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रूस के साथ जंगबंदी के लिए तैयार हुआ यूक्रेन, ट्रंप बोले- उम्मीद है पुतिन भी मान जाएंगे

Donald Trump on Russia Ukraine War: रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग में पॉज़िटिव खबर आ रही है कि यूक्रेन युद्धविराम को लेकर तैयार हो गया है. अमेरिकी राष्ट्रपति ने उम्मीद जाहिर की है कि पुतिन भी इसके लिए राजी हो जाएंगे. 

रूस के साथ जंगबंदी के लिए तैयार हुआ यूक्रेन, ट्रंप बोले- उम्मीद है पुतिन भी मान जाएंगे
Tahir Kamran|Updated: Mar 12, 2025, 06:51 AM IST
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Russia Ukraine War: पिछले 3 वर्षों जारी रूस और यूक्रेन की जंग के बीच बड़ी खबर आ रही है कि यूक्रेन जंगबंदी के लिए तैयार हो गया है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यूक्रेन के ज़रिए रूस के साथ जंगबंदी पर सहमति जताने का स्वागत किया और उम्मीद जाहिर की है कि रूस भी इस पर पॉज़िटिव प्रतिक्रिया देगा. ट्रंप का यह बयान तब आया जब यूक्रेन ने मंगलवार को सऊदी अरब के जेद्दा में अमेरिकी प्रतिनिधियों के साथ बातचीत के बाद 30 दिनों के युद्धविराम के लिए अपनी सहमति दी.

ट्रंप ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि यूक्रेन ने अभी-अभी जंगबंदी पर सहमति जताई है. अब हमें रूस की तरफ जाना है और उम्मीद है कि राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भी इसे मान लेंगे. ट्रंप ने रूस-यूक्रेन जंग में मारे जा रहे फौजियों और नागरिकों की बड़ी तादाद पर दुख जाहिर किया और कहा कि इस युद्ध को अब खत्म होना चाहिए. उन्होंने युद्धविराम को बेहद जरूरी बताया और कहा कि अगर रूस भी इसके लिए सहमत हो जाए तो यह बहुत अच्छा होगा.

इससे पहले अमेरिका के प्रस्ताव के तहत यूक्रेन ने 30 दिनों की जंगबंदी को कबूल कर लिया और रूस के साथ फौरन बातचीत के लिए तैयार हो गया. मंगलवार को जेद्दा में यूक्रेनी अधिकारियों के साथ बातचीत के दौरान, ट्रंप के सलाहकारों ने जंग खत्म करने के लिए मुलाकात की. अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने बताया कि लगभग 9 घंटे की बातचीत के बाद यूक्रेन ने जंगबंदी और रूस के साथ बातचीत के लिए सहमति जताई.

यूक्रेन की इस सकारात्मक प्रतिक्रिया के बाद अमेरिका ने उनके साथ खुफिया जानकारी साझा करने पर लगी रोक हटा दी और सुरक्षा मदद फिर से शुरू करने का फैसला किया. रुबियो ने बताया कि राष्ट्रपति ट्रंप चाहते हैं कि यह जंग जल्द से जल्द खत्म हो. उन्होंने कहा कि अगर रूस भी इस प्रस्ताव को स्वीकार करता है तो अगला कदम वास्तविक शांति वार्ता की ओर होगा. हालांकि अगर रूस इसे नहीं मानता तो यह साफ हो जाएगा कि शांति में सबसे बड़ी रुकावट कौन है.

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