नई दिल्लीः Bengal Bandh: पश्चिम बंगाल में बुधवार को बीजेपी ने बंद बुलाया है. मंगलवार को ट्रेनी डॉक्टर से रेप और हत्या के मामले में प्रबन्ना मार्च निकाला गया था. प्रबन्ना मार्च में शामिल प्रदर्शनकारियों पर पुलिस की कार्रवाई हुई जिसके विरोध में भारतीय जनता पार्टी ने बंगाल बंद बुलाया है.
हालांकि पश्चिम बंगाल सरकार ने 28 अगस्त को बुलाए गए बंद में कर्मचारियों से हिस्सा नहीं लेने के लिए कहा है. राज्य सरकार का कहना है कि 12 घंटे के बंद में जनजीवन प्रभावित न हो इसके लिए प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद रहेगा.
मीडिया रिपोर्ट्स में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के मुख्य सलाहकार अलपन बंदोपाध्याय के हवाले से कहा गया है कि राज्य सरकार ने बुधवार को किसी भी तरह के बंद की अनुमति नहीं दी है. सरकार इसमें लोगों से हिस्सा नहीं लेने की अपील करती है. सरकार की ओर से जनजीवन को सामान्य बनाए रखने के लिए कदम उठाए जाएंगे.
राज्य सरकार की ओर से एक अधिसूचना जारी की गई है जिसमें कहा गया है कि पश्चिम बंगाल सरकार के कर्मचारी बंद में शामिल न हो. इसमें कहा गया है कि 28 अगस्त को किसी भी कर्मचारी को पहली और दूसरी पाली में आकस्मिक अवकाश नहीं दिया जाएगा. अगर 28 अगस्त को कोई कर्मचारी अनुपस्थित होता है तो इसे जानबूझकर की गई छुट्टी माना जाएगा. उसका वेतन कटेगा.
वेतन सिर्फ इन आधार पर नहीं कटेगा अगर कर्मचारी अस्पताल में भर्ती हो, परिवार में किसी का मौत हो गई हो, गंभीर बीमारी की वजह से किसी कर्मचारी की पहले से छुट्टी हो या कर्मचारी मैटरनिटी लीव, मेडिकल लीव, चाइल्ड केयर लीव या 2 अगस्त से पहले स्वीकृत अर्न्ड लीव हो.
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