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First Ice Making Machine: फ्रिज से तो सुना होगा, मशीन से पहली बार कब जमाई गई थी बर्फ? गजब है ये किस्सा

History of Ice machine: जॉन गोरी एक डॉक्टर थे, जो फ्लोरिडा के गर्म और उमस भरे मौसम में मलेरिया जैसी बीमारियों के इलाज के लिए रोगियों को ठंडा रखने के तरीकों की खोज कर रहे थे. उस समय प्राकृतिक बर्फ को दूर-दराज के क्षेत्रों, जैसे उत्तरी अमेरिका के झीलों से काटकर जहाजों के माध्यम से लाया जाता था, जो महंगा और समय लेने वाला था.

First Ice Making Machine: फ्रिज से तो सुना होगा, मशीन से पहली बार कब जमाई गई थी बर्फ? गजब है ये किस्सा
Rachit Kumar|Updated: Jul 13, 2025, 11:37 PM IST
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Knowledge News: फ्रिज में तो आपने कई बार बर्फ जमाया होगा. लेकिन, क्या आपको पता है कि पहली बार मशीन का इस्तेमाल कर बर्फ कब जमाया गया था. इसका जवाब इतिहास के पन्नों में दर्ज है.

माना जाता है कि 14 जुलाई 1850 को पहली बार मशीन के माध्यम से बर्फ जमाने का पहला प्रदर्शन किया गया था. जॉन गोरी एक डॉक्टर थे, जिन्होंने पहली बार मशीन के जरिए बर्फ जमाई. हालांकि, इसके पीछे की वजह काफी रोचक है.

जॉन गोरी ने तैयार की थी मशीन

जॉन गोरी एक डॉक्टर थे, जो फ्लोरिडा के गर्म और उमस भरे मौसम में मलेरिया जैसी बीमारियों के इलाज के लिए रोगियों को ठंडा रखने के तरीकों की खोज कर रहे थे. उस समय प्राकृतिक बर्फ को दूर-दराज के क्षेत्रों, जैसे उत्तरी अमेरिका के झीलों से काटकर जहाजों के माध्यम से लाया जाता था, जो महंगा और समय लेने वाला था.

गोरी ने इस समस्या को हल करने के लिए एक ऐसी मशीन बनाने की कोशिश की, जो आर्टिफिशियल तौर पर बर्फ बना सके. उन्होंने एक कंप्रेशन बेस्ड रेफ्रिजरेशन मशीन बनाई, जो हवा को कंप्रेस और एक्सटेंड करके ठंडक पैदा करती थी. यह आधुनिक रेफ्रिजरेशन तकनीक का शुरुआती रूप था.

लोग रह गए थे हैरान

उन्होंने 14 जुलाई 1850 को मशीन का इस्तेमाल करके पहली बार सार्वजनिक रूप से आर्टिफिशियल बर्फ का प्रदर्शन किया. यह प्रदर्शन शायद एक सामाजिक या वैज्ञानिक सभा में किया गया, जहां उन्होंने दिखाया कि उनकी मशीन गर्म मौसम में भी बर्फ बना सकती है.
गोरी के इस प्रदर्शन ने लोगों को हैरान कर दिया. लोग सोचने पर मजबूर हो गए कि क्या ऐसा हो सकता है, क्योंकि उस समय बर्फ को केवल प्राकृतिक रूप से ठंडे क्षेत्रों से हासिल किया जाता था. गोरी ने जो करके दिखाया था, उससे इस बात का संकेत मिला कि मशीन के माध्यम से कहीं भी बर्फ जमाई जा सकती है.

मील का पत्थर था ये आविष्कार

इतिहासकारों के मुताबिक, गोरी की इस खोज को रेफ्रिजरेशन बिजनेस की नींव के तौर पर मील का पत्थर माना गया. जिसका उपयोग बाद में खाद्य संरक्षण, चिकित्सा, और अन्य क्षेत्रों में हुआ. उन्हें 1851 में अपनी मशीन के लिए पेटेंट मिला, जो आर्टिफिशियल बर्फ बनाने की प्रक्रिया का पहला पेटेंट था. लेकिन, उन्हें व्यावसायिक सफलता नहीं मिली.

इसके पीछे कारण यह था कि इसे बड़े पैमाने पर लागू करना काफी खर्चीला साबित होता, दूसरी ओर लोगों के पास प्राकृतिक बर्फ का व्यापार अभी भी एक विकल्प के तौर पर था. उस दौर में यह काफी प्रचलित था. इतिहासकारों के अनुसार, उनके विचारों ने अन्य आविष्कारकों और इंजीनियरों को इस दिशा में काफी प्रेरित किया. जिससे आधुनिक रेफ्रिजरेशन और एयर कंडीशनिंग तकनीक विकसित हुई.

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