Druze Muslims: मीडिल-ईस्ट के कई मुल्कों में लंबे वक्त से अशांति फैली हुई है. कहीं जंग जैसे हालात हैं तो कहीं मुल्क के अंदर ही फिरकावाराना झगड़े और हिंसा जारी है. इस इलाके का एक बड़ा नाम सीरिया भी पिछले कई सालों से इसी आग में जल रहा है. सीरिया में पिछले कई सालों से हालात बेहद खराब हैं. बशर अल-असद को सत्ता से उखाड़ फेकने के बाद भी मुल्क में अमन नहीं आई है. अब अहमद हुसैन अल-शरा के नेतृत्व वाली नई सरकार बनी है, लेकिन हालात पहले जैसे ही बने हुए हैं. मुल्क में सांप्रदायिक हिंसा रुकने का नाम नहीं ले रही है. लोगों में डर बना हुआ है, नई सरकार बनने के बाद अवाम को उम्मीद थी कि मुल्क में अमन लौटेगी, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया. अब यह हिंसा और ज्यादा खतरनाक हो गई है. इससे मुल्क की हालत और बिगड़ गई है. देश के बड़े इलाके पर कंट्रोल स्थापित करने की कोशिश कर रही सीरियाई सरकार की मुश्किलें बढ़ गईं हैं.
हालिया हिंसक झड़पें 13 जुलाई को शुरू हुईं, जब एक द्रुज़ अल्पसंख्यक व्यापारी के अगवा करने की खबर सामने आई. जैसे ही यह खबर फैली, दक्षिणी सीरिया में द्रुज़ मिलिशिया और सुन्नी बेडौइन लड़ाकों के बीच झड़पें शुरू हो गईं. इसके दो दिन बाद, 15 जुलाई को इजरायल ने इस मामले में सैन्य हस्तक्षेप करते हुए कहा कि उसकी सेनाएं द्रुज़ आबादी की रक्षा करने और उन्हें निशाना बनाने वाली सीरियाई सरकार समर्थक ताकतों को खत्म करने की कोशिश में जुटी हुई हैं. इजरायल ने दमिश्क में घातक हवाई हमले कर दिए. इजरायली सेना ने सीरियाई सेना के हेडक्वार्टर और रक्षा मंत्रालय को निशाना बनाया.
सीरियन ऑब्ज़र्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स के मुताबिक, रविवार से सीरिया के स्वेदा प्रांत में कम से कम 350 लोग मारे गए हैं. याद रहे कि अप्रैल और मई 2025 में द्रुज़ बाहुल्य वाले स्वेदा प्रांत में द्रुज़ लड़ाकों और नए सीरियाई सुरक्षा बलों के बीच लड़ाई में दर्जनों लोग मारे गए थे. इससे पहले मार्च में, सीरिया के तटीय प्रांतों में झड़पों में पूर्व शासक बशर अल-असद के समर्थकों, अलावी अल्पसंख्यक के सैकड़ों सदस्यों के मारे जाने की खबरें सामने आई थीं.
सीरिया में जारी अशांति और उसके बाद हुए हिंसक इज़राइली हमलों ने सीरिया में सिक्योरिटी की सूरतेहाल के चिंताओं को फिर से जगा दिया है. जबकि ये मुल्क पिछले एक दशक से भी ज़्यादा वक्त से गृहयुद्ध और दिसंबर 2024 में इस्लामी विद्रोहियों द्वारा दमिश्क पर कब्ज़ा करने का सामना कर रहा है. सीरिया के मौजूदा शासक अहमद अल-शरा ने देश के अल्पसंख्यकों की रक्षा करने की कसम खाई है. लेकिन ऐसे में सवाल उठता है कि जहां इजरायल पिछले कई महीनों से गाजा में बमों की बारिश कर रहा है, जिसमें हजारों बेगुनाह और मासूम फिलिस्तिनियों मारे जा रहे हैं, लेकिन वो द्रुज मुस्लिम को बचाने के लिए लिए सीरिया पर विध्वंसक बमबारी क्यों कर रहा है? इसकी सबसे बड़ी वजह है इजरायल का अपना स्वार्थ. इजरायल का द्रुज मुसलमानों से किस तरह का स्वार्थ है ये जानने से पहले ये जान लेते हैं कि द्रुज मुस्लिम कौन हैं?
