NASA Mission Sunita Williams Return: भारतीय मूल की नासा की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और उनके साथी बुच विल्मोर 19 मार्च को पृथ्वी पर लौटने वाले हैं. उनका अंतरिक्ष यान मंगलवार तड़के अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) से अलग हो चुका है. भारतीय समय के अनुसार, बुधवार सुबह 3:27 बजे वे फ्लोरिडा तट पर उतरेंगे. वे स्पेसएक्स के ड्रैगन अंतरिक्ष यान के जरिए लौट रहे हैं. यह यात्रा लगभग 17 घंटे की होगी. लेकिन, वे परिवार वालों से तुरंत नहीं मिल सकेंगे. ऐसे में आइए जानते हैं धरती पर लौटने के बाद क्या होगा?
मेडिकल चेकअप
सुनिता विलियम्स और उनके साथी को कैप्सूल से बाहर निकाले जाएंगे और स्ट्रेचर पर रखा जाएगा. यह एक सुरक्षात्मक प्रक्रिया है क्योंकि लंबे समय तक अंतरिक्ष में रहने से मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं और संतुलन बिगड़ सकता है. डॉक्टर्स उनका शारीरिक परीक्षण करेंगे ताकि यह देखा जा सके कि वे स्वस्थ हैं या नहीं.
जॉनसन स्पेस सेंटर में स्वास्थ्य परीक्षण
इसके बाद, सभी अंतरिक्ष यात्रियों को ह्यूस्टन के जॉनसन स्पेस सेंटर ले जाया जाएगा, जहां वे कुछ दिनों तक चिकित्सा निगरानी में रहेंगे. जब तक नासा के डॉक्टर उन्हें पूरी तरह स्वस्थ घोषित नहीं कर देते, तब तक उन्हें घर जाने की इजाजत नहीं मिलेगी.
मिशन की समीक्षा
नासा के वैज्ञानिक सुनिता विलियम्स और बुच विल्मोर से उनके अनुभव, चुनौतियों और मिशन की सफलता पर डिब्रीफिंग (रिपोर्ट) लेंगे. इससे वैज्ञानिकों को यह समझने में मदद मिलेगी कि अंतरिक्ष में लंबे वक्त तक रहना इंसानी शरीर और दिमाग पर कैसे असर डालता है.
परिवार से मुलाकात
इतने लंबे समय बाद धरती पर लौटकर सुनिता विलियम्स सबसे पहले अपने परिवार और दोस्तों से मिलेंगी. उन्होंने पहले ही कहा था कि वह अपने दो पालतू कुत्तों से मिलने के लिए बहुत उत्साहित हैं. उन्होंने कहा, 'मेरे परिवार के लिए यह एक मुश्किल समय रहा, शायद मेरे लिए भी ज्यादा मुश्किल.'
शरीर का संतुलन बिगड़ जाना
लंबे समय तक अंतरिक्ष में रहने के कारण सुनिता और बुच को चक्कर, कमजोरी और असंतुलन का सामना करना पड़ सकता है. इसलिए, जमीन पर लौटते ही उन्हें बैठा दिया जाता है ताकि वे गिरे नहीं.
'बेबी फीट' समस्या
अंतरिक्ष में चलना नहीं पड़ता, इसलिए पैरों की त्वचा मुलायम हो जाती है, जैसे छोटे बच्चे के पैर. धरती पर आने के बाद उन्हें फिर से सख्त होने में कई हफ्ते लग सकते हैं.
आंखों की रोशनी पर असर
अंतरिक्ष में गुरुत्वाकर्षण (gravity) न होने की वजह से शरीर में खून का प्रवाह ऊपर चला जाता है, जिससे चेहरा सूजा हुआ दिखता है और आंखों पर दबाव पड़ता है. इससे कम दिखने की समस्या हो सकती है.
एक्सरसाइज
नासा के मुताबिक, हर महीने अंतरिक्ष में रहने से हड्डियों की मजबूती 1% कम हो जाती है. इसलिए, वापस आने के बाद हड्डियों को मजबूत करने के लिए एक्सरसाइज और खान-पान पर ध्यान देना पड़ता है.
खून का संचार
धरती पर गुरुत्वाकर्षण ज्यादा होने के कारण दिल को खून को सिर तक पहुंचाने में ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है. इससे चक्कर आने की समस्या हो सकती है, जिसे 'ऑर्थोस्टेटिक हाइपोटेंशन' कहते हैं.
मिशन क्यों इतना लंबा हो गया?
सुनिता विलियम्स और बुच विल्मोर को अंतरिक्ष में सिर्फ 8 दिन रुकना था, लेकिन उनकी बोइंग स्टारलाइनर कैप्सूल में तकनीकी खराबी आ गई. इसके कारण नासा ने उन्हें सुरक्षित रखने के लिए ISS पर ही रोक लिया.