India Pakistan Tension: पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आने वाले देशों में से एक है. ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत ने पाकिस्तान की बखिया उधेड़ दी थी. इसके बावजूद, पाक कुछ न कुछ गुस्ताखी की जुर्रत करता रहता है. फिलहाल, चीन के साथ स्वार्म ड्रोन की तैनाती का गुल खिला रहा है. जिसको लेकर भारतीय डिफेंस एक्स्पर्ट सौरव झा ने अहम जानकारी दी है. ऐसे में, आइए जानते हैं क्या है ये 'स्वार्म ड्रोन' और क्यों ये हमारी सुरक्षा के लिए एक बड़ी चुनौती बन सकते हैं.
'स्वार्म ड्रोन' लागत में कम खतरा बड़ा
स्वार्म ड्रोन. ये छोटे आपस में जुड़े हुए मानवरहित हवाई सिस्टम हैं. ये अपनी कम लागत, मल्टी रोल इस्तेमाल और बड़ी संख्या में आकर पारंपरिक डिफेंस सिस्टम को घेर लेते हैं. जो आधुनिक युद्ध में एक बड़ी ताकत बनकर उभरे हैं.
ऐसे में डिफेंस एक्सपर्ट सौरव झा ने अलर्ट किया है कि चीन-पाक धुरी इन ड्रोनों को 5,000-10,000 फीट से अधिक ऊंचाई पर काम करने के लिए ढाल रही है. इतनी ऊंचाई पर भारतीय सेना की L70 जैसी पारंपरिक एंटी-एयरक्राफ्ट गन अप्रभावी हो जाती हैं. जिसकी प्रभावी रेंज करीब 3,500 मीटर है.
इन ड्रोनों का मकसद भारत को महंगी सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों पर निर्भर होने के लिए मजबूर करना होगा, जिससे मिसाइल भंडार पर खर्च ज्यादा बढ़ जाएगा.
IAF की मिसाइलों को खत्म करने की 'चाल'
हालिया रिपोर्ट बताती हैं कि चीन, पाकिस्तान को स्वार्म ड्रोन टेक्नोलॉजी या जानकारी दे रहा है, जिसे शायद उच्च-ऊंचाई वाले ऑपरेशंस के लिए तैयार किया गया है. ऐसे ड्रोन हल्के पेलोड के साथ टोही, इलेक्ट्रॉनिक युद्ध, या यहां तक कि आत्मघाती हमलों के लिए भी लैस किए जा सकते हैं, जिनका मकसद भारत की हवाई रक्षा प्रणालियों को थकाना होगा.
भारत कैसे दे सकता है जवाब?
भारत के पास दुनिया की सबसे एडवांस डिफेंस सिस्टम है. जिसकी ताकत दुनिया ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान देखी. हालांकि, छोटे व कम लागत वाले हमलों को रोकने के लिए भारी-भरकम मिसाइलों से जवाब देना सही नहीं होगा. ऐसे में, भारत को एंटी-ड्रोन सिस्टम डेवलप करना चाहिए. जो 10,000 फीट की ऊंचाई पर भी दुश्मन के हमलों को नेस्तनाबूद कर सकें.
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