trendingNow1zeeHindustan2841979
Hindi news >> Zee Hindustan>> राष्ट्र
Advertisement

समंदर में भारत की 'तीसरी आंख' होगी और पैनी, नौसेना और कोस्ट गार्ड को मिलेंगे 15 समुद्री गश्ती विमान; जानें खासियत

Maritime Patrol Aircraft for India: रक्षा मंत्रालय ने एयरबस और टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड के बीच एक संयुक्त उद्यम को 15 C-295 समुद्री विमानों की खरीद के लिए रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल (RFP) जारी किया है.

समंदर में भारत की 'तीसरी आंख' होगी और पैनी, नौसेना और कोस्ट गार्ड को मिलेंगे 15 समुद्री गश्ती विमान; जानें खासियत
  • एडवांस स्वदेशी सेंसर से लैस होगा C295 समुद्री विमान
  • 12 विमानों को भारत में असेंबल किए जाने की उम्मीद

Indian Navy patrol aircraft: भारत की समुद्री निगरानी और परिचालन क्षमताओं को मजबूत करने के लिए एक बड़ा कदम उठाया गया है. दरअसल मिनिस्ट्री ऑफ डिफेंस ने 15 समुद्री विमानों की खरीद के लिए RFP) जारी किया है. यह रक्षा अधिग्रहण परिषद (DAC) की इस साल की शुरुआत में मिली मंजूरी के बाद आया है, जो मेक इन इंडिया पहल के तहत भारत की समुद्री सुरक्षा को बढ़ाने में एक महत्वपूर्ण कदम है. ऐसे में, आइए जानते हैं क्या हैं ये खास विमान और कैसे ये समंदर में भारत की 'तीसरी आंख' बनकर दुश्मनों पर नजर रखेंगे.

नौसेना और कोस्ट गार्ड को मिलेगी नई ताकत
रिपोर्ट के मुताबिक, डिफेंस मिनिस्ट्री के रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल में 15 C-295 विमानों की खरीद शामिल है. इनमें से 9 विमान इंडियन नेवी (Indian Navy) के लिए मीडियम रेंज मैरीटाइम रिकॉनिसेंस के लिए खरीदे जाएंगे, और 6 विमान इंडियन कोस्ट गार्ड (Indian Coast Guard) के लिए मल्टी-मिशन मैरीटाइम एयरक्राफ्ट के रूप में होंगे.

क्या है C-295 समुद्री विमानों की खासियत?
C-295 समुद्री विमानों की सबसे बड़ी खासियत इसकी एडवांस टेक्नोलॉजी है. जिसमें सोनोबुओय टेक्नोलॉजी भी शामिल है. जो पानी के नीचे आवाज सुनने वाला उपकरण है. साथ ही, इसमें हल्के टॉरपीडो और एंटी-शिप मिसाइलें जैसे DRDO द्वारा डेवलप किए गए NASM-SR और NASM-MR भी शामिल हैं.

इसके इतर, ये विमान एंटी-सबमरीन वॉरफेयर, सरफेस वॉरफेयर और मैरीटाइम सर्विलांस मिशन यानी समुद्री निगरानी मिशन को अंजाम देने में सक्षम हैं.

ऐसे में, C-295s भारत की समुद्री गश्ती क्षमताओं में एक महत्वपूर्ण कमी को पूरा करेंगे, जो नौसेना के लंबी दूरी के बोइंग P-8I विमान और शॉर्ट-रेंज डोर्नियर DO-228 प्लेटफार्मों की जगह लेंगे.

मेक इन इंडिया की बढ़ती ताकत
इस रिक्वेस्ट ऑफ प्रपोजल की सबसे बड़ी बात है कि इसे भारत में ही निर्मित किया जाएगा. एयरबस-टाटा संयुक्त उद्यम इन विमानों का अधिकांश हिस्सा टाटा अपने वडोदरा स्थित फाइनल असेंबली लाइन में बनाएगा. बता दें, इस फैसिलिटी का उद्घाटन अक्टूबर 2024 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और स्पेन के प्रधानमंत्री पेड्रो सांचेज ने किया था.

भारत में यह पहली निजी-क्षेत्र की सैन्य विमान असेंबली लाइन है, जो रक्षा विनिर्माण में आत्मनिर्भरता के लिए सरकार के जोर को दिखाता है.

ऐसे में, 15 विमानों में से 12 विमानों को भारत में असेंबल किए जाने की उम्मीद है, जिसमें 78% तक स्वदेशीकरण होगा. इससे एक मजबूत एयरोस्पेस इकोसिस्टम को बढ़ावा मिलेगा, जिसमें कंपोनेंट मैन्युफैक्चरिंग, असेंबली, टेस्टिंग और रखरखाव शामिल है.

स्वदेशी एडवांस सेंसर से लैस होगा C-295
C-295 समुद्री वेरिएंट में स्वदेशी सेंसर होंगे, जिसमें एक्टिव इलेक्ट्रॉनिकली स्कैन्ड एरे रडार और इलेक्ट्रो-ऑप्टिक/इन्फ्रारेड तकनीक भी शामिल है. जिसे DRDO के सेंटर फॉर एयरबोर्न सिस्टम्स (CABS) की देखरेख में विकसित किया गया है.

कई हजार रोजगार के अवसर
यह खरीद इंडियन एयरफोर्स के 56 C-295 ट्रांसपोर्ट विमानों के मौजूदा कॉन्ट्रैक्ट पर आधारित है, जिनमें से छह स्पेन से डिलीवर किए गए हैं और बाकी वडोदरा में असेंबल किए जाएंगे.

इतना ही नहीं, इस फैसले से 600 से अधिक प्रत्यक्ष नौकरियां, 3,000 अप्रत्यक्ष नौकरियां और 3,000 मध्यम-कुशल रोजगार के अवसर पैदा होने की उम्मीद है, जो भारत के एयरोस्पेस और रक्षा क्षेत्र के विकास में योगदान देगा.

ये भी पढ़ें- पाकिस्तान के 'झुंड ड्रोन' का होगा चुटकियों में सफाया, जर्मनी ने इंडियन आर्मी को दिया तगड़ा ऑफर; जानें पूरा प्लान

Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.

Read More