आजकल रिमोट कंट्रोल हमारी जिंदगी का एक ऐसा हिस्सा बन गया है कि हम इसके बिना शायद एक पल की कल्पना भी नहीं कर सकते. टीवी हो या एसी, सेट-टॉप बॉक्स हो या म्यूजिक सिस्टम, हर चीज को दूर से कंट्रोल करने की सुविधा ने हमारी जिंदगी को बेहद आसान बना दिया है. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि भारत में इस छोटी सी जादू की छड़ी यानी रिमोट का आगमन कब और कैसे हुआ? आइए जानते हैं.
दुनिया में कब हुई इसकी शुरुआत?
शुरुआती रिमोट तार वाले होते थे. वहीं, पहला वायरलेस टीवी रिमोट 1950 के दशक में अमेरिका में आया था, जिसे जेनिथ रेडियो कॉर्पोरेशन ने बनाया था और इसका नाम 'फ्लैशमैटिक' था. यह रोशनी की तरंगों का इस्तेमाल करता था. धीरे-धीरे, इंफ्रारेड तकनीक वाले रिमोट आने लगे, जो आज भी सबसे ज्यादा इस्तेमाल होते हैं.
भारत में कब आया रिमोट?
भारत में रिमोट कंट्रोल का बड़े पैमाने पर आना दुनिया के बाकी हिस्सों की तुलना में थोड़ा देर से हुआ. इसका मुख्य कारण था भारत की बंद अर्थव्यवस्था और उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स बाजार का सीमित होना, जो 1991 के आर्थिक सुधारों से पहले की स्थिति थी.
जानकारों के मुताबिक, 1980 के दशक के आखिर में कुछ बेहद महंगे या आयातित वीडियो कैसेट रिकॉर्डर यानी VCRs और रंगीन टीवी के साथ रिमोट कंट्रोल देखने को मिले थे. ये उस समय केवल बहुत अमीर घरों या उन घरों में ही उपलब्ध होते थे जहां विदेश से सामान आता था. ऐसे में यह आम आदमी की पहुंच से यह काफी दूर था.
90 के दशक की क्रांति
भारत में रिमोट कंट्रोल की असली क्रांति 1990 के दशक में आई. जब 1991 में आर्थिक उदारीकरण हुआ, तो विदेशी कंपनियों को भारत में कारोबार करने की छूट मिली. इसके बाद एलजी, सैमसंग और सोनी जैसी अंतरराष्ट्रीय ब्रांड्स ने भारतीय बाजार में प्रवेश किया. इन कंपनियों ने अपने उत्पादों के साथ रिमोट कंट्रोल को एक स्टैंडर्ड फैसिलिटीज के रूप में पेश किया.
1990 के दशक के मध्य तक, रंगीन टीवी और वीसीआर के साथ रिमोट कंट्रोल एक आम बात हो गई थी. इस दौरान ही कैसेट प्लेयर और बाद में सीडी प्लेयर जैसे अन्य डिवाइसों के साथ भी रिमोट कंट्रोल आने लगे, जिससे रिमोट की पॉपुलैरिटी देश भर में बढ़ गई.
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