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Pradosh Vrat 2024: 5 या 6 अप्रैल कब है शनि प्रदोष व्रत? जानिए शुभ मुहूर्त और महत्व

Pradosh Vrat 2024: अक्सर प्रदोष व्रत की तारीख को लेकर लोगों में असमंजस की स्थिति बनी रहती है. कई बार प्रदोष व्रत रखने वाले इसकी तारीख को लेकर उलझन में रहते हैं. ऐसे में जानते हैं, अप्रैल का पहले प्रदोष व्रत की सही तारीख के बारे में.  

Pradosh Vrat 2024: 5 या 6 अप्रैल कब है शनि प्रदोष व्रत? जानिए शुभ मुहूर्त और महत्व

नई दिल्ली: Pradosh Vrat 2024: हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत की विशेष मान्यता है. इस दिन भगवान शिव की पूजा की जाती है. प्रदोष व्रत हर महीने के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर रखा जाता है. प्रदोष व्रत का नाम सप्ताह के दिन के अनुसार होता है. इस दिन व्रत रखकर शिव जी के साथ मां पार्वती की पूजा की जाती है. इस दिन पूजा और व्रत करने से शिव जी की कृपा प्राप्त होती है. इस व्रत को करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और परिवार में सुख-शांति और समृद्धि आती है. आइए जानते हैं, अप्रैल का पहला प्रदोष व्रत कब है.

हर महीने दो प्रदोष व्रत
हर महीने दो प्रदोष व्रत होते हैं. चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि  6 अप्रैल, दिन शनिवार को रखा जाएगा. प्रदोष व्रत भी अलग-अलग तरह के होते हैं, सोमवार को पड़ने वाले प्रदोष व्रत को सोम प्रदोष व्रत कहते हैं. मंगलवार को जो प्रदोष व्रत पड़ता है उसे भौम प्रदोष व्रत कहते हैं, इसी तरह बुध प्रदोष व्रत, गुरु प्रदोष व्रत, शुक्र प्रदोष व्रत, शनि प्रदोष व्रत और रवि प्रदोष व्रत रखे जाते हैं.

शनि प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि का 6 अप्रैल, सुबह 10 बजकर 19 मिनट पर शुरू हो जाएगी और इस तिथि का समापन अगले दिन 7 अप्रैल, सुबह 6 बजकर 53 मिनट पर हो जाएगा. संध्या के समय प्रदोष काल में प्रदोष व्रत की पूजा होती है इस चलते 6 अप्रैल के दिन ही प्रदोष व्रत रखा जाएगा. 

शनि प्रदोष व्रत पूजा विधि
प्रदोष व्रत के दिन सुबह स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनें. पूजा के दौरान शिवलिंग को गंगाजल और गाय के दूध से स्नान कराएं. घर में भगवान शिव जी के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें. भगवान शिव को पंचामृत, फल, फूल, मिठाई, और अन्य सामग्री अर्पित करें. इसके शिवलिंग पर कनेर के फूल, बेलपत्र और भांग अर्पित करें. 'ॐ नमः शिवाय' मंत्र का जाप करें. 

शनि प्रदोष व्रत के महत्व  
शनि प्रदोष व्रत रखने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है. यह व्रत पापों का नाश करता है और जीवन में सुख-शांति और समृद्धि लाता है. प्रदोष व्रत से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.

(Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Bharat इसकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.)

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