AMCA engine India France: इंडियन एयरफोर्स के सबसे एडवांस फाइटर जेट बनाने के प्रोजेक्ट AMCA में लगने वाले इंजन पर दुनिया भर की निगाह टिकी है. जापान, ब्रिटेन से लेकर फ्रांस तक ने वर्ल्ड क्लास इंजन ऑफर किए. भारत खुद भी एडवांस इंजन कावेरी डेवलप कर रहा है. हालांकि, देसी इंजन को बनने में अभी काफी वक्त है. ऐसे में, भारतीय रक्षा मंत्रालय ने जरूरतों को देखते हुए, फ्रांस के ऑफर को स्वीकार करने में दिलचस्पी दिखाया है. आइए जानते हैं, पूरी डील क्या है और AMCA में किस इंजन को लगाने की बात आगे बढ़ रही है.
भारत-फ्रांस के बीच ऐतिहासिक डील
रिपोर्ट के मुताबिक, भारत और फ्रांस के बीच एक बड़ी डील होने की पूरी संभावना है. जो कि AMCA के डेवलपमेंट के साथ बेहतर तालमेल बिठाएगा. साथ ही, भारतीय एयरोस्पेस उद्योग को डिजाइन, विकास और विनिर्माण क्षमताओं में सशक्त बनाया जा सकेगा.
दरअसल, दसॉल्ट एविएशन ने पूरी जानकारी ट्रांसफर और भारत के गैस टर्बाइन रिसर्च एस्टेब्लिशमेंट (GTRE) के साथ Joint Intellectual Property Rights यानी संयुक्त बौद्धिक संपदा अधिकारों की पेशकश की है.
इस डील के तहत, AMCA Mk-2 और भविष्य के भारतीय लड़ाकू विमानों के लिए 120-125kN थ्रस्ट इंजन का को-डेवलपमेंट, भारतीय इंजीनियरों और टेक्नीशियन के लिए पूरी तरह से टेक्नोलॉजी ट्रांसफर और ट्रेनिंग, डेवलपमेंट टेक्नोलॉजी पर किसी भी तरह का निर्यात प्रतिबंध नहीं होना, और 130kN थ्रस्ट तक बढ़े हुए इंजन वेरिएंट बनाने को शामिल किया गया है.
राफेल डील होगा अगला पड़ाव
IDRW की रिपोर्ट बताती है कि पहले AMCA स्क्वाड्रन में अमेरिकी मूल के GE-414 इंजन का इस्तेमाल किया जाएगा, जिन्हें फ्रांसीसी को-डेवलपमेंट पॉवरप्लांट्स के साथ जोड़ा जाएगा.
इस बीच, डसॉल्ट एविएशन ने भारतीय वायुसेना को पहले ही 36 राफेल फाइटर जेट्स दिए हैं और अप्रैल 2025 में, INS विक्रांत पर तैनात होने वाले नौसेना के 26 राफेल मरीन फाइटर्स के लिए 76,300 करोड़ रुपये का एक बड़ी और नई डील हासिल की है.
इस सौदे में 22 सिंगल-सीटर राफेल-एम फाइटर और 4 टू-सीटर ट्रेनर एयरक्राफ्ट शामिल हैं, साथ ही उनके हथियार, पुर्जे, सिमुलेटर और ट्रेनिंग सपोर्ट भी शामिल किया गया है.
भारत में बनेंगे राफेल के पुर्जे और AMCA के इंजन
इस डील में राफेल के फ्यूजलेज डेवलपमेंट और इंजन व एवियोनिक्स के लिए मेंटेनेंस, रिपेयर और ओवरहॉल (MRO) फैसिलिटीज की स्थापना की प्लानिंग है, जिससे हजारों हाई-टेक नौकरियां पैदा होंगी. जिससे देश में ही AMCA के इंजन बनाने में तेजी आएगी.
वहीं, राफेल-एम को शामिल करना एक स्टॉपगैप के रूप में देखा जा रहा है, जबकि भारत अपने ट्विन-इंजन वाले डेक-बेस्ड फाइटर जेट को विकसित कर रहा है. हालांकि, अटकलें हैं कि भारत राफेल के अतिरिक्त ऑर्डर भी खोज रहा है.
ऐसे में, दसॉल्ट की भारत में रणनीतिक उपस्थिति को और गहरा करेगा, वायुसेना और नौसेना के बीच इंटरऑपरेबिलिटी को मजबूत करेगा और व्यापक भारत-फ्रांस रक्षा साझेदारी को बढ़ावा देगा.
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