DRDO SAAW Weapon With Indian Fighter Jets: भारतीय वायुसेना अपने फाइटर जेट्स को ताकतवर बनाने के लिए इनके साथ आधुनिक तकनीक के कई हथियार इंटीग्रेट कर रही है. इनमें से ज्यादातर हथियार स्वदेशी हैं, जिन्हें रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन यानी DRDO ने बनाया है. अब भारत ने सुखोई Su-30 MKI, मिग-29 और स्वदेशी HAL तेजस जैसे लड़ाकू विमानों में एक खास हथियार इंटीग्रेट कर रहा है.
125 किलोग्राम का स्मार्ट हथियार
रिपोर्ट्स की मानें तो वायुसेना अपने प्रमुख लड़ाकू विमानों को स्वदेशी तकनीक से विकसित स्मार्ट एंटी-एयरफील्ड वेपन (SAAW) से लैस कर रही है. इस उन्नत प्रिसिजन-गाइडेड बम को DRDO ने ही बनाया है. SAAW एक 125 किलोग्राम का स्मार्ट हथियार है, जो दुश्मन के रनवे, बंकर, विमान शेल्टर और रडार स्टेशनों जैसे ठिकानों को नष्ट करने के लिए डिजाइन किया है.
SAAW हथियार में क्या खूबियां हैं?
SAAW खासियत है कि यह 100 किलोमीटर से अधिक दूरी से लक्ष्य को भेद सकता है. इससे वायुसेना के पायलट दुश्मन के हवाई क्षेत्र में घुसे बिना ही हमला कर सकते हैं. SAAW की सटीकता इसकी सबसे बड़ी ताकत मानी जाती है. यह सैटेलाइट नेविगेशन और इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल सीकर्स के मिश्रण से काम करता है, जिससे यह लक्ष्य को तीन मीटर की सटीकता के साथ भेद सकता है. SAAW का विकास 2013 में शुरू हुआ था और कई सफल परीक्षणों के बाद यह अब तैयार है.
SAAW की रेंज भविष्य में बढ़ सकती है
यह प्रोजेक्ट हैदराबाद के DRDO के Research Centre Imarat में विकसित किया है. अब इसका उत्पादन भारत डायनामिक्स लिमिटेड में हो रहा है. DRDO और वायुसेना भविष्य में इस हथियार की रेंज और ताकत को और बढ़ाने की योजना बना रहे हैं ताकि यह आधुनिक युद्ध की चुनौतियों से निपट सके. अब इस हथियार की रेंज भले 100 किमी है, लेकिन भविष्य में इसकी रेंज में इजाफा होने की संभावना है.
ये भी पढ़ें- भारत के पास 40 नहीं, 60 देसी फाइटर जेट होंगे! चीन के जले पर मिर्ची छिड़कने की तैयारी