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भारत में कुल कितने ज्योतिर्लिंग हैं, ये कहां-कहां हैं? हर एक की विशेषता के साथ देखें पूरी लिस्ट

Lord Shiva Jyotirlingas: 12 ज्योतिर्लिंग हिंदू आध्यात्मिकता में एक गहरा स्थान रखते हैं. दुनिया भर से भक्त आशीर्वाद और आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त करने के लिए इन मंदिरों में आते हैं.

भारत में कुल कितने ज्योतिर्लिंग हैं, ये कहां-कहां हैं? हर एक की विशेषता के साथ देखें पूरी लिस्ट

12 Jyotirlingas Name: भगवान शिव के सबसे पवित्र निवास माने जाने वाले 12 ज्योतिर्लिंग हिंदू आध्यात्मिकता में एक गहरा स्थान रखते हैं. देश भर में स्थापित प्रत्येक मंदिर में ईश्वर के एक अनूठे पहलू का प्रतीक है. माना जाता है कि ये ज्योतिर्लिंग शिव के अनंत प्रकाश स्तंभ (ज्योति) के रूप में प्रकट हैं, जो उनकी सर्वव्यापी ऊर्जा का प्रतीक हैं. दुनिया भर से भक्त आशीर्वाद और आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त करने के लिए इन मंदिरों में आते हैं.

12 ज्योतिर्लिंग और उनका महत्व

1. सोमनाथ (गुजरात)
स्थान: प्रभास पाटन, गिर सोमनाथ जिला
महत्व: प्रथम ज्योतिर्लिंग के रूप में जाना जाता है, यह शिव की शाश्वत और अविनाशी प्रकृति का प्रतीक है. 

2. मल्लिकार्जुन (आंध्र प्रदेश)
स्थान: श्रीशैलम
महत्व: यह मंदिर भगवान शिव और देवी पार्वती के मिलन का प्रतीक है. इसे 18 शक्तिपीठों में से एक भी माना जाता है.

3. महाकालेश्वर (मध्य प्रदेश)
स्थान: उज्जैन
महत्व: अपनी भस्म आरती के लिए प्रसिद्ध, यह शिव को समय और मृत्यु के देवता के रूप में दर्शाता है, जो मुक्ति (मोक्ष) प्रदान करता है.

4. ओंकारेश्वर (मध्य प्रदेश)
स्थान: मंधाता द्वीप, नर्मदा नदी
महत्व: पवित्र 'ओम' के आकार का यह ज्योतिर्लिंग सार्वभौमिक चेतना का प्रतीक है.

5. केदारनाथ (उत्तराखंड)
स्थान: गढ़वाल हिमालय
महत्व: राजसी हिमालय के बीच स्थित, यह मंदिर गर्मियों के दौरान खुलता है और मोक्ष और भक्ति का प्रतीक है.

6. भीमाशंकर (महाराष्ट्र)
स्थान: पुणे जिला
महत्व: हरे-भरे हरियाली से घिरा यह मंदिर शिव को बुराई के नाश करने वाले के रूप में दर्शाता है.

7. काशी विश्वनाथ (उत्तर प्रदेश)
स्थान: वाराणसी
महत्व: भारत की आध्यात्मिक राजधानी माने जाने वाला यह ज्योतिर्लिंग जीवन और मृत्यु में मुक्ति और आशीर्वाद प्रदान करता है.

8. त्र्यंबकेश्वर (महाराष्ट्र)
स्थान: नासिक जिला
महत्व: गोदावरी नदी के उद्गम के पास स्थित, यह सृजन, संरक्षण और विनाश के चक्र को दर्शाता है.

9. वैद्यनाथ (झारखंड)
स्थान: देवघर
महत्व: आरोग्य के रूप में जाना जाने वाला यह मंदिर बीमारियों को ठीक करने और सद्भाव लाने से जुड़ा है.

10. नागेश्वर (गुजरात)
स्थान: द्वारका के पास
महत्व: यह ज्योतिर्लिंग नकारात्मकता और बुरी शक्तियों से सुरक्षा का प्रतीक है.

11. रामेश्वरम (तमिलनाडु)
स्थान: पंबन द्वीप
महत्व: रामायण से जुड़ा इसका इतिहास है. ऐसा माना जाता है कि भगवान राम ने रावण के साथ युद्ध के बाद क्षमा मांगने के लिए यहां शिव की पूजा की थी.

12. घृष्णेश्वर (महाराष्ट्र)
स्थान: एलोरा, औरंगाबाद के पास
महत्व: यह सबसे छोटा ज्योतिर्लिंग मंदिर आस्था और सादगी का प्रतीक है. यह यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल, प्रसिद्ध एलोरा गुफाओं के पास स्थित है.

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