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भारतीय सैनिकों की और चीनी सेना के साथ दिवाली, LAC समेत कई सेक्टरों में बांटी मिठाई, देखें

LAC Diwali: डेमचोक और देपसांग मैदानों में सैनिकों की वापसी के बाद, भारत और चीन ने दिवाली पर मिठाइयों का आदान-प्रदान किया.

भारतीय सैनिकों की और चीनी सेना के साथ दिवाली, LAC समेत कई सेक्टरों में बांटी मिठाई, देखें
  • दिवाली पर वास्तविक नियंत्रण रेखा पर मिठाई बांटी
  • सुधरे भारत-चीन के रिश्ते?

Indian, Chinese troops at LAC: दिवाली के मौके पर वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर कई सीमा बिंदुओं पर भारतीय और चीनी सैनिकों ने एक-दूसरे को मिठाइयां बांटी, जिससे चीन-भारत संबंधों में एक महत्वपूर्ण सुधार देखने को मिला. यह पारंपरिक प्रथा एक बड़ी सफलता के बाद देखने को मिली है. दरअसल, कई राउंड की बातचीत के बाद पूर्वी लद्दाख के डेमचोक और देपसांग मैदानों में दोनों टकराव के बिंदुओं पर सैनिकों की वापसी पूरी हो गई है.

सेना के एक सूत्र ने पीटीआई को बताया, 'दिवाली के अवसर पर वास्तविक नियंत्रण रेखा पर कई सीमा बिंदुओं पर भारत और चीन के सैनिकों के बीच मिठाइयों का आदान-प्रदान हुआ.'

 

यह कदम पूर्वी लद्दाख में दो टकराव बिंदुओं- डेमचोक और देपसांग मैदानों पर हाल ही में हुई सैन्य वापसी के बाद सहयोगात्मक भावना को दर्शाता है. सैनिक एक दिन पहले ही पूरी तरह से पीछे हट गए. दिवाली 2020 से तनावपूर्ण चल रहे चीन-भारत संबंधों को स्थिर करने की दिशा में एक आशाजनक कदम लेकर आई है.

 

यह घटनाक्रम कई सप्ताह तक चली बातचीत के बाद हुआ है, जिसका समापन 21 अक्टूबर को एक समझौते के रूप में हुआ, जिसकी घोषणा विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने दिल्ली में की. इस समझौते का उद्देश्य 2020 के गतिरोध से उपजे मुद्दों को हल करना है, जिसमें पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर गश्त और सैन्य टुकड़ियों की वापसी पर ध्यान केंद्रित किया गया है.

 

भारत-चीन संबंध
अप्रैल 2020 में वास्तविक नियंत्रण रेखा, वास्तविक सीमा पर चीनी सैनिकों की आक्रामकता के कारण भारत और चीन के संबंध खराब हो गए. 15 जून, 2020 को गलवान घाटी में चीनी आक्रमण को विफल करने के दौरान 20 भारतीय सैनिकों के शहीद होने के बाद संबंधों में बहुत टेंशन पनप गया.

बुधवार को सेना के एक सूत्र ने कहा कि दोनों पक्षों के सैनिकों ने दो टकराव बिंदुओं पर वापसी की प्रक्रिया पूरी कर ली है और इन बिंदुओं पर जल्द ही गश्त शुरू हो जाएगी. 

वहीं, स्थानीय कमांडर स्तर पर बातचीत जारी रहने के कारण, दिवाली पर मिठाइयों का आदान-प्रदान भविष्य में और अधिक सहयोगात्मक और शांतिपूर्ण बातचीत के लिए आशा की किरण के रूप में काम कर सकता है. परंपरा से जुड़ा यह इशारा दोनों देशों के बीच सुलह और बातचीत की संभावना को उजागर करता है.

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