India Origin Zohran Mamdani: भारतीय मूल के जोहरान ममदानी अमेरिका ही नहीं दुनिया के सबसे बड़े और अमीर शहर न्यूयॉर्क बनने के प्रबल दावेदार बन गए हैं. जोहरान ने डेमोक्रेट पार्टी के भीतर दूसरे उम्मीदवारों को पछाड़ दिया है. उनके कड़े प्रतिद्वंद्वी और पूर्व गवर्नर एंड्रयू क्यूमो ने ममदानी से हार मान ली है. ममदानी जीतते हैं तो वो न्यूयॉर्क शहर के पहले मुस्लिम और भारतीय मूल के पहले शख्स होंगे. न्यूयॉर्क मेयर चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी का उम्मीदवार बनने के लिए पार्टी में हुए आंतरिक चुनाव के वोटों की बुधवार को गिनती हुई. 80 फीसदी वोटों की गिनती के साथ नंबर दो पर चल रहे क्यूमो ने हार मान ली. सेक्स स्कैंडल और वित्तीय अनियमितताओं के आरोपों का सामना कर रहे थे.हालांकि ममदानी को भी पूरा बहुमत नहीं मिला है.
दिग्गजों का समर्थन
67 साल के क्यूमो को पिछले साल सेक्स स्कैंडल के कारण इस्तीफा देना पड़ा था.ऐसे में डेमोक्रेट पार्टी अब ममदानी के साथ खड़ी दिखाई दे रही है. दो दिग्गज सीनेटर एलेक्जेंड्रिया ओकेसिया कोर्टेज और सीनेटर बर्नी सैंडर्स का समर्थन भी ममदानी को मिल चुका है.
मौजूदा मेयर के खिलाफ गुस्सा
न्यूयॉर्क शहर के मौजूदा मेयर एरिक एडम्स इस बार डेमोक्रेटिक पार्टी से रेस में नहीं है. वो निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं. एडम्स का कार्यकाल भ्रष्टाचार और अनियमितातओं के लिए बदनाम रहा है.अमेरिका में रिपब्लिकन पार्टी की सरकार भले ही रही हो, लेकिन कैलीफोर्निया और न्यूयॉर्क जैसे शहरों में डेमोक्रेटिक पार्टी का ही कब्जा रहा है. ममदानी फलस्तीन का मानवाधिकार के मुद्दे पर समर्थन करते रहे हैं और इस कारण डोनाल्ड ट्रंप और रिपब्लिकन पार्टी के निशाने पर रहे हैं. कम अनुभव को लेकर दूसरे उम्मीदवार उनकी आलोचना करते रहे हैं.
सोशल मीडिया स्टार बने ममदानी
जोहरान ममदानी के मुकाबले अन्य उम्मीदवार काफी अमीर हैं, लेकिन ममदानी अपना प्रचार सोशल मीडिया से चला रहे हैं. सोशल मीडिया पर टिकटॉक, इंस्टाग्राम से लेकर वीडियो के जरिये वो न्यूयॉर्क की जनता में पैठ बना चुके हैं. भारतीय मूल के लोगों के साथ अश्वेतों में उनकी अच्छी खासी पकड़ बन चुकी है. दूसरे उम्मीदवारों के मुकाबले ममदानी सबसे कम उम्र के हैं. अफ्रीकी मूल के लोग भी उन्हें खूब पसंद कर रहे हैं.
सात साल पहले मिली नागरिकता
जोहरान ममदानी 7 साल की उम्र में न्यूयॉर्क आ गए थे.उन्होंने ब्रोंक्स हाईस्कूल ऑफ साइंस से ग्रेजुएट किया. साथ ही अफ्रीकन स्टडीज में भी डिग्री साहिल की.उन्हें 2018 में अमेरिकी नागरिकता मिली और सिर्फ 28 साल में वो असेंबली के लिए चुन लिए गए. पिता महमूद को मार्क्सवाद का प्रकांड विद्वान माना जाता है. उनकी मां मीरा नायर ने मॉनसून वेडिंग और द नेमसेक जैसी फिल्म के लिए कई बड़े पुरस्कार जीते हैं. ममदानी ने न्यूयॉर्क में महंगे मकानों से परेशान लोगों के लिए हाउसिंग काउंसलर के तौर पर काम किया. वो न्यूयॉर्क विधानसभा में चुने गए दक्षिण एशियाई शख्स रहे.
जोहरान ममदानी के चुनावी वादे
घरों का किराया नहीं बढ़ाया जाएगा
सरकारी बसें मुफ्त उपलब्ध होंगी
5 साल तक के बच्चों को फ्री डे केयर
गरीबों को सस्ता राशन मुहैया कराएंगे
अमीरों और कंपनियों टैक्स लगाएंगे