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DRDO ने ऐसा कौनसा 'घातक' हथियार बनाया? जो दुश्मनों के ड्रोन, मिसाइल और सैटेलाइट पर 'मौत' बनकर बरसेगा

Particle beam weapon India: यह एक ऐसा फ्यूचरिस्टिक हथियार है, जो पारंपरिक हथियारों से बिलकुल अलग है और भारत को अमेरिका, चीन और रूस जैसे देशों की श्रेणी में खड़ा कर देगा, जिनके पास यह एडवांस टेक्नोलॉजी है. 

DRDO ने ऐसा कौनसा 'घातक' हथियार बनाया? जो दुश्मनों के ड्रोन, मिसाइल और सैटेलाइट पर 'मौत' बनकर बरसेगा
  • लेजर बीम वेपन है फ्यूचरिस्टिक हथियार
  • ड्रोन तक को तबाह कर देगा ये वेपन

 

Particle beam weapon India: भारत दुनिया भर में बदलते जंग की तस्वीर पर पैनी नजर बनाए हुए है. यही वजह है कि खुद का 5वीं पीढ़ी का फाइटर जेट बनाने के साथ-साथ, एडवांस हथियारों का जखीरा भी तैयार कर रहा है. इसी कड़ी में, DRDO के 'सेंटर फॉर हाई एनर्जी सिस्टम्स एंड साइंसेज' एक मॉडर्न 'पार्टिकल बीम हथियार' विकसित कर रहा है. आइए जानते हैं यह कैसे काम करेगा और इसकी खासियत क्या है.

कैसे काम करता है पार्टिकल बीम हथियार
पार्टिकल बीम हथियार परमाणु या उप-परमाणु कणों को प्रकाश की गति के करीब तेज गति से फायर करता है. ये कण अपने लक्ष्य से टकराकर उसे नष्ट कर देते हैं. इसके दो प्रमुख फायदे हैं.

पहला काइनेटिक एनर्जी- यह हथियार इतनी ज्यादा किनेटिक ऊर्जा पैदा करता है कि दुश्मन के विमान या मिसाइल में संरचनात्मक खराबी आ जाती है, जिससे वह नष्ट हो जाता है.

दूसरा इलेक्ट्रोमैग्नेटिक पल्स- यह हथियार एक शक्तिशाली इलेक्ट्रोमैग्नेटिक पल्स (EMP) भी बना सकता है. यह EMP दुश्मन के इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम को पूरी तरह से बंद कर देता है, जिससे वह काम करना बंद कर देता है. इसे सॉफ्ट-किल भी कहा जाता है.

रिपोर्ट के मुताबिक, यह हथियार, काली (KALI) पार्टिकल एक्सेलरेटर पर आधारित है, जिसे भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र के साथ मिलकर 1989 में शुरू किया गया था. यह एक्सेलरेटर शक्तिशाली इलेक्ट्रॉन पल्स बनाता है, जिसका इस्तेमाल हल्के लड़ाकू विमान जैसे प्रणालियों की इलेक्ट्रोमैग्नेटिक क्षमता का परीक्षण करने के लिए किया गया है.

ड्रोन, मिसाइल और सैटेलाइट का बनेगा काल
इस पार्टिकल बीम हथियार की क्षमता बहुत ही ज्यादा है और इसे कई रणनीतिक उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है. जैसे, यह हथियार एंटी-मिसाइल भूमिका में बहुत प्रभावी साबित होगा, क्योंकि यह दुश्मन की मिसाइलों को उनके लक्ष्य तक पहुंचने से पहले ही नष्ट कर देगा.

इतना ही नहीं, यह पृथ्वी के वायुमंडल के अंदर और बाहर दोनों जगह काम कर सकता है. इसका मतलब यह है कि इसका इस्तेमाल दुश्मन के सैटेलाइट को निष्क्रिय करने के लिए भी किया जा सकता है, जो आज के समय में युद्ध का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं.

साथ ही, यह हथियार ड्रोन जैसे छोटे हवाई लक्ष्यों को पलक झपकते ही नष्ट कर सकता है, जिससे यह हवाई सुरक्षा में एक बहुत ही प्रभावी हथियार साबित होगा. वहीं, इसकी सबसे बड़ी खासियत है कि इसे फाइटर जेट्स में भी इंटीग्रेट किया जा सकता है, जिससे ये विमान दुश्मन की मिसाइलों से खुद की रक्षा कर सकेंगे.

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