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दुश्मनों के छक्के छुड़ा देगा ये जेट पावर्ड स्वार्म ड्रोन, इंडियन एयरफोर्स को मिला 150 किमी दूर तक हमला करने वाला हथियार!


भारतीय वायु सेना को स्वार्म ड्रोन की पहली खेप मिली है. जिसे वेदा एरोनॉटिक्स ने डेवलप किया है. 150 किमी से अधिक रेंज वाला यह जेट-पावर्ड ड्रोन आधुनिक युद्ध में सटीक और एकसाथ कई लक्ष्यों पर हमला करने में सक्षम है.

दुश्मनों के छक्के छुड़ा देगा ये जेट पावर्ड स्वार्म ड्रोन, इंडियन एयरफोर्स को मिला 150 किमी दूर तक हमला करने वाला हथियार!
  • IAF को मिली स्वदेशी सुरेशास्त्र Mk1 ड्रोन की पहली खेप
  • 150 किमी रेंज, डिफेंस सिस्टम को चकमा देने में माहिर

Indian Air Force Drone: भारतीय वायु सेना के हाथ एक ऐसा ड्रोन लगा है, जो करीब 150-200 किमी की रेंज में दुश्मन को एक झटके में नेस्तनाबूद कर देगा. इस ड्रोन की सबसे बड़ी खासियत है कि यह पूरी तरह स्वेदशी है. बता दें,नोएडा स्थित रक्षा स्टार्टअप वेदा एरोनॉटिक्स प्राइवेट लिमिटेड (VAPL) ने भारतीय वायु सेना (IAF) को ‘सुरेशास्त्र Mk1’ ड्रोनों की पहली खेप डिलीवर कर दी है. यह जेट-पावर्ड, कैटापल्ट-लॉन्च्ड स्वार्म ड्रोन 150 किमी से अधिक दूरी तक सटीक हमला करने में सक्षम है. रक्षा विशेषज्ञों ने इसे आत्मनिर्भर भारत मिशन के लिए अहम कदम माना है.

‘सुरेशास्त्र Mk1’ ड्रोनों की मिली पहली खेप
भारतीय वायु सेना को नोएडा बेस्ड स्टार्टअप वेदा एरोनॉटिक्स द्वारा विकसित ‘सुरेशास्त्र Mk1’ ड्रोनों की पहली खेप मिल गई है. यह डिलीवरी भारत की स्वदेशी रक्षा तकनीक को मजबूत बनाने के दिशा में एक बड़ा कदम मानी जा रही है. अगस्त 2023 में वायु सेना ने 300 करोड़ रुपये का कॉन्ट्रैक्ट देकर 200 सुरेशास्त्र Mk1 यूनिट्स का ऑर्डर दिया था.

सुरेशास्त्र Mk1 एक जेट-पावर्ड, कैटापल्ट लॉन्च्ड स्वार्म ड्रोन है, जिसे लंबी दूरी तक सटीक हमले करने और दुश्मन के सिस्टम को चकमा देने के लिए बनाया गया है. वेदा एरोनॉटिक्स ने भारतीय वायु सेना के साथ मिलकर इस सिस्टम को फाइनल ट्यूनिंग दी थी, जिससे इसकी परफॉर्मेंस और बेहतर हो गई है.

क्या है सुरेशास्त्र ड्रोनों की खासियत?
IDRW की रिपोर्ट के मुताबिक, सुरेशास्त्र Mk1 ड्रोनों की सबसे बड़ी ताकत, इनकी जेट पावर और स्वार्म अटैक क्षमता है. यह 3.5 मीटर लंबा, 3 मीटर विंगस्पैन वाला और लगभग 90 किलोग्राम वजनी ड्रोन है, जो 150 किमी से ज्यादा दूरी तक दुश्मन के टारगेट्स को हिट कर सकता है.

इसकी हाई स्पीड और लंबी रेंज इसे फॉरवर्ड बेस से लॉन्च कर दुश्मन के गहरे इलाकों में हमला करने में सक्षम बनाती है. इसकी डिजाइन ईरान के शाहेद-136 और रूस के गेरेन-2 ड्रोन से प्रेरित है, लेकिन इसे भारतीय वायु सेना की जरूरतों के मुताबिक लोकलाइज और मोडिफाई किया गया है.

मॉडर्न युद्ध लड़ने में साबित होगा कारगर
दुनिया भर में युद्ध के तौर-तरीके पूरी तरह बदल चुके हैं. सैनिकों के जोखिमों को कम करने में ड्रोन सबसे अधिक कारगर हथियार साबित हुए हैं, ऐसे में, सुरेशास्त्र Mk1 ड्रोनों का इस्तेमाल करते हुए भारतीय वायु सेना अब दुश्मन के भीतर गहरे स्ट्राइक कर सकेगी, वो भी पायलट या महंगे विमान रिस्क में डाले बिना. ये ड्रोन आतंकवादी ठिकानों, दुश्मन के बंकरों या सीमा पार स्थित टारगेट्स पर सटीक हमले करने में बेहद कारगर रहेंगे.

रूस-यूक्रेन युद्ध से मिली सीख के बाद भारतीय वायु सेना ने ऐसे लो-कॉस्ट, हाई-इफेक्टिव सिस्टम्स की जरूरत को पहचाना था. सुरेशास्त्र Mk1 इसी जरूरत को पूरा करते हुए आधुनिक युद्ध की रणनीति में क्रांतिकारी बदलाव ला सकता है.

दुश्मन के एयर डिफेंस सिस्टम को देगा मात
स्वार्म अटैक क्षमता के कारण सुरेशास्त्र Mk1 एक साथ कई ड्रोन भेजकर, दुश्मन के एयर डिफेंस सिस्टम को ओवरलोड कर सकता है. इससे दुश्मन के रडार और मिसाइल सिस्टम पर दबाव बढ़ेगा और उनके रिस्पॉन्स टाइम में गड़बड़ी होगी.

इसके अलावा, इन ड्रोनों की हाई स्पीड और छोटी साइज उन्हें पहचानना और शूट डाउन करना मुश्किल बना देगी. वायु सेना भविष्य में इन ड्रोनों के व्हीकल-लॉन्च्ड और शिप-लॉन्च्ड वर्जन भी तैयार करने की योजना बना रही है, जिससे इसकी ऑपरेशनल रेंज और बढ़ेगी.

वेदा एरोनॉटिक्स बना रहा Mk1 ड्रोन
भारत सरकार की कोशिश है कि भविष्य में सभी मॉडर्न हथियार स्वेदशी हों. ऐसे में, साल 2020 में स्थापित वेदा एरोनॉटिक्स ने अहम सफलता पाई है. यही वजह है कि इसे आज भारत के प्रमुख डिफेंस स्टार्टअप्स में गिना जाता है. यह कंपनी साथ ही अनमैन्ड सिस्टम्स और हाई एल्टीट्यूड प्लेटफॉर्म (HAPS) टेक्नोलॉजी पर भी काम कर रही है.

2024 में वेदा ने भारतीय सेना के लिए HAPS प्रोग्राम में भी यूएई की मीरा एयरोस्पेस के साथ साझेदारी की थी. सुरेशास्त्र Mk1 की सफल डिलीवरी यह साबित करती है कि भारत अब स्वदेशी अत्याधुनिक डिफेंस सिस्टम्स को विकसित और डिप्लॉय करने में सक्षम होता जा रहा है.

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