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ट्रंप को नोबेल दो, 6 महीने में 6 देशों के बीच कराया सीजफायर... व्हाइट हाउस ने फिर लिया भारत-पाकिस्तान का नाम

Give Trump Nobel Please Prize: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दुनियाभर में कई देशों के बीच चल रहे झगड़ों को खत्म करवाकर शांति कायम की है. ये दावा व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने किया है. उनका कहना है कि ट्रंप हर महीने औसतन एक शांति समझौता करा रहे हैं. इसके लिए उन्हें नोबेल देना चाहिए. जानें पूरी खबर.

ट्रंप को नोबेल दो, 6 महीने में 6 देशों के बीच कराया सीजफायर... व्हाइट हाउस ने फिर लिया भारत-पाकिस्तान का नाम
krishna pandey |Updated: Aug 01, 2025, 09:54 AM IST
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Trump ended 6 conflicts deserves Nobel Prize: White House: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दुनियाभर में कई देशों के बीच चल रहे झगड़ों को खत्म करवाकर शांति कायम की है. ये दावा व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने किया है. उनका कहना है कि ट्रंप हर महीने औसतन एक शांति समझौता करा रहे हैं. इतना ही नहीं, कैरोलिन ने तो ये भी कहा कि ट्रंप को इसके लिए नोबेल शांति पुरस्कार मिलना चाहिए. यानी अमेरिका यह मान रहा है कि उसने कई देशों के बीच चल रहे खूनी जंग को रुकवा दिया. आइए जानते हैं ट्रंप ने किस-किस देशों के बीच सीजफायर कराने का दावा किया? जानें पूरी खबर. 

ट्रंप ने कितने देशों में कराया सीजफायर? जिसकी वजह से नोबेल की मांग
WION में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका की व्हाइट हाउस प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने दावा किया है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दुनियाभर के कई देशों के बीच चल रहे संघर्षों को खत्म कराकर शांति स्थापित कराई है. उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार मिलना चाहिए. कैरोलाइन ने बकायदा कुछ देशों का नाम भी लिया जिसमें  थाईलैंड और कंबोडिया, इज़राइल और ईरान, रवांडा और कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य, भारत और पाकिस्तान, सर्बिया और कोसोवो, और मिस्र और इथियोपिया है.

एक महीने में एक सीजफायर
कैरोलाइन का दावा है कि ट्रंप की वजह से इन देशों में खूनी जंग रुक पाई. यानी राष्ट्रपति ट्रंप ने अपने छह महीने के कार्यकाल के दौरान औसतन हर महीने लगभग एक शांति समझौता या युद्धविराम करवाया है. अब समय आ गया है कि राष्ट्रपति ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार दिया जाए."

थाईलैंड-कंबोडिया संघर्ष पर शांति समझौता
प्रेस सचिव ने बताया कि थाईलैंड और कंबोडिया के बीच चल रहे खून-खराबे में 3 लाख से ज्यादा लोग बेघर हो गए थे. लेकिन राष्ट्रपति ट्रंप की दखल के बाद दोनों देशों के बीच तुरंत और बिना शर्त संघर्षविराम हुआ. मलेशिया के प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम ने इस वार्ता में मध्यस्थता की, जिसमें दोनों देशों के नेताओं के बीच शांति पर सहमति बनी. ट्रंप ने दोनों देशों के नेताओं को सीधी चेतावनी दी थी कि अगर युद्ध नहीं रुका तो अमेरिका से व्यापार की कोई बात नहीं होगी. इसके बाद दोनों देश मान गए और बातचीत शुरू हुई.

भारत-पाक संघर्ष को लेकर एक बार फिर बड़ा दावा
कैरोलिन लेविट ने यह भी कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप की कोशिशों से भारत और पाकिस्तान के बीच भी संघर्ष खत्म हुआ. हालांकि भारत सरकार ने इस दावे को पहले दिन से नकारा है.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में साफ किया कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान किसी भी देश के नेता ने भारत को रोकने के लिए नहीं कहा. मोदी ने बताया कि अमेरिका के उपराष्ट्रपति ने उन्हें कॉल किया था, लेकिन वे अपनी सेना के साथ मीटिंग में थे इसलिए बात नहीं हो सकी. बाद में उन्होंने उपराष्ट्रपति से बात की और पाकिस्तान के संभावित हमले पर सख्त जवाब दिया था. इसके बाद भी ट्रंप कई मौके पर भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर के मामले में खुद के नाम की क्रेडिट खा रहे हैं.

इस खबर से जुड़े 5 अहम सवाल-जवाब 

1. सवाल: व्हाइट हाउस ने राष्ट्रपति ट्रंप को लेकर क्या दावा किया है?
जवाब: व्हाइट हाउस ने कहा कि ट्रंप ने दुनियाभर में कई देशों के बीच शांति समझौते कराए हैं, जिनमें भारत-पाकिस्तान भी शामिल हैं.

2. सवाल: क्या भारत सरकार ने इस दावे को माना है?
जवाब: नहीं, भारत ने अमेरिकी दावे को खारिज कर दिया और कहा कि भारत ने अपनी कार्रवाई बिना किसी बाहरी दबाव के की.

3. सवाल: ऑपरेशन सिंदूर क्या था?
जवाब: यह भारत की एक सैन्य कार्रवाई थी, जिसमें पाकिस्तान और पीओजेके के आतंकी ठिकानों पर हमला किया गया था.

4. सवाल: थाईलैंड और कंबोडिया के बीच शांति कैसे हुई?
जवाब: मलेशिया की मध्यस्थता और अमेरिका की सख्त चेतावनी के बाद दोनों देशों ने बिना शर्त संघर्षविराम को स्वीकार किया.

5. सवाल: राष्ट्रपति ट्रंप को लेकर क्या मांग की जा रही है?
जवाब: व्हाइट हाउस की ओर से मांग की गई है कि ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार दिया जाए.

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