लेकिन इस कानून के खिलाफ पूरे देश में रोष फैल गया है.  प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि भ्रष्टाचार विरोधी कानून दो अहम एजेंसियों नेशनल एंटी-करप्शन ब्यूरो (NABU) और स्पेशलाइज्ड एंटी-करप्शन प्रॉसिक्यूटर ऑफिस (SAPO) की स्वतंत्रता को कमजोर करता है. ये कानून सरकार को भ्रष्टाचार छुपाने में फायदा पहुंचाएगा. इस कानून के तहत इन एजेंसियों पर दफ्तर आसन प्रॉसिक्यूटर जनरल की ज्यादा पकड़ बढ़ जाएगी, जिससे इनकी जांच प्रक्रिया प्रभावित होने का खतरा है.

विरोध प्रदर्शन रूस के खिलाफ जारी 3 साल के जंग के बीच सरकार के खिलाफ पहला बड़ा जनाक्रोश है. प्रदर्शनकारियों ने जेलेंस्की सरकार पर अपने करीबी सहयोगियों को बचाने के लिए भ्रष्टाचार विरोधी संस्थाओं की स्वतंत्रता समाप्त करने का आरोप लगाया.  इस प्रदर्शन के दौरान कई प्रदर्शनकारियों के कार्डबोर्ड पर लिखा था, 'रूसियों को नष्ट करो, लोकतंत्र को नहीं, जबकि भीड़ चिल्ला रही थी, 'शर्म करो! और कानून पर वीटो लगाओ!'

ज़ेलेंस्की प्रदर्शनकारियों को दिया जवाब

वहीं, इस विरोध प्रदर्शनों के जवाब में ज़ेलेंस्की ने बुधवार को घोषणा की कि वह एक नया विधेयक प्रस्तुत कर रहे हैं जो सरकार को भ्रष्टाचार विरोधी एजेंसियों की स्वतंत्रता बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध करेगा.ज़ेलेंस्की ने अपने शाम के संबोधन में कहा, 'भ्रष्टाचार विरोधी संस्थाओं की स्वतंत्रता के लिए सभी मानक लागू होंगे.'हालांकि, इस नए विधेयक का विवरण सार्वजनिक नहीं किया गया है, लेकिन ऐसा लगता है कि यह उस क़ानून से पीछे हट रहा है, जिसने विरोध प्रदर्शनों को जन्म दिया था.

'हम सभी का एक ही दुश्मन है'

बुधवार को आलोचना का जवाब देते हुए ज़ेलेंस्की ने कहा, 'हम सभी का एक ही दुश्मन है रूस. कब्ज़ाकारी और यूक्रेनी राज्य की रक्षा के लिए एक मज़बूत क़ानून प्रवर्तन और भ्रष्टाचार-विरोधी प्रणाली की ज़रूरत है - एक ऐसी प्रणाली जो न्याय की सच्ची भावना सुनिश्चित करे.'

यीक्रेन के सामने बड़ी चुनौती

जबकि,  जेलेंस्की ने देश में बढ़ते विरोध को देखते हुए बुधवार को भ्रष्टाचार विरोधी और सुरक्षा अधिकारियों की इमरजेंसी बैठक बुलाई थी, ताकि एक संयुक्त रणनीति बनाई जा सके. वहीं, इस प्रदर्शन को लेकर  कई एक्सपर्ट्स ने चिंताएं जाहिर कीं हैं. वे मानते हैं कि भ्रष्टाचार से लड़ाई कमजोर पड़ने से देश की पश्चिमी समर्थन प्रतिबद्धताएं भी प्रभावित हो सकती हैं. ऐसे में संकट सिर्फ सुरक्षा या युद्ध तक सीमित नहीं रह गया है, बल्कि आंतरिक शासन और लोकतंत्र के लिए भी गंभीर चुनौती बनता जा रहा है.

FAQs

सवाल: रूस और यूक्रेन में युद्ध कब से चल रहा है?
जवाब: रूस और यूक्रेन में 20 फरवरी 2022 को युद्ध शुरू हुआ था, जो अब तक जारी है. युद्ध में हजारों लोगों की मौत हो चुकी है.

सवाल: यूक्रेन और रूस के बीच जंग क्यों हो रही है?
जवाब: दरअसल, यूक्रेन और रूस के बीच जंग 2014 में शुरू हुई थी, जब पुतिन ने क्रीमिया पर कब्ज़ा कर लिया था. इसके अलावा रूसी सहयोगियों ने पूर्वी यूक्रेन के एक हिस्से पर भी कब्ज़ा कर लिया था. हालांकि, उस वक्त तक ज़ेलेंस्की सियासत में भी नहीं आए थे.

Read More
{}{}