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इंडियन एयरफोर्स के तेजस को मिला 'महा-ऑर्डर', हर साल HAL बनाएगा 30 धांसू लड़ाकू विमान; जानें पूरा प्लान

इंडियन एयरफोर्स का तेजस लड़ाकू विमान पर भरोसा बढ़ता जा रहा है. जिसके पीछे की वजह ऑपरेशन सिंदूर में इसका शानदार परफॉरमेंस है. ऐसे में, आने वाले 5 साल में इंडियन एयरफोर्स के पास 200 से ज्यादा तेजस लड़ाकू विमान होंगे. 

इंडियन एयरफोर्स के तेजस को मिला 'महा-ऑर्डर', हर साल HAL बनाएगा 30 धांसू लड़ाकू विमान; जानें पूरा प्लान
  • IAF के पास होंगे 200 से ज्यादा तेजस विमान
  • 2027 से एक्शन मोड में काम करेगी HAL

हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड ने इंडियन एयरफोर्स की ताकत में जबरदस्त इजाफा करने का एक बड़ा प्लान बनाया है. HAL का लक्ष्य है कि वह 2031 तक IAF को 97 और दमदार तेजस Mk1A फाइटर जेट देने वाला है, जिसके लिए जल्द ही डील फाइनल होने वाली है. 

क्या है HAL की प्लानिंग?
HAL के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर डीके सुनील ने बताया कि IAF और HAL 2025 के आखिर तक 97 अतिरिक्त तेजस लड़ाकू विमानों के लिए डील फाइनल कर लेंगे. इसके बाद, तेजस Mk1A का उत्पादन 2028 में पूरी रफ्तार से शुरू हो जाएगा और HAL की योजना है कि 2027 से हर साल 30 जेट बनाए जाएं.

तेजस Mk1A क्यों है इतना खास?
तेजस Mk1A भारत के अपने हल्के लड़ाकू विमान का एक 'सुपर-अपग्रेडेड' वर्जन है. इसमें कई शानदार सुधार किए गए हैं, जैसे लेटेस्ट एवियोनिक्स यानी विमान के इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम, एक एडवांस्ड AESA रडार जो दुश्मन का बेहतर और तेजी से पता लगाता है, बेहतर इलेक्ट्रॉनिक युद्ध क्षमताएं जिससे दुश्मन के सिस्टम को जाम करने में मदद मिलती है.

रिपोर्ट के मुताबिक, पहले ही 83 तेजस जेट के लिए 2021 में ₹48,000 करोड़ की बड़ी डील हो चुकी है. अभी IAF के पास 40 तेजस Mk1A जेट हैं. इन 97 नए जेट्स के आने से IAF के पास कुल 220 तेजस फाइटर जेट हो जाएंगे, जिससे भारत की हवाई युद्ध क्षमता बेजोड़ हो जाएगी और क्षेत्रीय सुरक्षा में भारत का दबदबा बढ़ेगा.

तेजस लड़ाकू विमान की खासियत
तेजस Mk1A जनरल इलेक्ट्रिक F404-IN20 इंजन से चलता है और इसकी कॉम्बैट रेंज यानी हमले की दूरी 500 किमी से ज्यादा है. साथ ही, यह ब्रह्मोस-NG और अस्त्र Mk-2 मिसाइलों जैसे सुपर-पावरफुल हथियार भी ले जाने में सक्षम है, जो इसे एक मल्टीरोल लड़ाकू विमान बनाते हैं.

इंडियन एयरफोर्स का तेजस पर 'अटूट' भरोसा
IAF ने मई 2025 में 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान तेजस Mk1 जेट्स का धमाकेदार इस्तेमाल किया था. इस ऑपरेशन में तेजस ने राफेल और Su-30MKI विमानों के साथ मिलकर पाकिस्तानी एयरबेस पर 'सटीक और घातक' हमले किए थे.

ऐसे में 97 अतिरिक्त Mk1A जेट्स का ये बड़ा ऑर्डर तेजस के शानदार प्रदर्शन पर IAF के अटूट भरोसे को दिखाता है और ये पुराने MiG-21, MiG-23 और MiG-27 बेड़े की जगह लेंगे.

HAL का लक्ष्य है कि वह 2027 से सलाना 30 विमान बनाए, जो IAF की जरूरतों को पूरी तरह से पूरा करने और पहले की तेजस डिलीवरी में हुई देरी को कम करने में मदद करेगा. कंपनी ने पहले ही बेंगलुरु और नासिक में अपने मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटीज का विस्तार किया है, नासिक में तीसरी यूनिट हर साल 16 जेट बनाने में सक्षम होगी.

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