भारत में कई ऐसी जगहें हैं, जो दिखने में भले ही आम लगती हों, लेकिन उनके अंदर गहरे इतिहास छिपे होते हैं. ऐसी ही एक जगह है, जिसे 'डायमंड हार्बर' के नाम से जाना जाता है. पश्चिम बंगाल के कोने में बसा यह इलाका कभी विदेशी व्यापारियों और आक्रमणकारियों का रास्ता हुआ करता था. आज ये जगह शांत है, लेकिन इसके हर किनारे पर इतिहास की हल्की झलक साफ दिखाई देती है.
डायमंड हार्बर कहां है?
डायमंड हार्बर, पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले में आता है. यह जगह कोलकाता से करीब 50 किलोमीटर दूर है और हुगली नदी के किनारे बसी है. यही नदी आगे चलकर बंगाल की खाड़ी में मिलती है.
इसका नाम डायमंड हार्बर क्यों पड़ा?
जब ब्रिटिश शासन था, तब अंग्रेजों ने इस जगह को एक महत्वपूर्ण बंदरगाह बनाया था. उन्हें यह जगह काफी सुरक्षित और गहराई वाली लगी, इसीलिए उन्होंने इसे 'डायमंड हार्बर' नाम दिया. यहां कभी हीरे नहीं मिले, लेकिन ये नाम जगह के लिए ही मान लिया गया.
इतिहास में क्या खास है?
डायमंड हार्बर के आसपास आज भी कुछ पुराने खंडहर और किले मिलते हैं, जो ब्रिटिश और पुर्तगाली शासन की निशानी माने जाते हैं. एक वक्त था जब यह इलाका व्यापारियों और विदेशी जहाजों का अहम ठिकाना हुआ करता था. यहां से होकर माल और सामान नदी के रास्ते बंगाल की खाड़ी तक भेजा जाता था.
आज की डायमंड हार्बर कैसी है?
अब डायमंड हार्बर एक शांत और सुकून भरी जगह बन चुका है. यहां लोग नदी किनारे घूमने, सनसेट देखने और बोट राइड का मजा लेने आते हैं. यहां एक पुराना लाइटहाउस भी है जो इस जगह की पहचान बन चुका है. साथ ही, यह जगह अब भी मछली पालन, स्थानीय व्यापार और शिपिंग एक्टिविटी के लिए काम आती है. यह इलाका कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट के अंतर्गत आता है.
डायमंड हार्बर कहां स्थित है?
यह पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले में, कोलकाता से लगभग 50 km दूर स्थित है.
डायमंड हार्बर को यह नाम कैसे मिला?
ब्रिटिश शासन के दौरान इसे सुरक्षित और गहरा बंदरगाह मानकर 'डायमंड हार्बर' नाम दिया गया.
डायमंड हार्बर घूमने का सबसे अच्छा समय कौन सा है?
अक्टूबर से मार्च तक का समय मौसम के लिहाज से सबसे बेहतर माना जाता है.