trendingNow1zeeHindustan2862056
Hindi news >> Zee Hindustan>> राष्ट्र
Advertisement

तुर्की में तबाही लाएगा भारत का 'प्रलय'? एर्दोगन के कट्टर दुश्मन ने देखा 'दहशत' वाला ट्रेलर; अब डिफेंस डील की तैयारी

India-Armenia defence deal: 'प्रलय' मिसाइल की मारक क्षमता 150 किलोमीटर से 500 किलोमीटर तक है.  जो दुश्मन के महत्वपूर्ण ठिकानों पर सटीक और विनाशकारी हमला करने में सक्षम है. आर्मेनिया जैसे देशों के लिए यह हथियार उनकी रक्षा रणनीति में एक गेम चेंजर साबित हो सकता है.

तुर्की में तबाही लाएगा भारत का 'प्रलय'? एर्दोगन के कट्टर दुश्मन ने देखा 'दहशत' वाला ट्रेलर; अब डिफेंस डील की तैयारी
  • प्रलय मिसाइल की मारक क्षमता 500 किमी तक
  • आर्मेनिया ने देखा प्रलय मिसाइल की लाइव टेस्टिंग

Pralay missile India: तुर्की और आर्मेनिया के कड़वाहट भरे रिश्ते से दुनिया वाकिफ है. वहीं, ऑपरेशन सिंदूर के बाद तुर्की ने जिस तरह दुश्मन मुल्क को हथियार मुहैया कराया था. उसका आज न तो कल बदला लेना ही था. ऐसे में, भारत ने हाल में घातक प्रलय मिसाइल का परीक्षण किया है. इसकी रेंज व सटीकत ने न केवल इंडियन आर्मी को प्रभावित किया, बल्कि दुनिया भर की नजर अपनी ओर खींचा. ऐसे में तुर्की के कट्टर दुश्मन आर्मेनिया ने भी अपने खेमे में शामिल करने में दिलचस्पी दिखाई है.

आर्मेनियाई डेलिगेशन की 'प्रलय' में दिलचस्पी
आर्मेनिया हाल के वर्षों में अपने रक्षा आधुनिकीकरण पर काफी ध्यान दे रहा है. पड़ोसी देशों के साथ चल रहे तनाव के बीच, आर्मेनिया अपनी सेना की सामरिक मारक क्षमताओं को बढ़ाना चाहता है. ऐसे में, भारत की 'प्रलय' मिसाइल एक शॉर्ट-रेंज बैलिस्टिक मिसाइल है. जिसके चलते ऐसे किसी भी देश के लिए एक बेस्ट ऑप्शन है, जो दुश्मन के फॉरवर्ड कमांड पोस्ट, एयरफील्ड्स और सैन्य जमावड़ों पर तुरंत और सटीक हमला करना चाहता है.

रिपोर्ट के मुताबिक, एक उच्च-स्तरीय अर्मेनियाई रक्षा प्रतिनिधिमंडल ने भारत का दौरा किया और उन्होंने डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन यानी DRDO द्वारा विकसित 'प्रलय' टैक्टिकल बैलिस्टिक मिसाइल के दो सफल उड़ान परीक्षण देखे. यह दौरा ऐसे समय में हुआ है जब अर्मेनिया, तुर्की और अजरबैजान जैसे अपने क्षेत्रीय प्रतिद्वंद्वियों के मुकाबले अपनी सामरिक मारक क्षमताओं को मजबूत करने में गहरी दिलचस्पी दिखा रहा है.

'प्रलय' मिसाइल की क्या है खासियत?

प्रलय मिसाइल 150 किलोमीटर से 500 किलोमीटर तक के लक्ष्य को भेद सकती है. वहीं, इसमें अत्याधुनिक नेविगेशन और गाइडेंस सिस्टम है, जो इसे अपने टारगेट पर पिनपॉइंट सटीकता के साथ हमला करने में सक्षम बनाती है.

साथ ही, इसकी सबसे बड़ी खासियत है कि इसे मोबाइल लॉन्चर से भी लॉन्च किया जा सकता है, जिससे इसे आसानी से तैनात और स्थानांतरित किया जा सकता है. जिससे यह दुश्मन के लिए एक मुश्किल लक्ष्य बन जाती है. इतना ही नहीं, यह कई तरह के वारहेड ले जाने में सक्षम है, जिससे इसकी मल्टीरोल कैपिसिटी बढ़ जाती है.

ये भी पढ़ें- इंडियन एयरफोर्स को इजरायल देगा दुश्मनों की 'मौत का सामान', नाम सुनते ही चीन-पाक में मची खलबली

भारत का बढ़ता रक्षा निर्यात
अगर आर्मेनिया 'प्रलय' मिसाइलें खरीदने का फैसला करता है, तो यह भारत के लिए एक बड़ा रक्षा निर्यात ऑर्डर होगा. हाल के वर्षों में, भारत ने फिलीपींस जैसे देशों को ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल जैसे बड़े रक्षा सौदे किए हैं. ऐसे में, भारत अब केवल हथियार आयात करने वाला देश नहीं रहा, बल्कि वह विश्व स्तरीय हथियार सिस्टम मुहैया कराने वाला भरोसेमंद निर्यातक भी बन रहा है.

Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.

Read More