Where is Fordow Nuclear Sites: इजरायल ने 9 दिनों की जंग में मिसाइल हमलों से ईरान को धुआं धुआं कर दिया था लेकिन वो सबसे बड़े टारगेट (Fordow Nuclear Sites) को छू नहीं पाया था. ईरान का फोरडो परमाणु संयंत्र जमीन से 250 से 282 फीट नीचे बना है. अमेरिका के पास ही वो शक्तिशाली बम था, जो पहाड़ों के नीचे सैकड़ों फीट नीचे बने इस एटमी ठिकाने को तबाह कर सकता था. आखिरकार 21 जून की रात को अमेरिकी ने बी2 स्टील्थ बमवर्षक विमानों के जरिये 14 टन वजनी GBU-57 बम इस पर गिराकर इसे ध्वस्त कर दिया. अमेरिका ने नातांज, फोरडो और इस्फहान परमाणु संयंत्रों पर 2-2 ऐसे बम गिराए हैं.
इसी फोरडो परमाणु संयंत्र में ही ईरान ने संवर्धित यूरेनियम के जरिये सबसे ज्यादा सेंट्रीफ्यूज छिपा रखे थे. इजरायल के अमेरिका में राजदूत ने पिछले हफ्ते दावा किया था कि सिर्फ अमेरिकी MOP बम ही पहाड़ों के अंदर बने इस भूमिगत नाभिकीय संयंत्र (Fordow nuclear site) को ध्वस्त कर सकता है. राजदूत येचेल लिटर के इस दावे के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप जी7 समिट बीच में ही छोड़कर अमेरिका लौटे थे.तभी से ये लगने लगा था कि अमेरिका फोरडो संयंत्र को निशाना बना सकता है.
मैक्सर टेक्नोलॉजी ने सैटेलाइट इमेज से मध्य तेहरान के पास उस ठिकाने की एक तस्वीर भी जारी की थी. फोरडो एटॉमिक प्लांट उत्तरी ईरान के कोम प्रांत की पहाड़ियों के नीचे बनाया गया है. यहां बेहद हाईग्रेड यानी उच्च गुणवत्ता वाले सेंट्रीफ्यूज का भंडार सुरक्षित रखा गया था. बताया जाता है कि जमीन से करीब 2500 फीट नीचे ये भूमिगत संयंत्र था और मिसाइल हमलों से भी इसका बाल बांका नहीं हो सकता है.
अमेरिका के पास बमवर्षक विमान बी2 बॉम्बर हैं, जिसमें बेहद घातक बम एमओपी फिट निशाना साधा गया. ये MOP जमीन के सैकड़ों फीट नीचे बने बंकर को भी ब्लास्ट कर ध्वस्त कर सकता है. अमेरिकी वायुसेना के पास वो बम है, जो जमीन के अंदर 200 फीट तक के टारगेट को नष्ट कर सकता है. इसे GBU-57A/B MOP कहा जाता है. इसका वजन 30 हजार पाउंड यानी 1400 किलो तक हो सकता है.मिलिट्री डॉट कॉम के अनुसार, अमेरिका ऐसे बम दागने की कई बार प्रैक्टिस कर चुका है.
लिटर ने एक इंटरव्यू में कहा, सिर्फ अमेरिका वो ताकत रखता है, जो हवा में बम गिराकर उस संयंत्र को तबाह कर दे. अमेरिका का दावा है कि उसने फोरडो को पूरी तरह तबाह कर दिया है. सैन्य विशेषज्ञों का कहना था कि फोरडो पर लगातार बमबारी करके ही इसे ध्वस्त किया जा सकता है.
विशेषज्ञों ने कहा था कि अगर अमेरिका ऐसा बम फोरडो पर नहीं गिराता है या फिर इजरायल को एमओपी बम और बमवर्षक विमान नहीं देता है तो इजरायल सेना दूसरे विकल्प को आजमा सकती है. इसमें तेहरान के भीतर ही मोसाद के एजेंटों या अयातुल्लाह अली खामनेई विरोधियों की मदद से परमाणु संयंत्र पर जमीनी हमला करना भी एक विकल्प हो सकता है, लेकिन ये जोखिम भरा हो सकता है. लेकिन आखिरकार अमेरिका ने बी-2 बाम्बर्स का ही इस्तेमाल किया.
अमेरिका ने ईरान पर किया भयानक हमला, बस्टर बमों से बंकरों में बने तीन परमाणु संयंत्रों को किया तबाह