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USA News: ट्रंप ने फिर फोड़ा 'टैरिफ बम', विदेशी कारों के आयात पर लगाया 25 फीसदी टैक्स; गिर गए अमेरिकी कंपनियों के शेयर

USA News in Hindi: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर टैरिफ बम फोड़ दिया है. ट्रंप ने अमेरिका में आयात होने वाली सभी विदेशी कारों पर 25 फीसदी का टैरिफ लगा दिया है. इस फैसले का पता चलते ही अमेरिकी ऑटो कंपनियों के शेयर 2 फीसदी तक गिर गए. 

USA News: ट्रंप ने फिर फोड़ा 'टैरिफ बम', विदेशी कारों के आयात पर लगाया 25 फीसदी टैक्स; गिर गए अमेरिकी कंपनियों के शेयर
Devinder Kumar|Updated: Mar 27, 2025, 04:54 AM IST
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Trump announces 25 percent tariff on foreign cars: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने एक और टैरिफ बम फोड़ दिया है. उन्होंने ऐलान किया है कि अमेरिका में बिकने वाली सभी विदेशी कारों पर 25 प्रतिशत का टैरिफ लगाया जाएगा. यह टैरिफ 2 अप्रैल से लागू हो जाएगा. बुधवार को एक कार्यक्रम में ट्रंप ने कहा कि यह कदम घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देगा और इससे अमेरिका में नई नौकरियां पैदा होंगी. 

ट्रंप ने कहा, 'हम ऑटोमोबाइल पर काम करने जा रहे हैं, जिसके बारे में आप लंबे समय से जानते हैं, हम जल्द ही इस बारे में घोषणा करेंगे. संभवत अगले कुछ दिनों में.' ट्रंप के सहयोगियों के मुताबिक, इस टैरिफ की वजह से अमेरिका में विदेशी कारें बेचना मुश्किल हो जाएगा. जिसके चलते विदेशी कंपनियों को अमेरिका में अपने प्लांट लगाने के लिए मजबूर होना पड़ेगा. इससे देश में रोजगार का स्तर बढ़ेगा. 

ट्रंप के ऐलान के तुरंत बाद गिरे कंपनियों के शेयर

बुधवार को जैसे ही ट्रंप ने ये घोषणा की, अमेरिका की नामी ऑटो कंपनी जनरल मोटर्स के शेयरों में लगभग 1.7 प्रतिशत की गिरावट आ गई है. फोर्ड का शेयर लगभग 1.2 प्रतिशत नीचे जा गिरा. वहीं जीप और क्रिसलर के मालिक स्टेलेंटिस के शेयरों में भी 2 प्रतिशत की गिरावट आई.

अमेरिकी कंपनियों में घबराहट की वजह ये है कि गाड़ियां बनाने के लिए वे भी बहुत सारे पार्ट दुनिया भर के देशों से खरीदती हैं. ऐसे में उन्हें खरीदना अब उनके लिए भी महंगा हो जाएगा, जिसका सीधा असर उनकी कारों की कीमत पर पड़ेगा. ऐसे में वे भी अब महंगी हो जाएंगी. ऐसे में ट्रंप का ये फैसला ग्लोबल सप्लाई चेन पर निर्भर ऑटो कंपनियों पर वित्तीय दबाव भी डाल सकता है.

अमेरिकी कंपनियों के सामने ये बड़ी चुनौतियां

अमेरिकी कंपनियों की दूसरी बड़ी दिक्कत ये है कि उन्होंने अपने कई प्लांट पड़ोसी कनाडा, मैक्सिको या दूसरे देशों में लगा रखे हैं. वहां से गाड़ियां अमेरिका लाकर उस पर मेड इन अमेरिका का टैग लगाकर वे दूसरे देशों में बेचती हैं. ऐसे में अब बाहर के प्लांट से लाई गई गाड़ियां भी टैरिफ के दायरे में आ जाएंगी और उनकी कीमतें 25 प्रतिशत बढ़ जाएंगी. यदि कंपनियां उन प्लांटों को बंद करके अपने देश में नए उत्पादन केंद्र शुरू करती हैं तो उसमें भी लंबा समय लग जाएगा. इससे अमेरिकी गाड़ियों की बिक्री पर खासा असर पड़ सकता है. 

डोनाल्ड ट्रंप ने इससे पहले चीन से सभी आयातों पर 20 प्रतिशत आयात कर लगा दिया है. उन्होंने इसी तरह मेक्सिको और कनाडा पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाया. ट्रंप ने सभी स्टील और एल्युमीनियम आयातों पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाया है, जिससे धातुओं पर उनके पिछले 2018 करों से छूट हटा दी गई है. उन्होंने कंप्यूटर चिप्स, फार्मास्युटिकल ड्रग्स, लकड़ी और तांबे पर भी टैरिफ लगाने की योजना बनाई है.

और तेज होगा वैश्विक व्यापार युद्ध! 

फाइनेंस एक्सपर्टों के मुताबिक, ट्रंप के टैरिफ ऐलान से वैश्विक व्यापार युद्ध को बढ़ावा मिलने का जोखिम है. अमेरिकी टैरिफ के जवाब में दूसरे देश भी लगातार जवाबी कार्रवाई कर रहे हैं, जिससे वैश्विक व्यापार पर फर्क पड़ रहा है. जब यूरोपीय संघ ने अमेरिकी शराब पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाने की योजना के साथ जवाबी कार्रवाई की, तो ट्रम्प ने यूरोपीय संघ से मादक पेय पदार्थों पर 200 प्रतिशत कर लगाने की योजना बनाकर जवाब दिया.

ट्रम्प के सहयोगियों का कहना है कि कनाडा और मेक्सिको पर टैरिफ अवैध आव्रजन और नशीली दवाओं की तस्करी को रोकने के लिए हैं. लेकिन प्रशासन टैरिफ राजस्व का उपयोग बजट घाटे को कम करने और दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में अमेरिका की श्रेष्ठता का दावा करने के लिए भी करना चाहता है.

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