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न चुनाव हुए, न सरकार बनी... फिर भी हरियाणा कांग्रेस में CM पद के लिए कैसे हो रही रस्साकशी?

 Haryana CM Face Politics:हरियाणा कांग्रेस में गुटबाजी बढ़ती जा रही है. एक तरफ दीपेंद्र हुड्डा अपनी यात्रा निकाल रहे हैं, दूसरी टफ कुमारी शैलजा यात्रा पर निकली हैं. नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र हुड्डा खुद के चेहरे पर चुनाव लड़ना चाहते हैं. जबकि SRB गुट इसके लिए तैयार नहीं है.

न चुनाव हुए, न सरकार बनी... फिर भी हरियाणा कांग्रेस में CM पद के लिए कैसे हो रही रस्साकशी?
  • हरियाणा में सर्वे ने दिखाई कांग्रेस को बढ़त
  • हुड्डा और शैलजा निकल रहे यात्रा

नई दिल्ली: Haryana CM Face Politics: हरियाणा में अक्टूबर-नवंबर में विधानसभा चुनाव होने हैं. यहां पर भाजपा ने गैर-जाट को CM बनाकर सियासी समीकरण पहले से ही साध लिए हैं. जबकि दूसरी ओर, ऐसा लग रहा था कि कांग्रेस जाट वोट बैंक पर फोकस करेगी, इसलिए विधनासभा में नेता प्रतिपक्ष और पूर्व CM भूपेंद्र हुड्डा को फ्री हैंड दिया गया. लेकिन अब पार्टी में अंदरखाने विरोध के स्वर देखने को मिल रहे हैं. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो हरियाणा कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि पार्टी में इसी तरह की गुटबाजी रही तो उम्मीद के मुताबिक परिणाम नहीं आएगा.

हुड्डा Vs शैलजा
विधानसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस के दो दिग्गज नेता दीपेंद्र हुड्डा और कुमारी शैलजा ने प्रदेश में यात्रा की शुरुआत की है. दोनों अलग-अलग यात्रा निकाल रहे हैं. हुड्डा की यात्रा का नाम 'हरियाणा मांगे हिसाब' है. जबकि कुमारी शैलजा 'कांग्रेस संदेश यात्रा' निकाल रही हैं. खास बात ये है कि शैलजा ने यात्रा का ट्विटर पर जो पोस्टर लगाया, उसमें रणदीप सिंह सुरजेवाला और भाजपा से कांग्रेस में आए चौधरी बीरेंद्र सिंह की तस्वीर लगाई. लेकिन न भूपेंद्र हुड्डा पोस्टर में थे और न ही PCC चीफ उदय भान. बता दें कि कुमारी शैलजा ने 27 जुलाई से यात्रा शुरू की है. जबकि दीपेंद्र हुड्डा 13 जिलों को कवर कर चुके हैं. 31 जुलाई से उनकी यात्रा का अगला चरण शुरू होगा.

SRK की जगह अब SRB गुट तैयार
हरियाणा में SRK गुट हुड्डा विरोधी माना जाता था. इसमें कुमारी शैलजा, रणदीप सिंह सुरजेवाला और किरण चौधरी थे. लेकिन लोकसभा चुनाव के दौरान किरण चौधरी भाजपा में चली गईं और भाजपा से चौधरी बीरेंद्र सिंह कांग्रेस में आ गए. इसके बाद SRK गुट SRB गुट बन गया. किरण चौधरी के जाने से लगा जैसे हरियाणा कांग्रेस में गुटबाजी कम होगी, लेकिन उस वोयड को चौधरी बीरेंद्र सिंह ने भर दिया.

मुख्यमंत्री के पद की चाहत
दरअसल, हरियाणा कांग्रेस में पूरी लड़ाई मुख्यमंत्री पद के लिए है. SRB गुट चाह रहा है कि चुनाव से पहले CM फेस का ऐलान न हो . जबकि भूपेंद्र हुड्डा खुद को CM पद के चेहरे के तौर पर देख रहे हैं. वे चाहते हैं कि पार्टी उन्हें CM पद का उम्मीदवार घोषित कर दे. लेकिन हुड्डा विरोधी दल का ये तर्क है कि चुनाव से पहले CM फेस घोषित करने से गैर-जाट वोट नाराज हो सकता है. लोकसभा में पार्टी ने दलित और जाट वोट के आधार पर ही 5 सीटें जीती हैं. ये समीकरण गड़बड़ाया तो जीत की राह में रोड़े पड़ सकते हैं. 

सर्वे में कांग्रेस को बढ़त
हरियाणा में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर पीपल्स पल्स का एक भी जारी हुआ है. इसमें कांग्रेस को 44% और BJP को 41% वोट मिलने की संभावना जताई गई है. 2019 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को 36 और कांग्रेस को 28% वोट मिले थे. यही कारण है कि इस बार कांग्रेस अधिक उत्साह में नजर आ रही है.

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