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Myanmar News: क्या फिर लोकतंत्र की राह पर लौटेगा म्यांमार? मिलिट्री जुंटा ने किया ये ऐलान, साथ ही लगा दी बड़ी शर्त

Myanmar Election News in Hindi: क्या म्यांमार फिर लोकतंत्र की राह पर लौटने जा रहा है? देश के मिलिट्री जुंटा ने इस संबंध में बड़ी घोषणा की है. साथ ही राजनीतिक दलों के लिए बड़ी शर्त भी रख दी है.

Myanmar News: क्या फिर लोकतंत्र की राह पर लौटेगा म्यांमार? मिलिट्री जुंटा ने किया ये ऐलान, साथ ही लगा दी बड़ी शर्त
Devinder Kumar|Updated: Mar 08, 2025, 10:35 PM IST
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When will elections be held in Myanmar: म्यांमार में पिछले 4 साल से जारी सैन्य तानाशाही शायद अगले साल तक खत्म हो सकती है. देश पर शासन कर रहे मिलिट्री जुंटा ने घोषणा की है कि इस साल के अंत या अगले साल तक म्यांमार में चुनाव हो सकते हैं. दावा है कि इन चुनावों 4 दर्जन से ज्यादा दलों ने शामिल होने की रजामंदी भी दे दी है. म्यांमार की सैन्य सरकार की ओर से नामित प्रधानमंत्री मिन आंग ह्लाइंग ने बेलारूस की अपनी यात्रा में यह ऐलान किया. 

म्यांमार में कब होंगे आम चुनाव?

मिन आंग ह्लाइंग ने कहा कि उनके देश में चुनाव दिसंबर 2025 या जनवरी 2026 में होने की संभावना है. 'ग्लोबल न्यू लाइट ऑफ म्यांमार' की रिपोर्ट के अनुसार, ह्लाइंग ने बेलारूस में कहा, "2020 के आम चुनाव में धोखाधड़ी के कारण, हमें आपातकाल की स्थिति घोषित करनी पड़ी और अस्थायी रूप से देश की जिम्मेदारी लेनी पड़ी. इसलिए, हम कानून के तहत जल्द ही स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने की योजना बना रहे हैं."

ह्लाइंग ने कहा, "हम दिसंबर 2025 में या जनवरी 2026 तक चुनाव कराने की योजना बना रहे हैं. 53 राजनीतिक दलों ने चुनाव में भाग लेने के लिए अपनी सूची पहले ही जमा कर दी है. चुनाव के संबंध में, हम बेलारूस से निगरानी टीमों को भी आमंत्रित करते हैं कि वे आएं और निरीक्षण करें."

प्रचार अभियान के लिए रखी ये शर्त

पिछले महीने, एक कैबिनेट मीटिंग के दौरान, ह्लाइंग ने कहा था कि राजनीतिक दल तभी अपना अभियान शुरू कर सकते हैं, जब क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनी रहे. उन्होंने कहा कि शासन ने उत्तरी शान राज्य, राखीन, काचिन, काया (करेनी), करेन और चिन राज्यों और मध्य म्यांमार के बड़े हिस्से को विद्रोही समूहों के हाथों खो दिया है.

हालांकि, सैन्य जुंटा के चुनावी वादों की घरेलू और वैश्विक स्तर पर निंदा हुई. स्थानीय मीडिया आउटलेट 'द इरावाडी' ने बताया कि चुनावी वादों को धोखाधड़ी करार दिया गया है, जिसका उद्देश्य एक निर्वाचित सरकार को हटाने वाली सेना द्वारा शासन को मजबूत करना है.

सू की पर बंद अदालत में चल रहा मुकदमा

म्यांमार की सेना ने नवंबर 2020 के चुनावों के परिणामों को अमान्य घोषित करने के बाद 1 फरवरी, 2021 को तख्तापलट करके सत्ता अपने हाथ में ले ली. देश की पूर्व नेता आंग सान सू की को तब से एक अज्ञात स्थान पर रखा गया है और उन पर बंद अदालत में मुकदमा चलाया जा रहा है, जहां पर्यवेक्षकों की पहुंच नहीं है.

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय के अनुसार, माना जाता है कि सैन्य जुंटा द्वारा 10,000 से अधिक राजनीतिक कैदियों को हिरासत में लिया गया है, और कम से कम 175 की हिरासत में मौत हो गई है.

(एजेंसी आईएएनएस)

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