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अबू सलेम, क्रिश्चियन मिशेल, छोटा राजन और राणा का प्रत्यर्पण सफल; माल्या, बरार और वॉरेन एंडरसन का इंतजार

26/11 Mumbai terror attacks: पिछले कुछ सालों में भारत ने अबू सलेम, क्रिश्चियन मिशेल, छोटा राजन और अब तहव्वुर राणा जैसे कई हाई-प्रोफाइल भगोड़ों को प्रत्यर्पित करने में कामयाबी हासिल की है. हालांकि, विजय माल्या, गोल्डी बरार और वॉरेन एंडरसन जैसे अन्य लोगों की वापसी का इंतजार अभी भी जारी है.  

अबू सलेम, क्रिश्चियन मिशेल, छोटा राजन और राणा का प्रत्यर्पण सफल; माल्या, बरार और वॉरेन एंडरसन का इंतजार

India's extradition list: 26/11 मुंबई आतंकी हमलों में शामिल होने के आरोपी तहव्वुर हुसैन राणा को भारत प्रत्यर्पित कर दिया गया है और वह गुरुवार शाम को नई दिल्ली के पालम हवाई अड्डे पर उतरने वाला है. अब उस पर भारतीय कानून के तहत मुकदमा चलेगा.

यात्रा के दौरान राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) और रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (RAW) की एक संयुक्त टीम ने उसे एस्कॉर्ट किया.

राणा को बुधवार शाम को अमेरिका से एक विशेष विमान से भेजा गया. US में उसने अपना प्रत्यर्पण रोकने के लिए सभी कानूनी विकल्प अपनाए, लेकिन वह सफल नहीं हुआ.

भारत की प्रत्यर्पण प्रक्रिया 1962 के प्रत्यर्पण अधिनियम द्वारा शासित होती है, जो बताता है कि भगोड़े अपराधियों को भारत में कैसे लाया जा सकता है या भारत से कैसे भेजा जा सकता है. अब तक भारत ने 48 देशों के साथ प्रत्यर्पण संधियों पर हस्ताक्षर किए हैं और 12 अन्य देशों के साथ प्रत्यर्पण व्यवस्था की है.

भारत में प्रमुख सफल प्रत्यर्पण
पिछले कुछ वर्षों में, भारत ने कई हाई-प्रोफाइल भगोड़ों को सफलतापूर्वक वापस लाया है:

अबू सलेम (पुर्तगाल से, 2005)
दाऊद इब्राहिम के करीबी सहयोगी, अबू सलेम को 11 नवंबर, 2005 को पुर्तगाल से प्रत्यर्पित किया गया था. वह 1993 के मुंबई बम धमाकों में मुख्य आरोपी था और हत्या और जबरन वसूली के कई मामलों में शामिल था. वह वर्तमान में नासिक जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहा है.

इस साल की शुरुआत में, उसने बॉम्बे हाई कोर्ट से अपनी रिहाई की तारीख तय करने का अनुरोध किया, यह तर्क देते हुए कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के आधार पर उसे 25 साल से अधिक जेल में नहीं रखा जा सकता है.

क्रिश्चियन मिशेल (यूएई से, 2018)
अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी हेलिकॉप्टर घोटाले में बिचौलिया होने के आरोपी मिशेल को दिसंबर 2018 में यूएई से प्रत्यर्पित किया गया था. हाल ही में उसे मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में दिल्ली हाई कोर्ट और इससे पहले सीबीआई मामले में सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दी थी.

रक्षा सौदों में भ्रष्टाचार को उजागर करने में उसके प्रत्यर्पण को भारत की बड़ी जीत के रूप में देखा गया.

रवि पुजारी (सेनेगल से, 2020)
कभी एक खतरनाक अंडरवर्ल्ड डॉन रहे रवि पुजारी ने अफ्रीकी देशों में छिपकर सालों तक पुलिस को चकमा दिया, लेकिन फिर सेनेगल से प्रत्यर्पित किया गया. वह हत्या और जबरन वसूली सहित 200 से ज्यादा मामलों में वांछित था. उसकी वापसी को वैश्विक आपराधिक नेटवर्क के खिलाफ एक मजबूत कदम के तौर पर देखा गया.

छोटा राजन (इंडोनेशिया से, 2015)
कभी दाऊद इब्राहिम का टॉप सहयोगी रहा छोटा राजन, जो बाद में उसका प्रतिद्वंद्वी बन गया था. उसे इंडोनेशिया के बाली से प्रत्यर्पित किया गया था. उस पर कई गंभीर आरोप लगे थे और वापस लौटने के बाद से उसे कई मामलों में दोषी ठहराया गया है. उसकी गिरफ्तारी डी-कंपनी के वैश्विक नेटवर्क को तोड़ने में एक बड़ी सफलता थी.

अभी और कौन बाकी?
गोल्डी बरार
कनाडा में रहने वाला बरार गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या सहित कई गंभीर अपराधों के लिए वांछित है. उसके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया गया है, लेकिन कनाडा की कानूनी प्रक्रिया के कारण उसके प्रत्यर्पण में देरी हो सकती है.

अनमोल बिश्नोई
गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के छोटे भाई को नवंबर 2024 में फर्जी दस्तावेजों पर यात्रा करने के लिए अमेरिका में हिरासत में लिया गया था. भारत ने प्रत्यर्पण प्रक्रिया शुरू कर दी है, लेकिन रिपोर्ट्स बताती हैं कि वह अमेरिका में शरण मांग सकता है, जिससे चीजें धीमी हो सकती हैं. चूंकि वह कनाडा में रह रहा था, इसलिए वहां के अधिकारी पहले हिरासत की मांग कर सकते हैं.

विजय माल्या
किंगफिशर एयरलाइंस से संबंधित वित्तीय धोखाधड़ी और लोन ना चुकाने के लिए वांछित, माल्या का ब्रिटेन से प्रत्यर्पण अभी भी लंबित है. हालांकि ब्रिटेन की अदालतों ने इसे मंजूरी दे दी है, लेकिन कानूनी अपील और देरी ने प्रक्रिया को रोक दिया है.

नीरव मोदी
अरबों डॉलर के पंजाब नेशनल बैंक (PND) घोटाले में आरोपी नीरव मोदी लंदन की जेल में है. यू.के. की अदालतों और गृह सचिव ने 2021 में उसके प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी थी, लेकिन एक गोपनीय कानूनी मामले संभवतः शरण याचिका के कारण इसमें देरी हुई है, जिसे हल होने में समय लग सकता है.

वॉरेन एंडरसन
भारत ने 1984 की भोपाल गैस त्रासदी के लिए यूनियन कार्बाइड के पूर्व सीईओ वॉरेन एंडरसन के प्रत्यर्पण का अनुरोध किया था. हालांकि अमेरिका के साथ प्रत्यर्पण संधि मौजूद है, लेकिन अनुरोध को अस्वीकार कर दिया गया था. एंडरसन कभी भारत नहीं लौटा और 2014 में उसकी मृत्यु हो गई.

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