Ballistic Missile: इजरायल और ईरान इस समय जंग में हैं और दोनों ही मुल्क एक दूसरे पर मिसाइलों से हमले कर रहे हैं. इस तनाव के बीच बैलिस्टिक मिसाइलों का भी इस्तेमाल हो रहा है. ऐसे में आम लोगों को दिलचस्पी बढ़ गई है कि आखिर बैलिस्टिक मिसाइल क्या होती है और यह कैसे काम करती है. तो चलिए फिर आसान भाषा में जानते हैं कि बैलिस्टिक मिसाइलें क्या होती हैं और कैसे काम करती हैं.
सबसे पहले जानते हैं कि आखिर बैलिस्टिक मिसाइल क्या होती है. तो इसका जवाब यह है कि मिसाइल एख रॉकेट से चलने वाला हथियार होता है जो घुमावदार रास्ते में उड़ता है. इसको जमीन से लॉन्च किया जाता है. बैलिस्टिक मिसाइल वातावरण से बाहर जाकर बहुत तेजी से जमीन की तरफ आकर तय टार्गेट पर जोरदार हमला करती है.
इस तरह मिसाइल को दागने की कोई इक जगह नहीं है. इसको जमीन, समुद्र और हवा से दागा जा सकता है. शुरू में इंजन जलता है और मिसाइल ऊपर की तरफ जाती है. इसके बाद इंजन बंद होता है और मिसाइल अंतरिक्ष में कुछ वक्त के लिए उड़ती है. इसके बाद वापस जमीन की तरफ तेजी से आती है और फिर टार्गेट को तबाह कर देती है.
बूस्ट स्टेज पहला चरण होता है, जिसमें इंजन जलते हैं और मिसाइल ऊपर जाती है.
मिडकोर्स स्टेज यह दूसरी चरण होता है. इसमें मिसाइल अंतरिक्ष में यात्रा करती है.
टर्मिनल स्टेज, यह तीसरा और अंतिम चरण होता है, जिसमें मिसाइल जमीन की तरफ लौटती है और टार्गेट को भेदती है.
रास्ते में इसके 5 टुकड़े होते हैं, पहला टुकड़ा जो सबसे बड़ा होता है वो लॉन्चिंग के तुरंत बाद नीचे गिर जाता है. इसके अलावा दूसरा टुकड़ा उससे भी छोटा होता है. इसके बाद 3 और सिलसिलेवार तरीके से टुकड़े नीचे गिरते हैं. आखिर में मिसाइल की टोपी (नोज) तय टार्गेट पर जाकर हमला करती है और दुश्मन देश की उस जगह को तबाह कर देती है. जबकि एक एवरेज बैलिस्टिक मिसाइल की लंबाई 60 मीटर के आसपास होती है.
शॉर्ट-रेंज मिसाइल: 1000 किलोमीटर तक हमला करती है.
मीडियम-रेंज मिसाइल: 1000 से 3000 किलोमीटर तक टार्गेट को निशाना बना सकती है.
इंटरमीडिएट-रेंज मिसाइल: 3000 से 5500 किलोमीटर तक.
इंटरकॉन्टिनेंटल मिसाइल: 5500 किलोमीटर से ज्यादा तक हमला करने में सक्षम है.
ये बहुत तेज होती हैं और कम समय में निशाना बना सकती हैं. इनकी मारक क्षमता बहुत लंबी होती है, जिससे ये दूर बैठे दुश्मन तक पहुंच सकती हैं. आज के दौर में ये किसी भी देश की सैन्य रणनीति का अहम हिस्सा हैं. ईरान के पास इस तरह की कई मिसाइलें जिनका इस्तेमाल वो अपने दुश्मनों को सबक सिखाने के लिए कर सकता है.