ULPGM V3 missile range: भारतीय सेना अपनी मारक और सटीक वार की क्षमता को लगातार नए मुकाम पर ले जा रही है. इसी कड़ी में, DRDO के अल्ट्रा लाइट प्रिसीजन गाइडेड म्यूनिशन (ULPGM) V3 को अब हेलीकॉप्टरों से भी दागा जा सकेगा. यह एक तरह की ऐसी मिसाइल है, जिसे हाल ही में ड्रोन से फायर करने का सफल ट्रायल हुआ था. इस मिसाइल की सबसे खास बात है कि यह 18 किमी की रेंज तक सटीक वार करने में सक्षम है.
क्या है ULPGM V3?
ULPGM V3 यानी अल्ट्रा लाइट प्रिसीजन गाइडेड म्यूनिशन वर्जन 3. DRDO द्वारा विकसित एक हल्का और सटीक गाइडेड मिसाइल है. इसे मुख्य रूप से उन लक्ष्यों को निशाना बनाने के लिए बनाया गया है, जो आसानी से नष्ट हो सकते हैं. जैसे दुश्मन के सैनिकों का जमावड़ा, हल्के वाहन या संचार पोस्ट. वहीं, इसकी प्रिसीजन गाइडेड क्षमता का मतलब है कि यह अपने लक्ष्य को बहुत सटीक तरीके से भेद सकता है, जिससे साइड डैमेज का खतरा कम होता है.
हेलीकॉप्टर और UAVs से तैनाती
ULPGM V3 की सबसे बड़ी खासियत इसे हेलीकॉप्टरों और ड्रोन से लॉन्च करने की क्षमता है. ऐसे में, हल्के अटैक हेलीकॉप्टरों पर इसे लगाने से वे दुश्मन के ठिकानों पर तेजी से हमला कर पाएंगे, खासकर शहरी या पहाड़ी इलाकों में जहां बड़े विमान काम नहीं कर पाते.
वहीं, ड्रोन पर इस मिसाइल की तैनाती से सेना को दुश्मन के इलाकों में छिपी हुई निगरानी और हमला करने की क्षमता मिलेगी. ड्रोन चुपचाप दुश्मन के इलाके में जा सकते हैं, टारगेट की पहचान कर सकते हैं और फिर ULPGM V3 से सटीक हमला कर सकते हैं, जिससे सैनिकों को सीधे खतरे में डाले बिना ऑपरेशन पूरा किया जा सकता है.
ULPGM V3 की रेंज?
वर्तमान में ULPGM V3 की रेंज सीमित है, लेकिन DRDO इसके भविष्य के वर्जन पर काम कर रहा है जिसकी मारक क्षमता 18 किलोमीटर तक होगी. यह रेंज का एक बड़ा अपग्रेड है. जो हेलीकॉप्टरों और UAVs को दुश्मन के खतरों से सुरक्षित दूरी पर रहते हुए भी हमला करने में सक्षम बनाएगा. 18 किलोमीटर की रेंज का मतलब है कि सेना के हवाई प्लेटफॉर्म दुश्मन की छोटी रेंज की एयर डिफेंस सिस्टम की पहुंच से बाहर रहकर भी प्रभावी ढंग से वार कर पाएंगे.
भारतीय सेना की बढ़ेंगी ताकत
ULPGM V3 का विकास और तैनाती भारतीय सेना के लिए कई रणनीतिक फायदे लाएगी. यह जमीनी सैनिकों को तत्काल और सटीक हवाई सहायता प्रदान करेगा. साथ ही, हेलीकॉप्टरों और UAVs पर तैनाती से पायलटों और ऑपरेटरों के लिए जोखिम कम होगा. साथ ही, यह युद्ध के मैदान में सैनिकों को विभिन्न प्रकार के लक्ष्यों के खिलाफ हमला करने के लिए अधिक लचीलापन देगा.
ऐसे में, भारत जिस तरह से दुनिया की एडवांस टेक्नोलॉजी से इंडियन आर्मी को लैस कर रहा है. वह दिन दूर नहीं होगा जब भारत दुनिया की सबसे आधुनिक हथियारों से लैस होगी.
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