Iran Israel War Latest News in Hindi: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का बड़बोलापन ईरान-इजरायल युद्ध के बीच हुए संघर्षविराम के बाद फिर सामने आ गया है.खुद राष्ट्रपति कार्यालय व्हाइट हाउस के कर्मचारी भी ट्रंप के दावों के लेकर सकते हैं. हालांकि ऐसा पहले भी वो भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्षविराम कराने का दावा करते वक्त भी कर चुके हैं.
संघर्षविराम पर विरोधाभासी बयान
ट्रंप ने सोमवार रात को ऐलान किया था कि उन्होंने ईरान और इजरायल के बीच संघर्ष विराम करा दिया है. ट्रंप ने कहा कि उन्होंने इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से फोन पर बात की और उन्हें सीजफायर के लिए राजी किया. व्हाइट हाउस की ओर से ये भी बताया गया कि ट्रंप ने कतर के अमीर और पीएम अल थानी से भी फोन पर बात की और ईरान को युद्ध रोकने के लिए मनाने की गुजारिश की.
लेकिन इसके कुछ घंटों बाद ही ट्रंप ने नया दावा कर डाला. उन्होंने ट्रुथ सोशल पर लिखा, सोमवार रात को ईरान और इजरायल दोनों ने ही लगभग एक ही वक्त उनसे संपर्क साधा और शांति की इच्छा जताई. मैं जानता था कि अब इसका समय आ गया है. दुनिया और मध्य पूर्व के साथ दोनों देशों के सुखद भविष्य के लिए शुभकामनाएं. भविष्य उन दोनों देशों के साथ है.
ऑपरेशन सिंदूर पर किया था दावा
इससे एक महीने पहले भारत के ऑपरेशन सिंदूर से तबाह हुए पाकिस्तान ने जब संघर्षविराम के लिए भारत से गुहार लगाई थी, तब भी ट्रंप ने ऐसा ही किया था. दोनों देशों के बीच सीजफायर के आधिकारिक ऐलान के पहले ट्रंप ने दावा किया था कि उन्होंने मध्यस्थता करके दोनों देशों को इसके लिए राजी किया है. लेकिन भारत ने तुरंत ही इसका खंडन कर दिया था.
ईरान-इजरायल संघर्षविराम पर भी भद्द पिटी
ट्रंप के सीजफायर के ऐलान की भद्द कैसी पिटी, वो इस बात से भी जाहिर होता है कि घोषणा के कई घंटों बाद तक ईरान लगातार इजरायल पर मिसाइलें दागता रहा. ईरान के विदेश मंत्री अराघची ने तो पहले सीजफायर को सिरे से खारिज कर ही दिया था.
12 दिनों में कई बार सामने आया बड़बोलापन
ईरान-इजरायल युद्ध के 12 दिनों के दौरान ट्रंप का बड़बोला साफतौर पर सामने आया. इजरायल ने जब 13 जून को ईरान पर हमला बोला तो डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि नेतन्याहू के पास इसके अलावा कोई विकल्प नहीं बचा था. फिर उन्होंने कहा कि ईरान के पास अभी भी वक्त है कि वो परमाणु कार्यक्रम को छोड़ने के लिए तैयार हो जाए.
48 घंटे में फिर बदला सुर
जी7 समिट छोड़कर आनन-फानन में वाशिंगटन पहुंचे ट्रंप ने संकेत दिया था कि अमेरिका दो हफ्ते में फैसला करेगा कि वो ईरान के खिलाफ इजरायल की जंग में शामिल होगा कि नहीं, लेकिन 48 घंटे भी नहीं बीते थे और अमेरिका ने बी2 बॉम्बर्स से ईरान के तीन परमाणु संयंत्रों पर धावा बोल दिया.
हमले पर खूब शेखी बघारी
बड़बोले ट्रंप ने 22 जून को अमेरिकी हमले की जानकारी देते हुए हुक्म दे डाला कि ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई तुरंत सरेंडर कर दें. उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका तख्तापलट नहीं चाहता. लेकिन फिर 23 जून को मेक ईरान ग्रेट अगेन (MIGA) का नारा देते हुए कहा कि वहां सत्ता परिवर्तन का आह्वान कर डाला. हालांकि फिर 24 घंटे में ही संघर्षविराम कराने का दावा करते हुए खुद को फिर से शांतिदूत के तौर पर पेश किया.