नई दिल्लीः पूर्वी दिल्ली में गाजीपुर लैंडफिल साइट पर रविवार शाम भीषण आग लग गई. अधिकारियों ने आग लगने के लिए गर्म और शुष्क मौसम को जिम्मेदार ठहराया. वहीं आग लगने के कुछ घंटों बाद सोमवार को भी वहां से धुएं का घना गुबार उठ रहा है. दिल्ली अग्निशमन सेवा (DFS) के अनुसार, कचरे के विशाल पहाड़ से उत्पन्न गैसों के कारण रविवार शाम ‘लैंडफिल’ में भीषण आग लग गई.
‘लैंडफिल’ के करीब रहने वाले कई लोगों ने गले में दिक्कत और सांस लेने में परेशानी होने की शिकायत की है. डीएफएस ने कहा, ‘हमारी टीम वहां हैं और आग को पूरी तरह से बुझाने का काम कर रही हैं. आग लगने की सूचना रविवार शाम पांच बजकर 22 मिनट पर मिली. शुरुआत में हमने दो दमकल गाड़ियां भेजी थीं, लेकिन बाद में आठ दमकल गाड़ियों को काम पर लगाया गया.’
गाजीपुर कूड़े के पहाड़ पर पहले भी हादसे होते रहे हैं. सितंबर 2017 में तो यह पहाड़ मौत बनकर टूटा था. तब दोपहर के समय लैंडफिल साइट के एक हिस्से में जमा कूड़े में धमाका हुआ और वह नीचे ढह गया. मलबा लगभग 500 मीटर दूर तक जा पहुंचा. आलम यह था कि मलब कच्ची सड़, नाले को पार करके मुख्य सड़क से होकर कोंडली नहर तक पहुंच गया था.
मलबे की चपेट में एक कार, स्कूटी और दो बाइकें आ गई थीं. सात लोग नहर में डूब गए थे जिनमें से दो लोगों की मौत हो गई थी जबकि बाकियों को गोताखोरों और स्थानीय लोगों ने बचाया था.
तब शुरुआती जांच में सामने आया था कि बारिश की वजह से लैंडफिल साइट में कूड़ा गीला हो गया था और इसके साथ मीथेन गैस के उत्सर्जन से विस्फोट हुआ था. विस्फोट के चलते पहाड़ के एक हिस्सा का मलबा काफी दूर तक बह गया था.
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