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Lok sabha Chunav 2024: 5वें चरण में दांव पर है बिहार के दो दिग्गजों की राजनीतिक विरासत, रोहिणी-चिराग में से कौन मारेगा बाजी?

Lok sabha Chunav 2024: लोकसभा चुनाव के पांचवें चरण में बिहार की पांच लोकसभा सीटों पर मतदान होना है, लेकिन लोगों की नजर सारण और हाजीपुर लेाकसभा क्षेत्रों पर होगी, जहां मतदाता बिहार की राजनीति के दो दिग्गज राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव और लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) के संस्थापक रहे रामविलास पासवान की सियासत की विरासत पर फैसला करेंगे.

Lok sabha Chunav 2024: 5वें चरण में दांव पर है बिहार के दो दिग्गजों की राजनीतिक विरासत, रोहिणी-चिराग में से कौन मारेगा बाजी?
  • सारण से रोहिणी तो हाजीपुर से चिराग हैं मैदान में
  • सारण सीट से लालू यादव ने 4 बार जीता है चुनाव

नई दिल्लीः Lok sabha Chunav 2024: लोकसभा चुनाव के पांचवें चरण में बिहार की पांच लोकसभा सीटों पर मतदान होना है, लेकिन लोगों की नजर सारण और हाजीपुर लेाकसभा क्षेत्रों पर होगी, जहां मतदाता बिहार की राजनीति के दो दिग्गज राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव और लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) के संस्थापक रहे रामविलास पासवान की सियासत की विरासत पर फैसला करेंगे.

सारण से रोहिणी तो हाजीपुर से चिराग हैं मैदान में

इस चुनाव में लालू प्रसाद के परिवार की परंपरागत सीट समझे जाने वाले सारण से लालू की विरासत संभालने के लिए विपक्षी महागठबंधन ने उनकी बेटी रोहिणी आचार्य को चुनावी मैदान में उतारा है. एनडीए ने हाजीपुर लोकसभा क्षेत्र से लोजपा संस्थापक रामविलास पासवान के पुत्र चिराग पासवान को अपना प्रत्याशी बनाया है.

सारण सीट से लालू यादव ने 4 बार जीता है चुनाव

सारण से लालू यादव चार बार चुनाव जीतकर संसद पहुंचे हैं. सबसे पहले वर्ष 1977 में वह यहां से जीते थे. उसके बाद 1989, 2004 और 2009 में भी लालू प्रसाद ने इस सीट से जीत हासिल की. हालांकि लालू को यहां से हार का भी सामना करना पड़ा है. पहले इस संसदीय सीट का नाम छपरा था. माना जा रहा है कि इस बार लालू की विरासत संभालने के लिए चुनावी मैदान में उतरी रोहिणी आचार्य का यहां से जीतना न केवल लालू के लिए, बल्कि पूरी पार्टी के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न है. 

हालांकि रोहिणी की राह बहुत आसान नहीं है. उनका मुख्य मुकाबला निवर्तमान सांसद राजीव प्रताप रूडी से है. वह भी इस क्षेत्र से जीत का चौका लगा चुके हैं.

हाजीपुर ने रामविलास पासवान का दिया है साथ

वहीं हाजीपुर क्षेत्र रामविलास की कर्मभूमि रही है. यहां से वे रिकॉर्ड मतों से जीतकर गिनीज बुक में नाम भी दर्ज करवा चुके हैं. इस सीट पर सामाजिक आधार हो या वोट बैंक की राजनीति, देश के मुद्दे हों या राज्य के मुद्दे, मतदाताओं ने अधिकतर मौकों पर रामविलास पासवान को ही समर्थन दिया है.

जमुई छोड़कर हाजीपुर से चुनाव लड़ रहे चिराग

हाजीपुर की राजनीति में चार दशकों तक वर्चस्व कायम रखने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के भाई पशुपति कुमार पारस पिछला चुनाव यहां से जीते थे. इसके बाद वे राजनीति में खुद को भाई का उत्तराधिकारी मान रहे थे. हालांकि, इस चुनाव में हालात बदल गए हैं और चिराग अपनी पुरानी सीट जमुई को छोड़कर हाजीपुर से ताल ठोक रहे हैं. 

चिराग का मुख्य मुकाबला राजद के नेता शिवचंद्र राम से है. कहा जा रहा है कि इस सीट के चुनाव का परिणाम न केवल एनडीए की विजयी सीटों में इजाफा करेगा बल्कि यह भी तय करेगा कि पासवान की विरासत कौन संभालेगा.

दोनों सीटों पर 20 मई को होना है मतदान

ऐसे में यह तय है कि राजद और लोजपा (रा) ने भले ही दोनों सीटों से प्रत्याशी उतारे हैं, लेकिन सही मायनों में सारण के परिणाम से जहां लालू की प्रतिष्ठा की परीक्षा होगी, वहीं हाजीपुर में चिराग की ताकत भी आंकी जाएगी. बहरहाल, इन दोनों सीटों पर पांचवें चरण में 20 मई को मतदान होना है. मतगणना 4 जून को होगी.

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