DRDO Dhvai HGV: भारत की रक्षा क्षमता दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है. निरंतर नए-नए हथियारों निर्माण हो रहा है, जो आने वाले दिनों में दुश्मन पर मौत बनकर टूटने वाले हैं. इसी कड़ी में भारत एक हाइपरसोनिक ग्लाइड व्हीकल (HGV) विकसित कर रहा है, जिसका नाम 'ध्वनि' रखा गया है. रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन- DRDO ने पुष्टि की है कि 2029-30 तक 'ध्वनि 'पूरी तरह से विकसित होकर भारतीय सशस्त्र बलों में शामिल होने के लिए तैयार हो जाएगा.
DRDO ने फरवरी में दिखाया मॉडल
DRDO ने इसी साल फरवरी में हैदराबाद के गाचीबोवली स्टेडियम में ‘विज्ञान वैभव’ प्रदर्शनी में ध्वनि हाइपरसोनिक ग्लाइड व्हीकल (HGV) के मॉडल को दुनिया के सामने रखा था. यह लगभग 9 मीटर लंबा और 2.5 मीटर चौड़ा है, जो हाइपरसोनिक तकनीक में भारत की बढ़ती ताकत को दर्शाता है. इस हथियार की ताकत से ही दुश्मन का घबराना तय है.
HGV क्या है, यहां समझिए
HGV ऐसी प्रणाली है, जिसे एक ताकतवर बूस्टर रॉकेट के जरिये ऊपरी वायुमंडल या पृथ्वी की निचली कक्षा से लॉन्च हो सकता है. यह अनपावर्ड तरीके यानी बिना इंजन के ही ग्लाइडिंग के माध्यम से अपने टारगेट की ओर बढ़ता है.
ध्वनि HGV में क्या खासियत?
ध्वनि हाइपरसोनिक ग्लाइड व्हीकल अल्ट्रा-हाई-टेम्परेचर सिरेमिक कम्पोजिट (UHTCC) हीट प्रोटेक्शन सिस्टम (HPS) से लैस है. ये वायुमंडलीय में 2000°C से 3000°C के बीच के तापमान को झेलने की ताकत रखता है. ये हाइपरसोनिक ग्लाइड व्हीकल आसानी से रडार की पकड़ में नहीं आता है. इसकी स्टील्थ ऑप्टिमाइज्ड ज्योमेट्री इसे रडार की से बचाती है. इसमें रिएक्शन कंट्रोल सिस्टम (RCS) है, जो उड़ान के दौरान सटीक ट्रैजेक्ट्री को एडजस्ट करता है.
रूस और अमेरिका की बराबरी करेगा भारत
हाइपरसोनिक कार्यक्रम ने भारत को अमेरिका, रूस और चीन जैसे वैश्विक शक्तियों के साथ खड़ा कर दिया है. रूस का किंझाल और चीन का DF-17 जैसे हथियारों की तरह ध्वनि एक ताकतवर वेपन होगी.
ये भी पढ़ें- राफेल बनेगा 'सुपर जेट', इसमें जुड़ेंगे देसी हथियार! मगर 'सीक्रेट कोड' देने पर क्या बोली फ्रांसीसी कंपनी?