India at UNSC: ऑपरेशन सिंदूर को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जो बड़बोलापन दिखाया था उसकी झलक संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में भी देखने को मिली. कश्मीर में पहलगाम आतंकी हमले के बाद जब भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर सैन्य अभियान चलाया था तो ट्रंप ने दावा किया था कि उनकी पहल पर दोनों पक्ष सीजफायर के लिए तैयार हुए. भारत ने पहले की तरह संयुक्त राष्ट्र में भी अमेरिकी दावे की पोल खोल दी. भारत ने स्पष्ट रूप से कहा कि पाकिस्तान की तरफ से ऑपरेशन सिंदूर रोकने की गुजारिश की गई थी जिसके बाद भारत ने ये कदम उठाया. भारत ने ये फैसला विशुद्ध रूप से द्विपक्षीय स्तर की बातचीत के बाद लिया था. इसमें अमेरिका का कोई रोल नहीं था.
दरअसल संयुक्त राष्ट्र में मंगलवार को अमेरिका की कार्यवाहक रिप्रेजेंटेटिव डोरोथी शिआ ने कहा कि भारत-पाकिस्तान तनाव को मई में कम करने में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अहम भूमिका निभाई. उन्होंने कहा कि पहलगाम आतंकी हमले के बाद जब दोनों पक्षों के बीच संघर्ष शुरू हो गया तो अमेरिकी लीडरशिप ने संघर्ष विराम कराने में अहम भूमिका निभाई. गौरतलब है कि पिछले तीन महीनों में ट्रंप ने एकाधिक बार इस तरह का दावा किया है जिसका भारत लगातार खंडन करता रहा है. संयुक्त राष्ट्र के मंच पर ही डोरोथी शिआ की बात का खंडन करते हुए भारत के स्थायी प्रतिनिधि पी हरीश ने दृढ़ता से कहा कि ऑपरेशन सिंदूर शुरू होने के बाद पाकिस्तान के सीधे आग्रह पर भारत ने मिलिट्री अभियान को स्थगित किया.
पी हरीश ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर लॉन्च होने के बाद भारत ने पहले अपने प्राथमिक उद्देश्य को पूरा किया और उसके बाद पाकिस्तान की गुजारिश पर सैन्य गतिविधियों को स्थगित किया. इस संबंध में विदेश मंत्री एस जयशंकर पहले ही बयान दे चुके हैं कि पाकिस्तान के डीजीएमओ मेजर जनरल काशिफ अब्दुल्ला ने सीजफायर के लिए सीधे अपने भारतीय समकक्ष लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई से संपर्क साधा था.
पीएम मोदी ने भी उस दौरान जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से फोन पर बात की थी तो उन्होंने दो टूक कहा था कि पाकिस्तान के साथ संघर्ष विराम में अमेरिका की किसी भी प्रकार की सीधी या परोक्ष भूमिका नहीं थी.
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में “Multilateralism and Peaceful Settlement of Disputes” विषय पर ओपेन डिबेट हो रही थी जिसमें शिआ और हरीश ने अपने वक्तव्य रखे. इस मीटिंग की अध्यक्षता पाकिस्तान के डिप्टी पीएम मोहम्मद इशाक डार ने की.
FAQ
1. ऑपरेशन सिंदूर
पहलगाम में लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े आतंकी संगठन द रेजिस्टेंट फ्रंट ने दिनदहाड़े 26 सैलानियों की हत्या कर दी. उसके बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ 6-8 मई के बीच ऑपरेशन सिंदूर मिलिट्री ऑपरेशन चलाया. इसमें भारत ने अपने रणनीतिक मकसद को प्राप्त किया.
2. डोनाल्ड ट्रंप का दावा?
आठ मई की शाम करीब साढ़े पांच बजे अचानक सीजफायर का ऐलान कर दिया गया. लगभग उसी वक्त अमेरिकी राष्ट्रपति ने भी दावा करते हुए कहा कि उनकी पहल पर संघर्ष विराम हुआ. उन्होंने कहा कि यदि ये संघर्ष अभी नहीं रुका और अगले हफ्ते तक पहुंचा तो स्थितियां भयावह हो सकती हैं और हम न्यूक्लियर वॉर के मुहाने पर होंगे. उन्होंने ये भी कहा कि मैंने भारत और पाकिस्तान के पक्षों से कहा कि आप लोग संघर्ष विराम कीजिए वरना अमेरिका आपके साथ किसी भी प्रकार की ट्रेड डील नहीं करेगा. इस कारण भारत और पाकिस्तान संघर्ष विराम के लिए राजी हुए.
3. भारतीय पक्ष
भारत ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दावे को पूरी तरह खारिज कर दिया. भारत का कहना है कि पाकिस्तान के आग्रह पर संघर्ष विराम किया गया और भारत तब तक अपने रणनीतिक मकसद को प्राप्त कर चुका था. इसमें किसी भी तीसरे पक्ष की भूमिका नहीं थी. यही बात पीएम नरेंद्र मोदी ने डोनाल्ड ट्रंप से भी फोन पर कही.