भारत अपनी रक्षा शक्ति में लगातार इजाफा कर रहा है. इसी कड़ी में डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (DRDO) एक नई 'स्टील्थ मिसाइल' बना रहा है, जो दुश्मन की रडार को भी चकमा दे देगी. बता दें, यह मिसाइल अगली जनरेशन की स्टील्थ एयर-लॉन्च्ड क्रूज मिसाइल (ALCM) होगी. आइए इस मिसाइल की ताकत जानते हैं.
यह 'स्टील्थ मिसाइल' कैसे काम करेगी?
DRDO के सूत्रों के मुताबिक, अस्त्र Mk-III मिसाइल से निकले एक नए प्रोग्राम के तहत यह स्टील्थ एयर-लॉन्च्ड क्रूज मिसाइल (ALCM) विकसित की जा रही है. इस प्रोजेक्ट का मुख्य लक्ष्य SFDR यानी सॉलिड फ्यूल डक्टेड रैमजेट टेक्नोलॉजी का उपयोग करना है.
SFDR टेक्नोलॉजी हवा से ऑक्सीजन लेकर काम करने वाले जेट इंजन के सिद्धांतों पर आधारित है. इससे एक लंबी रेंज की, हवा से लॉन्च होने वाली सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल बनेगी, जिसे दुश्मन के लिए रोकना लगभग नामुमकिन होगा.
क्या है SFDR टेक्नोलॉजी की खासियत?
SFDR टेक्नोलॉजी स्टील्थ कैपेबिलिटी के लिए कई फायदे देती है. यह वायुमंडलीय ऑक्सीजन का इस्तेमाल करती है, जिससे मिसाइल का साइज और वजन कम हो जाता है. कम वजन और बेहतर एयरोडायनामिक डिजाइन मिसाइल को रडार पर पकड़ना बेहद मुश्किल बना देता है.
साथ ही, SFDR इंजन पारंपरिक रॉकेट मोटरों की तुलना में अलग तरह की थर्मल सिग्नेचर पैदा कर सकते हैं, जिससे इन्फ्रारेड डिटेक्शन भी कम हो सकता है.
सुपरसोनिक स्पीड में भरेगी उड़ान
वहीं, यह स्टील्थ ALCM मिसाइल एक लंबी दूरी का स्टैंड-ऑफ हथियार होगी. इससे फाइटर जेट्स सुरक्षित दूरी से सटीक हमले कर सकेंगे, जिससे फाइटर जेट के नुकसान होने का खतरा कम होगा.
बता दें, ज्यादातर मौजूदा स्टील्थ क्रूज मिसाइलें धीमी गति यानी सबसोनिक स्पीड पर चलती हैं, लेकिन SFDR-पावर्ड मिसाइल सुपरसोनिक स्पीड पर चलेगी.
इससे दुश्मन के एयर डिफेंस सिस्टम्स को रिएक्ट करने के लिए बहुत कम समय मिलेगा. यह क्षमता एडवांस्ड रडार और इंटरसेप्शन सिस्टम वाले एयर डिफेंस नेटवर्क्स को भेदने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है.
ये भी पढ़ें- भारत के 'गरुड़' तोप पर फिदा हुआ ये ताकतवर देश, अपने बेड़े में शामिल कर दुश्मनों को करेगा ढेर
Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.