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DRDO बना रहा नेक्स्ट-जेनरेशन 'अग्निपुत्र' बैलिस्टिक मिसाइल, ताकत ऐसी कि S-400 और THAAD भी मांगेगे पानी

DRDO Next-gen ICBM missile features: DRDO की इस बेहद घातक मिसाइल में एंटी-बैलिस्टिक मिसाइल क्षमताएं होंगी. जिसका मतलब है, यह मिसाइल दुश्मन की किसी भी एंटी-बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस सिस्टम को चकमा देने या उसे भेदने में सक्षम होगी.

DRDO बना रहा नेक्स्ट-जेनरेशन 'अग्निपुत्र' बैलिस्टिक मिसाइल, ताकत ऐसी कि S-400 और THAAD भी मांगेगे पानी
Prashant Singh|Updated: Jul 28, 2025, 01:38 PM IST
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DRDO Next-gen ICBM missile India: DRDO अब एक नेक्स्ट-जेनरेशन इंटरकांटिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल यानी ICBM पर काम कर रहा है, जिसकी सबसे बड़ी खासियत उसकी एडवांस्ड 'एंटी-ABM' यानी एंटी-बैलिस्टिक मिसाइल क्षमताएं होंगी. इसका मतलब है कि यह मिसाइल दुश्मन की किसी भी मिसाइल डिफेंस प्रणाली को भेदकर अपने लक्ष्य तक पहुंचने में सक्षम होगी, भले ही वो रूसी S-400 और अमेरिकी THAAD डिफेंस सिस्टम ही क्यों न हो.

  1. DRDO बना रहा है अग्नि सीरीज पर आधारित नई ICBM
  2. मल्टी वॉरहेड, स्टील्थ और जैमिंग टेक्नोलॉजी से होगी लैस

क्या है नेक्स्ट-जेनरेशन ICBM?
यह नया ICBM भारत की 'अग्नि' मिसाइल सीरीज की सफलताओं पर आधारित होगा, लेकिन इसे भविष्य के युद्धक्षेत्र की जरूरतों और उभरते खतरों को ध्यान में रखकर डिजाइन किया जा रहा है. यह सिर्फ लंबी दूरी की मिसाइल नहीं होगी, बल्कि यह दुश्मन की रक्षा प्रणालियों को पूरी तरह नेस्तनाबूद करने की क्षमता के साथ आएगी.

'एंटी-ABM' क्षमताएं क्यों हैं इतनी खास?
'एंटी-ABM' क्षमताएं इस नेक्स्ट-जेनरेशन ICBM की सबसे महत्वपूर्ण विशेषता हैं, जो इसे बेहद खास और दुश्मन के लिए अजेय बनाती हैं. ऐसे में, यह मिसाइल एक ही बार में कई वॉरहेड ले जा सकती है, जिनमें से प्रत्येक वॉरहेड एक अलग लक्ष्य को निशाना बना सकता है. यह दुश्मन की मिसाइल डिफेंस को भ्रमित कर देता है, क्योंकि उसे एक के बजाय कई लक्ष्यों को रोकना पड़ता है.

दुनिया के एडवांस डिफेंस सिस्टम को देगी चकमा
इतना ही नहीं, मिसाइल के वॉरहेड में उड़ान के अंतिम चरण में अपनी दिशा बदलने की क्षमता होगी. जो इसे दुश्मन के इंटरसेप्टर मिसाइलों से बचने में मदद करेगा. साथ ही, एडवांस्ड डिकॉय और जैमिंग सिस्टम से भी लैस होगा. यानी मिसाइल झूठे लक्ष्य छोड़ सकती है या दुश्मन के रडार और मिसाइल डिफेंस सिस्टम को भ्रमित करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक जैमिंग का इस्तेमाल कर सकती है.

रिपोर्ट के मुताबिक, वॉरहेड को इस तरह से डिजाइन किया जा रहा है कि वे दुश्मन के हमलों का सामना कर सकें और रडार पर कम दिखाई दें यानी ये स्टील्थ क्षमता से लैस की जा रही है.

भारत की बढ़ेगी मारक क्षमता
इस नेक्स्ट-जेनरेशन ICBM का विकास भारत की सामरिक प्रतिरोधक क्षमता को एक नए युग में ले जाएगा. वहीं, भारत की परमाणु नीति 'नो फर्स्ट यूज' की है. ऐसी मिसाइलें इस नीति को और भी विश्वसनीय बनाती हैं, क्योंकि वे दुश्मन को यह सुनिश्चित करती हैं कि भारत के पास किसी भी हमले का मुहतोड़ जवाब देने की क्षमता है, जिसे रोका नहीं जा सकता.

साथ ही, यह मिसाइल भारत को परमाणु शक्तियों के क्लब में एक और अधिक शक्तिशाली सदस्य के रूप में स्थापित करेगी, जो वैश्विक सामरिक संतुलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.

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