Tejas Mk1 GE F404 Engine: अमेरिका ने भारत को Tejas Mk-1a लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट-LCA कार्यक्रम के लिए GE F404 इंजन की डिलीवरी दी है.यह भारत के स्वदेशी लड़ाकू विमानों के उत्पादन को गति देने का काम करेगा. हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) को दूसरा GE-404 इंजन मिल चुका है. माना जा रहा है कि 2026 की शुरुआत तक कुल 12 इंजन प्राप्त हो जाएंगे. अमेरिका द्वारा भारत को भेजे जा रहे इंजन इस बात का भी संकेत हैं कि दोनों देशों के बीच रक्षा संबंध मजबूत होते जा रहे हैं. भविष्य में ये और भी प्रगाढ़ होने की दिशा में आगे बढ़ सकते हैं.
हर महीने डिलीवर होंगे दो इंजन
पिछले कुछ सालों में आपूर्ति करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ा है. रक्षा सचिव राजेश कुमार के अनुसार, जनरल इलेक्ट्रिक (GE) ने मार्च 2026 तक हर महीने दो इंजन देने का वादा किया है. यह 2021 में साइन हुई 716 मिलियन डॉलर की डील का हिस्सा हैं. तेजस MK-1A बेड़े के लिए 99 F404-IN20 टर्बोफैन इंजन भेजे जाएंगे.
तेजस MK-1a फाइटर जेट में क्या खास?
तेजस MK-1a जेट अपने पिछले मॉडलों की तुलना में काफी एडवांस है. यह आधुनिक तकनीक से लैस है. जैस- मिशन कंप्यूटर, हाई-परफॉर्मेंस डिजिटल फ्लाइट कंट्रोल कंप्यूटर, स्मार्ट मल्टी-फंक्शन डिस्प्ले, AESA रडार और इलेक्ट्रॉनिक युद्धक सिस्टम. ये अपग्रेडेड वेपन भारतीय वायु सेना की क्षमताओं को बढ़ाएंगे, खासकर तब जब उसे अपने पुराने मिग-21 विमानों को बदलने की जरूरत है.
भारतीय वायुसेना की ताकत में होगा इजाफा
गौरतलब है कि भारतीय वायु सेना ने पहले ही 83 तेजस MK-1a विमानों का ऑर्डर दे चुकी है. रक्षा मंत्रालय की मंजूरी के बाद 97 और विमानों के लिए प्रस्ताव पर विचार चल रहा है. HAL का लक्ष्य 2026-27 तक हर साल 30 विमान बनाने का है. बाकी लंबे लक्ष्य की बात करें तो इंडियन एयरफोर्स 352 तेजस विमानों को शामिल करने वाली है. इसमें MK-1A और आने वाले MK-2 वेरिएंट दोनों शामिल हैं.