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ट्रंप ने दे दिया सिग्नल, ईरान पर बरसेंगी अमेरिकी मिसाइलें, अरब सागर में नेवी का बेड़ा तैयार

Iran Isreal War: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सब्र का बांध टूटता नजर आ रहा है. इजरायल के छह दिनों के मिसाइल हमलों के बावजूद ईरान अड़ा है. ईरान के परमाणु हथियार कार्यक्रम को लेकर अब अमेरिका कूटनीति छोड़ जंग के मैदान में कूद सकता है.

Israel Iran War
Israel Iran War
Amrish Kumar Trivedi|Updated: Jun 18, 2025, 12:43 PM IST
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Iran Isreal War: ईरान को परमाणु हथियार बनाने से रोकने के नाम पर इजरायल ने छह दिनों पहले जो युद्ध छेड़ा था, अब वो खतरनाक मोड़ पर पहुंचने वाला है. अमेरिका भी इस जंग में कूदने को बेताब है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इसका सबसे पहला सिग्नल देते हुए कहा कि उसके धैर्य की सीमा खत्म हो रही है. ईरान बिना शर्त सरेंडर कर दे तो बेहतर है. लेकिन अयातुल्ला अली खामेनेई ने इसके उलट इजरायल पर अब कोई रहम न करने और सबसे भयंकर हमला करने का ऐलान कर आग में घी डाल दिया है.

मध्य पूर्व में अमेरिका के आठ देशों में बने स्थायी आर्मी बेस भी एक्टिव हो गए हैं. अमेरिका ने करीब दो दर्जन लड़ाकू विमानों को यूरोप से मध्यपूर्व भेजा है. एफ-22, एफ-35 जैसे लड़ाकू विमानों के बेड़े को अलर्ट किया गया है.उसके युद्धपोत भी मध्यपूर्व में हवाई हमले के लिए तैयार हैं. माना जा रहा है कि अगले 24 से 48 घंटे में ईरान न झुका तो अमेरिकी मिसाइलें उसकी ओर रुख करेंगी.

ट्रंप ने पहले ही दावा किया है कि ईरान के पूरे वायुक्षेत्र पर कब्जा हो चुका है. उन्होंने फिलहाल अयातुल्लाह अली खामेनेई को टारगेट न करने की छूट देते हुए अभी ईरान को 1-2 दिन की मोहलत का संकेत दिया है.

अरब सागर में नेवी का पूरा बेड़ा तैयार
USS कार्ल विंसन एयरक्राफ्ट करियर के साथ नेवी का पूरा बेड़ा भी अरब सागर की खाड़ी में डेरा डाले हुए हैं. इसमें तीन हजार नौसैनिक और दो हजार वायुसैनिक तैनात रह सकते हैं.ईए-18 एयरक्राफ्ट जो दुश्मन के रडार और कम्यूनिकेशन सिस्टम को तबाह कर सकता है और ई-2डी एडवांस्ड रडार सिस्टम जो किसी भी खतरे को सेकेंडों में भांप सकता है. इस बेड़े में गाइडेड मिसाइलों से लैस क्रूजर यूएसएस प्रिंसटन शामिल है. हिन्द महासागर क्षेत्र में तैनात USS Nimitz भी एक ऑर्डर पर खाड़ी देशों का रुख कर सकता है.

ईरान खामोश नहीं बैठेगा
ईरान ने भी अमेरिका को संदेश दिया है कि अगर वो इजरायल के साथ उसकी जंग में कूदता है तो फिर वो भी चुप नहीं बैठेगा. ईरानी रिवोल्यूनरी गार्ड्स कॉर्प्स मध्य पूर्व में अमेरिकी सैन्य ठिकानों को निशाना बना सकती है. लेकिन अगर ईरान ने कतर, सऊदी अरब, यूएई, ओमान-जॉर्डन जैसे देशों में अमेरिकी एयरबेस पर हमला किया तो ये देश भी उसके खिलाफ जंग में कूद सकते हैं. ईरान होर्मुज जलडमरूमध्य और फारस और ओमान की खाड़ी में व्यापारिक जहाजों की आवाजाही में रुकावट डाल सकता है, जहां से खाड़ी देशों के तेल-गैस का बड़ा कारोबार होता है.

फोरडो न्यूक्लियर प्लांट टारगेट
इजरायल ने अमेरिका से ईरान के फोरडो न्यूक्लियर प्लांट को निशाना बनाने की अपील की है. अमेरिका में इजरायली राजदूत लिटर का कहना है कि पहाड़ों के सैकड़ों फीट नीचे बने बंकर में इस परमाणु संयंत्र को तबाह करने की ताकत सिर्फ अमेरिका के पास है. अमेरिका 14 हजार टन वजनी बंकर ब्लास्ट बम MOP से इसे भेद सकता है. अमेरिका के स्टील्थ बमवर्षक विमान बी2 बॉम्बर ऐसे बम दाग सकते हैं. दुनिया में किसी अन्य मुल्क के पास इतनी कूव्वत नहीं है. 

 

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