द्रुज एक अरबी बोलेन वाला अकलियत बिरादरी के हैं, जो सीरिया, लेबनान, इज़रायल और कब्जे वाला गोलान हाइट्स में रहते हैं. द्रुज़ मजहब शिया इस्लाम की एक शाखा है, जिसकी अपनी खास पहचान और अकाईद (मान्यताएं) हैं. द्रुज कम्युनिटी खुद को 'मोवाहदून' कहते हैं, जिसका मतलब है 'वे जो एक खुदा पर ईमान रखते हैं.' उन्हें 'बन्नू मारुफ़' के नाम से भी जाना जाता है. कहा जाता है कि 'द्रुज' नाम द्रुज सूफी मुहम्मद इब्न इस्माइल अल-द्रुजी की वजह पड़ा, जिन्होंने लेबनान और सीरिया में अपने विश्वासों का प्रचार किया था. द्रुज बुनियादी तौर पर लेबनान, सीरिया के अलावा इज़रायल और जॉर्डन में पाए जाते हैं और कुछ तादाद में अन्य देशों में भी हैं. इस मजहब के करीब दस लाख अनुयायियों में से आधे सीरिया में रहते हैं, जहां वे कुल आबादी के लगभग तीन फीसदी हैं.
जबकि, इज़रायली केंद्रीय सांख्यिकी ब्यूरो के मुताबिक, इज़रायल और इज़रायली कब्जे वाले गोलान हाइट्स में करीब 152,000 द्रुज़ रहते हैं, जो राज्य के प्रति वफ़ादार माना जाते हैं, क्योंकि इसके मेंबर सैन्य सेवा में हिस्सा लेते हैं. सीरिया में द्रुज की मौजूदगी सदियों पुरानी है. इस कम्युनिटी ने यहां की सियासत और युद्धों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. लेकिन द्रुज ऐतिहासिक रूप से देश की पॉलिटिकल सिस्टम में एक कमज़ोर ग्रुप रहे हैं, और उनके लड़ाके करीब 14 साल के गृहयुद्ध के दौरान दक्षिणी सीरिया में एक्टिव रहे हैं.
दिसंबर 2024 में बशर अल-असद के शासन के पतन के बाद से द्रुज़ समुदाय दक्षिणी सीरिया पर कंट्रोल स्थापित करने के सरकारी कोशिशों का विरोध कर रहा है. हालांकि सीरिया में अलग-अलग द्रुज़ गुट की नई सरकार के बारे में विचार अलग हैं, कई गुटों ने स्वेदा में सीरियाई सैन्य मौजूदगी पर आपत्ति जताई है और द्रुज़ लड़ाकों को सीरियाई सेना में शामिल करने का विरोध किया है.
FAQs
सवाल:- द्रुज़ मुस्लिम कौन हैं?
जवाब:- द्रुज़ मुस्लिम एक अरबी बोलने वाली कम्युनिटी है. इनकी मान्यताएं शिया इस्लाम से जुड़ी हैं, लेकिन उनका अपना अलग मजहबी ढांचा और यकीन हैं.इस समुदाय की दुनिया भर में कुल आबादी करीब 10 लाख है, जिनमें से 5 लाख सीरिया में रहते हैं.
सवाल:- सीरिया में हालिया हिंसा कैसे शुरू हुई और इसका द्रुज़ समुदाय से क्या रिश्ता है?
जवाब:- सीरिया में हालिया हिंसा 13 जुलाई 2025 को दक्षिणी सीरिया में एक द्रुज़ बिजनेसमैन के अगवा होने के बाद द्रुज़ मिलिशिया और सुन्नी बेडौइन लड़ाकों के बीच झड़पें शुरू हो गईं. इसके बाद हालात और बिगड़ गए और 15 जुलाई को इज़रायल ने सैन्य हस्तक्षेप करते हुए सीरियाई सेना पर घातक हवाई हमले किए.
सवाल:- इज़रायल द्रुज़ मुसलमानों की हिफाजत क्यों कर रहा है?
जवाब:- इज़रायल का द्रुज़ कम्युनिटी से रणनीतिक स्वार्थ जुड़ा है. इज़रायल में करीब 1.5 लाख द्रुज़ मुस्लि रहते हैं, जो यहूदी राष्ट्र प्रति वफ़ादार माने जाते हैं. साथ ही, इ समुदाय के लोग सेना में सर्विस करते हैं.