trendingNow1zeeHindustan2569750
Hindi news >> Zee Hindustan>> राष्ट्र
Advertisement

Ambedkar Row: पिक्चर अभी बाकी है! 'अंबेडकर' का मुद्दा नहीं पड़ा ठंडा, अब शाह को ऐसे घेरेगी कांग्रेस

Congress Protest over Ambedkar Issue: कांग्रेस ने अंबेडकर के मुद्दे पर भाजपा और गृह मंत्री अमित शाह को घेरने की पूरी प्लानिंग बना ली है. 26 जनवरी तक कांग्रेस इस मुद्दे को उठाती रहेगी, ताकि दलित वोटर्स के बीच बना मोमेंटम ज्यादा मजबूत हो सके.

Ambedkar Row: पिक्चर अभी बाकी है! 'अंबेडकर' का मुद्दा नहीं पड़ा ठंडा, अब शाह को ऐसे घेरेगी कांग्रेस
  • 84 लोकसभा सीटें SC के लिए आरक्षित
  • विपक्ष ने इस बार इनमें से 93 सीटें जीती

नई दिल्ली: Congress Protest over Ambedkar Issue: लोकसभा में केंद्रीय गृह मंत्री द्वारा अंबेडकर पर दिए गए बयान पर सियासत तेज है. भले संसद का शीतकालीन सत्र खत्म हो गया हो, लेकिन 'अंबेडकर' का मुद्दा कांग्रेस हाथ से जाने नहीं देना चाहती. जैसे लोकसभा चुनाव में 'संविधान' के मुद्दे पर इंडिया गठबंधन ने भाजपा को घेरकर मोमेंटम बनाया था, ठीक उसी तरह की प्लानिंग कांग्रेस अब कर रही है. चलिए, जानते हैं कि कांग्रेस ने भाजपा को घेरने की क्या रणनीति बनाई है?

संसद से सड़क पर आएगी लड़ाई
शीतकालीन सत्र खत्म होने के बाद कों कांग्रेस 'अंबेडकर' के मुद्दे पर संसद की लड़ाई सड़क पर लाने जा रही है. कांग्रेस के कई दिग्गज नेता 22 और 23 दिसंबर को कांग्रेस 150 से ज्यादा शहरों में प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे. फिर 24 मार्च को हर जिले में कलेक्ट्रेट पर मार्च निकालेंगे. फिर 27 दिसंबर को कर्नाटक के बेलगावी में कांग्रेस एक बड़ी रैली करेगी. इसमें कांग्रेस के राष्ट्रीय स्तर के कई नेता शामिल होंगे.

26 जनवरी तक कांग्रेस जताएगी विरोध
कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल ने बताया- संसद में संविधान पर चर्चा के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अपने भाषण में बाबासाहेब अंबेडकर का अपमान किया. गृह मंत्री शाह के बयान से सभी आहत हैं. अब तक अमित शाह या पीएम मोदी ने इसके लिए माफी नहीं मांगी. कांग्रेस गणतंत्र दिवस यानी 26 जनवरी तक देशभर में बाबासाहेब के अपमान के मुद्दे को उठाएगी.'

विपक्ष का 'मिशन 156'
देश में दलितों की आबादी 20.13 करोड़ है. ये भारत की कुल आबादी का 16.63 फीसदी हिस्सा हैं. 84 लोकसभा सीटें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं. दलित वोटर्स 156 सीटों पर निर्णायक हैं. इनमें से विपक्ष ने 2024 के लोकसभा चुनाव में 93 सीटें जीती. जबकि NDA के खाते में 57 सीटें आईं. जबकि 2019 के लोकसभा चुनाव में NDA ने 91 सीटें जीती थीं. लेकिन विपक्ष के संविधान और आरक्षण वाले नेरेटिव से NDA को 34 सीटों का सीधा नुकसान हुआ. अब कांग्रेस दलित वोटर्स के बीच बने मोमेंटम को तोड़ना नहीं चाहती, बल्कि इसे और मजबूत करने की कवायद में लगी है.

दिल्ली और बिहार के चुनाव पर भी नजर
अगले साल दिल्ली और बिहार में विधानसभा चुनाव होने है. यहां भी दलितों की बड़ी आबादी है. कांग्रेस दिल्ली में अकेले चुनाव लड़ रही है. जबकि बिहार में RJD के साथ गठबंधन है. दिल्ली में अनुसूचित जाति के लिए 12 आरक्षित सीटें हैं. 2008 में कांग्रेस ने इनमें से 9 सीटों पर जीत दर्ज की थी. लेकिन बीते दो चुनाव में AAP सभी 12 सीटों पर जीत दर्ज कर रही है. अब कांग्रेस अपने पारंपरिक वोटर को फिर से अपनी ओर लाना चाहती है. बिहार में भी 38 सीटें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं.

ये भी पढ़ें- नए साल में 'नई बीजेपी'... राष्ट्रीय अध्यक्ष ही नहीं, 2025 में बदले जाएंगे कई और चेहरे भी!

Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.

Read More