भारतीय वायुसेना हमारे देश की सुरक्षा का एक अहम हिस्सा है. इसमें काम करने वाले अफसर और जवान न केवल आसमान में, बल्कि जमीन पर भी अनुशासन और शान का प्रतीक माने जाते हैं. उनकी वर्दियां उनके काम, माहौल और मौके के अनुसार तय की जाती हैं. बहुत कम लोगों को यह पता होता है कि भारतीय वायुसेना के पास एक नहीं, बल्कि 17 अलग-अलग प्रकार की वर्दियां होती हैं. हर वर्दी की एक खास पहचान होती है और उसका उपयोग अलग-अलग परिस्थितियों में किया जाता है. ये वर्दियां मुख्य रूप से तीन तरह की होती हैं, समर (गर्मी), विंटर (सर्दी) और स्पेशल कॉम्बैट यूनिफॉर्म.
समर यूनिफॉर्म्स
गर्मी के मौसम में पहनी जाने वाली वर्दियों की लिस्ट काफी लंबी है. इनमें ड्रेस नंबर 2, 2A, 4, 6, 8, 8A, 10, 10A और 12 शामिल हैं.
ड्रेस नंबर 2 और 2A ऐसी वर्दियां होती हैं, जो किसी समारोह या खास मौके पर पहनी जाती हैं. इनमें अधिकारियों का रैंक और पद साफ नजर आता है. ड्रेस नंबर 4 और 6 आम दफ्तर के कामों के लिए होती हैं, जिन्हें आराम और प्रैक्टिकल कामों को ध्यान में रखकर डिजाइन किया गया है. ड्रेस नंबर 8, 8A, 10 और 10A, ये सभी मेस ड्रेस होती हैं. जब अफसर किसी मेस पार्टी, डिनर या खास सामूहिक आयोजन में शामिल होते हैं, तो यही ड्रेस पहनी जाती है. ड्रेस नंबर 12 को फील्ड ड्रेस कहा जाता है. यह वर्दी ट्रेनिंग या ग्राउंड ऑपरेशन्स में पहनी जाती है. यह हल्की और लचीली होती है, ताकि हर परिस्थिति में आसानी से काम किया जा सके.
विंटर यूनिफॉर्म्स
सर्दियों में वर्दियां बदल दी जाती हैं, क्योंकि ठंड से बचाव के साथ-साथ प्रोफेशनल दिखना भी जरूरी होता है. ड्रेस नंबर 1 और 3, सर्दी के खास आयोजनों में पहनी जाती हैं, जो बहुत ही सुंदर और शानदार दिखती हैं. ड्रेस नंबर 5, 7 और 7A, ये ऑफिस या डेली ड्यूटी के लिए होती हैं, जो गर्म कपड़े से बनी होती हैं ताकि ठंड से सुरक्षा मिल सके. ड्रेस नंबर 9 मेस ड्रेस होती है, जो केवल ठंड के मौसम में पहनी जाती है. इसके अलावा, एक खास ब्लैक लेदर जैकेट भी दी जाती है, जो खासकर ठंडे इलाकों में पहनी जाती है.
स्पेशल कॉम्बैट यूनिफॉर्म
साल 2022 में वायुसेना ने एक नई वर्दी पेश की थी, जिसे डिजिटल कैमोफ्लाज कॉम्बैट यूनिफॉर्म कहते हैं. यह वर्दी लड़ाई के समय, खास ऑपरेशन्स या मिशन के दौरान पहनी जाती है. इसे इस तरह से डिजाइन किया गया है कि यह हर तरह के मौसम और इलाके में पहनी जा सके. खास बात यह है कि यह वर्दी भारत में ही तैयार की गई है और यह 'मेड इन इंडिया' और 'आत्मनिर्भर भारत' के विजन से जुड़ी हुई है.