trendingNow1zeeHindustan2837997
Hindi news >> Zee Hindustan>> राष्ट्र
Advertisement

इंडियन एयरफोर्स की 'तीसरी आंख' बनेगा C-390M विमान, हजारों किमी तक 'ब्योमकेश बक्शी' माफिक करेगा काम; जानें खासियत

C-390M Millennium India: यह ऑफर ऐसे समय में आया है जब इंडियन एयरफोर्स को अपने मौजूदा AWACS प्रोग्राम के लिए पुराने विमानों को ढूंढने में दिक्कत आ रही है. C-390M का यह ऑफर IAF की जरूरतों को पूरा करने के साथ-साथ कई और फायदे भी देगा.

इंडियन एयरफोर्स की 'तीसरी आंख' बनेगा C-390M विमान, हजारों किमी तक 'ब्योमकेश बक्शी' माफिक करेगा काम; जानें खासियत
  • इंडियन एयरफोर्स की बढ़ेगी सर्विलांस क्षमता
  • युद्ध के मैदान में फाइटर जेट को देगा ताकत

Indian Air Force Embraer AWACS offer: इंडियन एयरफोर्स अपनी हवाई निगरानी और परिवहन क्षमता को कई गुना बढ़ाने की तैयारी में है. ब्राजील की बड़ी एयरोस्पेस कंपनी एम्ब्रेयर ने IAF को एक खास ऑफर दिया है. वे अपने C-390M मिलेनियम (C-390M Millennium) प्लेटफॉर्म पर आधारित एक एयरबोर्न वार्निंग एंड कंट्रोल सिस्टम (AWACS) विमान बनाने का ऑफर दिया है. तो चलिए, जानते हैं क्या है ये C-390M और यह कैसे IAF के लिए एक गेम चेंजर साबित हो सकता है.

C-390M- AWACS और ट्रांसपोर्ट का दोहरा फायदा
एम्ब्रेयर का C-390M मिलेनियम एक ट्विन-इंजन, जेट-पावर्ड मीडियम ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट है. यह इंडियन एयरफोर्स के मीडियम ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट कार्यक्रम में एक बड़ा दावेदार है, जिसका लक्ष्य पुराने एंटोनोव An-32 विमानों को बदलना है.

लोड उठाने की क्षमता- इसे 26 टन का वजन उठाने और 2,815 किलोमीटर से अधिक की दूरी तय करने के लिए डिजाइन किया गया है.
मॉडर्न टेक्नोलॉजी- C-390M आधुनिक टर्बोफैन इंजनों, एक फ्लाई-बाय-वायर सिस्टम और एक मॉड्यूलर डिज़ाइन से लैस है. यह डिजाइन इसे कई तरह के काम करने की सुविधा देता है, जैसे कि सैनिकों और सामान को एक जगह से दूसरी जगह ले जाना, हवा में ईंधन भरना, और खुफिया जानकारी इकट्ठा करना.

क्या है C-390M आधारित AWACS की खासियतें?
एम्ब्रेयर का प्रपोजल C-390M पर आधारित एक AWACS वेरिएंट को मिलकर विकसित करना है. यह भारतीय वायुसेना की चीन और पाकिस्तान जैसे देशों से क्षेत्रीय खतरों का मुकाबला करने के लिए एडवांस हवाई निगरानी प्लेटफार्मों की आवश्यकता को पूरा करने में सक्षम है.

तेजी से एकीकरण- पुराने ERJ-145s के विपरीत, जिनमें बड़े बदलाव करने पड़ते हैं, C-390M को बनाते समय ही AWACS सिस्टम को इसमें जोड़ा जा सकता है. इससे डेवलपमेंट का काम आसान हो जाता है और IAF की जरूरतों को शुरू से ही पूरा किया जा सकता है.

एडवांस क्षमताएं- C-390M का बड़ा एयरफ्रेम भारी पेलोड को सपोर्ट करता है. इसमें एडवांस AESA रडार को जोड़ा जा सकता है, जो 300 या 360 डिग्री कवरेज दे सकता है. इसमें बेहतर इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सूट और नेट-सेंट्रिक ऑपरेशंस के लिए रियल-टाइम डेटा लिंक भी होंगे.

लंबी उड़ान- C-390M का पेलोड क्षमता और लंबी उड़ान भरने की क्षमता इसे जटिल मिशन सिस्टम्स, जैसे ऑपरेटर कंसोल, गैलियम नाइट्राइड आधारित रडार और सेल्फ-डिफेंस सूट के लिए उपयुक्त बनाती है.

'मेक इन इंडिया' को मिलेगी नई ताकत
एम्ब्रेयर ने महिंद्रा डिफेंस सिस्टम्स के साथ साझेदारी की है, जिसके तहत भारत में C-390M की एक फाइनल असेंबली लाइन स्थापित की जाएगी. यह 'मेक इन इंडिया' पहल को बढ़ावा देगा और टेक्नोलॉजी ट्रांसफर व स्थानीय उत्पादन के अवसर पैदा करेगा.

बता दें, IAF ने अभी तक C-390M प्लेटफॉर्म का औपचारिक रूप से मूल्यांकन नहीं किया है, लेकिन इसके प्रदर्शन और मल्टीरोल इसे एक मजबूत विकल्प बनाती है.

ये भी पढ़ें- इंडियन एयरफोर्स 5वीं पीढ़ी के 60 'स्टील्थ' फाइटर जेट से होगी लैस? चीन-पाक की चालों का देगी माकूल जवाब, जानें पूरा प्लान

Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.

Read More