Internet History in India: आज के टाइम में इंटरनेट लोगों की बेसिक सुविधाओं में गिना जाने लगा है. बिना इंटरनेट के लोगों की आम जिंदगी अटक जाती है, रोजमर्रा के काम नहीं हो पाते हैं. यही कारण है कि बच्चे से लेकर बूढों तक को इंटरनेट की आवश्यकता पड़ने लगी है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत में ये डिजिटल क्रांति कब आई? आइए, जान लेते हैं कि भारत में इंटरनेट का इतिहास कितना पुराना है और ये कैसे घर-घर तक पहुंचा?
भारत में पहली बार कब आया इंटरनेट
दरअसल, 15 अगस्त, 1995 को भारत में पहली बार विद्युत संचार निगम लिमिटेड (VSNL) ने आम लोगों के लिए इंटरनेट सेवा शुरू की. उस जमाने में इंटरनेट की स्पीड बहुत धीमी हुआ करती थी. तब इंटरनेट काफी महंगा भी हुआ करता था. तब इंटरनेट सेवा मुख्य रूप से डायल अप कनेक्शन पर बेस्ड थी. तब इसकी गति 9.6 kbps से 28.8 kbps तक थी.
ये लोग करते थे इस्तेमाल
भारत में जब इंटरनेट की शुरुआत हुई, तब इसका इस्तेमाल ज्यादातर कॉरपोरेट घरानों, तकनीकी विशेषज्ञों या अमीर लोगों ने किया. तब इंटरनेट की लागत लगभग ₹25,000 प्रति वर्ष (250 घंटे के लिए) थी. आम लोग इंटरनेट तक नहीं पहुंच पा रहे थे, क्योंकि ये महंगा था.
जब नई दूरसंचार नीति आई
इसके बाद साल 1998 में नई दूरसंचार नीति आई. इससे निजी कंपनियों को इंटरनेट देने का मौका मिला. इन्होंने तेज और सस्ता इंटरनेट देने की कोशिश की. साल 2000 के दशक में भारत में ब्रॉडबैंड आया. तब साइबर कैफे का चलन बढ़ा और युवा यहीं आकर इंटरनेट चलाया करते थे.
900 मिलियन से ज्यादा इंटरनेट यूजर्स
भारत के गांव-ढाणियों में इंटरनेट 2016 में गया, जब Reliance Jio 4G लॉन्च के साथ आई. तब सस्ता डेटा और स्मार्टफोन आम लोगों तक पहुंच गए थे. इसके बाद 5G सेवा शुरू हुई, जिसने इंटरनेट की स्पीड को और बढ़ाया. नतीजा ये रहा कि अब भारत में 900 मिलियन से ज्यादा इंटरनेट यूजर्स हैं.