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Taiwan की मिनिस्‍टर ने भारतीयों के लिए ऐसा क्‍या कह दिया कि मांगनी पड़ी माफी

India-Taiwan Relations: ताइवान और भारत ने हाल ही में एक श्रम गतिशीलता समझौते पर हस्ताक्षर किए, जिससे ताइवान को अपने लेबर की कमी को पूरा करने की कोशिश में इंडियन वर्कर्स बुलाने की अनुमति मिल सके.

Taiwan की मिनिस्‍टर ने भारतीयों के लिए ऐसा क्‍या कह दिया कि मांगनी पड़ी माफी
Manish Kumar.1|Updated: Mar 06, 2024, 07:09 AM IST
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Taiwan News: ताइवान के श्रम मंत्री ने भारतीय माइग्रेंट वर्कर्स की भर्ती पर अपनी "नस्लवादी" टिप्पणी पर हंगामे के बाद मंगलवार को माफी मांगी. मंत्री ने एक इंटरव्यू में यह कहकर विवाद खड़ा कर दिया था कि ताइवान भारत के उत्तर-पूर्व से लोगों को भर्ती करेगा क्योंकि उनकी ‘स्किन का रंग और खाने की आदतें’ ताइवान के लोगों के जैसी हैं.

ताइवान और भारत ने 26 फरवरी को एक श्रम गतिशीलता समझौते पर हस्ताक्षर किए, जिससे द्वीप को अपने लेबर की कमी को पूरा करने की कोशिश में इंडियन वर्कर्स बुलाने की अनुमति मिल सके. कथित तौर पर ताइवान लगभग 700,000  माइग्रेंट्स के लेबर का इस्तेमाल करता है. उनमें से अधिकांश इंडोनेशिया, थाईलैंड, वियतनाम और फिलीपींस से हैं.

श्रम मंत्री के बयान पर हंगामा
इंडिपेंडेंट के मुताबिक श्रम मंत्री सू मिंग-चुन ने इस महीने की शुरुआत में दिए एक इंटरव्यू के दौरान भारत के पूर्वोत्तर राज्यों से वर्कर्स की भर्ती के फैसले को यही ठहराते हुए यह भी कहा कि इनमें से अधिकांश ईसाई धर्म में विश्वास करते हैं.

सू के इस बयान पर नई दिल्ली की तरफ से सार्वजनिक रूप से कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई. हालांकि सत्तारूढ़ पार्टी के विधायक चेन कुआन-टिंग ने सार्वजनिक रूप से श्रम मंत्री के बयान की आलोचना करते हुए कहा, 'ताइवान में प्रवासी श्रमिकों की भर्ती नस्ल या जातीयता के आधार पर बिल्कुल नहीं हो सकती.'

श्रम और विदेश मंत्रालय ने जारी किए माफी वाले बयान
इंडिपेंडेंट के मुताबिक श्रम मंत्री के बयान के बाद मचे हंगामे की वजह से ताइवान के श्रम और विदेश मंत्रालय को भारत से माफी मांगने वाले बयान जारी करने पड़े. श्रम मंत्रालय ने सोमवार को कहा, ‘हम ईमानदारी से समीक्षा करेंगे और सुधार करेंगे और ईमानदारी से खेद व्यक्त करेंगे.’

ताइवान के विदेश मंत्रालय ने श्रम मंत्री का नाम लिए बिना एक ऐसा ही बयान और माफी जारी की. मंत्रालय ने कहा, ‘हाल ही में, ताइवान के समाज में प्रासंगिक क्षेत्रों के साथ चर्चा में, कुछ सरकारी एजेंसियों ने ऐसी टिप्पणियां की हैं जो पूरी तरह से उचित नहीं थीं.’ मंत्री सू ने भी सफाई दी और कहा कि उन्होंने इंटरव्यू में भारतीय श्रमिकों की क्षमताओं और प्रदर्शन की तारीफ की. 

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