Nitin Gadkari statement on Driverless cars: Zee भारत के कार्यक्रम 'भारत की उडान' में केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने सड़क सुधार से लेकर हाईवे निर्माण व नियमों पर मुखर होकर बात की. इस दौरान उन्होंने भारत में ड्राइवरलेस कार को लेकर एक बड़ा बयान दिया. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बताया कि हिंदुस्तान में उनके रहते हुए कभी भी ड्राइवरलेस कार नहीं आ सकती है. इसके पीछे उन्होंने कई वजहें बताईं. आइए उन वजहों को जानते हैं.
8 घंटे से ज्यादा बस-ट्रक नहीं चलाएंगे ड्राइवर
नए लेबर लॉ के मुताबिक, कोई भी 8 घंटे से ज्यादा देर तक काम नहीं कर सकता है. ट्रक ड्राइवर 16 से 18 घंटे तक ट्रक चलाते हैं. विदेशों में ऐसा सिस्टम है कि वे कार्ड डाल देते हैं, और 8 घंटे हुए कि ड्राइवरों को उतरना ही पड़ता है, क्योंकि गाड़ी आगे बढ़ ही नहीं सकती है. यही नियम हम भारत में भी जल्द ला रहे हैं. जिसके बाद हमारे यहां भी ट्रकों व बसों में कार्ड सिस्टम होगा. जिससे 8 घंटे होने के बाद गाड़ी आगे चलेगी ही नहीं.
हिंदुस्तान में नहीं आएगी ड्राइवरलेस कार
वहीं, जब हमसे लोग पूछते हैं ड्राइवरलेस कार के बारे में, तो मैंने लोगों से कह दिया है, यह हमारे देश के गरीबों के लिए रोजगार है. मैं जब तक हूं, तब तक देश में ड्राइवरलेस कार नहीं आएगी. क्योंकि लोगों का रोजगार महत्वपूर्ण है.
साथ ही, यह भी बताया कि इसके लिए हम लोग देश भर में 2,000 ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर खोल रहे हैं. खासकर इकोनॉमिकली सोशल वीकली ट्राइब एरिया में, पिछड़े इलाकों में, ताकि वहां के युवाओं को ट्रेनिंग मिले व रोजगार के नए अवसर प्राप्त हों.
सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए उठाए जरूरी कदम
साथ ही, देश में हो रहे सड़क दुर्घटना पर केंद्रीय मंत्री ने कहा, 'हमारे देश में 5 लाख दुर्घटनाएं होती हैं. और 1,80,000 मौतें होती हैं. और मरने वालों की संख्या में 18-34 आयु वर्ग के 66% लोग होते हैं. कोई डॉक्टर है, कोई इंजीनियर है. जितने लोग दंगों, लड़ाई, कोविड में नहीं मरते, उतने एक्सीडेंट में मर रहे हैं.' उन्होंने आगे बताते हुए इसके चार मुख्य कारण व उपाय बताएं.
पहला रोड इंजीनियरिंग. जिनमें हम काफी सुधार किए हैं. इसके लिए हमने 40 हजार करोड़ खर्च को ब्लैक स्पॉट को आइडेंटिफाई करके उसमें सुधार लाया है.
दूसरा ऑटोमोबिल इंजीनियरिंग विभाग है. जिसमें सुधार की जिम्मेदारी हमारी है. जिसके लिए हमने इकोनॉमिक मॉडल में 6 एयरबैग्स कंपलसरी किए हैं. अब ऑटोमोबिल इंजीनियरिंग में भी वर्ल्ड स्टैंडर्ड की परफेक्शन मैच हो रही है.
तीसरी बात इन्फ्रोसमेंट की है. लोग स्कूटर बाइक चलाते समय मोबाइल पर बात करते हैं. रेड सिग्नल पर रूकते नहीं हैं. ऐसे में, हमने रोड सेफ्टी में फाइन बढ़ा दिए.
चौथी बात एजुकेशन है. लोग यह नहीं समझ पाते हैं कि ये जान कितनी कीमती है. यह ह्यूमन बिहेवियर की बात है. रोड के बीच में लोग छलांग लगाकर क्रॉस कर लेते हैं. ऐसे में, मैंने रोड के डिवाइडर को इतना ऊंचा बनाने का आदेश दिया, जिससे ओलंपिक लेवल का खिलाड़ी भी क्रॉस न कर पाए.
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