नई दिल्ली: Private Detective Job: बचपन में ब्योमकेश बक्शी या डिटेक्टिव करण जैसे शो देखने पर जासूसी दुनिया बेहद रोचक लगती थी. बड़े होकर ऐसा ही बनना है... हर किसी के मन में ये बात आती ही होगी. लेकिन बड़े होते-होते पता लगता है कि इस मजेदार चीज को पेशा बनाना बेहद मुश्किल है. इसके लिए ना कोई कोर्स होता है और ना ही कोई डिग्री. आसपास के चाचा, ताऊ या भैया भी इस प्रोफेशन में नहीं है. फिर जासूस बना कैसे जाए, ऐसी पशोपेश में लोग इसे प्रोफेशन के तौर पर देखना ही छोड़ देते हैं.
प्राइवेट डिटेक्टिव एजेंसी का बाजार कितना?
भारत में प्राइवेट जासूस का पेशा धीमें-धीमे बढ़ रहा है. रिपोर्ट्स बताती हैं कि प्राइवेट डिटेक्टिव एजेंसी का बाजार हर साल 30 फीसदी की दर वृद्धि कर रहा है. देश की राजधानी में ही कम से कम साढ़े 3 हजार के आसपास प्राइवेट डिटेक्टिव एजेंसियां हैं. समूचे भारत में प्राइवेट डिटेक्टिव का बाजार 2 हजार करोड़ रुपये के करीब ही है, जो काफी कम माना जा सकता है.
जासूसों के पास आते हैं ऐसे केस
भारत में जासूसों के पास अधिकतम घरेलू केस आते है. जैसे बेटी या बेटे की शादी के लिए किसी शख्स की छानबीन करना. इसके अलावा,अपने रिश्तेदारों, दोस्त, पति, पत्नी या बच्चों के बारे में कुछ पता लगाने के लिए प्राइवेट जासूस हायर किए जाते हैं. फिल्मों में जासूस मर्डर मिस्ट्री सॉल्व करते दिखते हैं, लेकिन असल में ऐसा बहुत कम होता है.
गैर-कानूनी चीजों से बचना जरूरी
एक जासूस को कानून की जानकारी होना आवश्यक है. यदि वह कानून के दायरे से बाहर जाकर कुछ करता है, तो उस पर कानूनी कार्रवाई हो सकती है. जरूरी बात ये भी है कि जासूस को नैतिक चीजों का भी ज्ञान हो. ऐसी जानकारी साझा नहीं करनी चाहिए, जिससे किसी का बड़ा नुकसान हो.
जासूस बनने के लिए क्या पढ़ें?
जासूस बनने के लिए किन्हीं विशेष शैक्षणिक योग्ताओं की जरूरत नहीं होती. फिर भी आप क्रिमिनोलॉजी, लॉ या पुलिस साइंस में ग्रेजुएट कर सकते हैं. इससे क्लाइंट की आप पर विश्वसनीयता बनेगी. इसके अलावा, आपको कानून की पूरी जानकारी होनी चाहिए. खासकर प्राइवेसी एंड ट्रेसपासिंग से जुड़े कानून समझने चाहिए. और IT एक्ट की भी गहरी जानकारी रखें. ताकि आपको ये पता हो कि आप जो काम काम करने जा रहे हैं, वह कानूनी दायरे में है भी या नहीं.
जासूसी का पेशा टेक्नोलॉजी पर टिका
जासूसों को टेक्नोलॉजी और टूल्स का पूरा ज्ञान होना चाहिए. किसी भी शख्स की बेसिक जानकारी इंटरनेट के जरिये ही मिल जाती है. सोशल मीडिया और ऑनलाइन डेटाबेस से जानकारी निकालने की स्किल होनी चाहिए. कैमरा, GPS, रिकॉर्डिंग डिवाइस जैसे उपकरणों का इस्तेमाल भी सीखना जरूरी है. सर्विलांसिंग की प्रोसेस का भी पता होना चाहिए.
प्राइवेट जासूसों का नेटवर्क
प्राइवेट डिटेक्टिव का नेटवर्क मजबूत होना जरूरी है. पुलिस, वकीलों, और लोकल लोगों से संपर्क बनाए रखना होता है, ताकि, केस दिलाने या जानकारी जुटाने में मदद मिल सके. पुलिस से संपर्क इसलिए मजबूत रखने चाहिए, ताकि किसी भी क्रिमिनल हिस्ट्री का आसानी से पता लग सके.
कैसे शुरू करें प्राइवेट जासूसी
प्राइवेट जासूसी का काम छोटे स्तर से शुरू किया जा सकता है. एक ऑफिस खोलें, ऑनलाइन और ऑफलाइन सर्विसेज की मार्केटिंग करें. शुरुआत में लापता लोगों को खोजना या किसी बैकग्राउंड चेक करना, जैसे केस मिलेंगे. लेकिन जैसे-जैसे आपकी प्रसिद्धि बढ़ती जाएगी आपको बड़े केस भी मिल सकते हैं. एक केस के लिए 10 हजार से लेकर 1.5 लाख तक की फीस मिल सकती है. लेकिन केस निपटाने के लिए कई-कई दिनों की मेहनत भी लगती है.
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