Tulsi Gabbard on Bangladesh: अमेरिकी खुफिया विभाग की प्रमुख तुलसी गबार्ड ने जब से बांग्लादेश में हो रहे अल्पसंख्यकों पर हिंसा की टिप्पणी की है, दोनों देशों में तकरार बढ़ गई है. मामला इतना गंभीर हो गया है कि अब अमेरिका को इस मामले में बोलना पड़ रहा है. जानें व्हाइट हाउस ने क्या कहा और क्यों मचा है अमेरिका और बांग्लादेश में बवाल. सबसे पहले जानें अमेरिका ने क्या कहा है? बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा पर अमेरिकी जासूस प्रमुख तुलसी गबार्ड की टिप्पणी के बाद व्हाइट हाउस ने कहा कि डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने ढाका की अंतरिम सरकार द्वारा सभी के लिए सुरक्षा और संरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उठाए गए कदमों का स्वागत किया है.
अल्पसंख्यक समुदायों के प्रति हिंसा पर अमेरिका का क्या कदम?
यूएस डिपार्टमेंट ऑफ स्टेट के प्रवक्ता टैमी ब्रूस ने कहा कि अमेरिका किसी भी देश में अल्पसंख्यकों के प्रति हिंसा या असहिष्णुता के किसी भी मामले की निंदा करता है. उन्होंने कहा, "हम किसी भी देश में अल्पसंख्यक समुदायों के सदस्यों के प्रति हिंसा या असहिष्णुता की किसी भी घटना की निंदा करते हैं और बांग्लादेश में सभी की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बांग्लादेश की अंतरिम सरकार द्वारा उठाए गए कदमों का स्वागत करते हैं. हम इसी पर नज़र रख रहे हैं. यही हमारी अपेक्षा है. और यही जारी रहेगा."
अमेरिका का यह बयान उस बयान के बाद आया है, जब बांग्लादेश तुलसी गबार्ड पर भड़का हुआ है. अब जानें तुलसी गबार्ड ने बांग्लादेश पर क्या बोला था?
गबार्ड के आरोप और बांग्लादेश की प्रतिक्रिया
भारतीय चैनल को दिए गए इंटरव्यू में तुलसी गबार्ड ने कहा कि “हिंदुओं, बौद्धों, ईसाइयों और अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों का लंबे समय से उत्पीड़न, हत्या और दुर्व्यवहार हो रहा है. यह अमेरिकी सरकार और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन के लिए एक बड़ी चिंता है.” गबार्ड ने आरोप लगाया कि बांग्लादेश में धार्मिक अल्पसंख्यकों पर हमले और इस्लामी आतंकवादियों का खतरा “खिलाफत शासन” की विचारधारा से जुड़ा हुआ है. उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप और बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के बीच बातचीत शुरू हो चुकी है.
बांग्लादेश ने जताया तुलसी गबार्ड का विरोध
हालांकि, बांग्लादेश सरकार ने इस बयान को खारिज करते हुए कहा कि देश को “इस्लामी खिलाफत” से जोड़ना “निराधार और अस्वीकार्य” है. सरकार के अनुसार, यह बयान उन लाखों बांग्लादेशियों की मेहनत को नुकसान पहुंचाता है, जिन्होंने शांति, स्थिरता और विकास के लिए काम किया है.