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भारत के 100 फाइटर जेट्स होंगे पावरफुल, होगा ऐसा कायापलट कि दुश्मन भी घबरा जाएगा!

भारत और अमेरिका की कंपनियों रिलायंस डिफेंस और कोस्टल मैकेनिक्स के बीच हुए समझौते के तहत नागपुर में एक एमआरओ सुविधा स्थापित की जाएगी. इसका उद्देश्य पुराने लड़ाकू विमानों जैसे MiG-29, Jaguar और Apache हेलीकॉप्टर को एडवांस करना है. यह प्रोजेक्ट आत्मनिर्भर भारत को मजबूती देगी.

भारत के 100 फाइटर जेट्स होंगे पावरफुल, होगा ऐसा कायापलट कि दुश्मन भी घबरा जाएगा!
  • पुराने सैन्य उपकरणों को एडवांस किया जाएगा
  • नागपुर में MRO सुविधा स्थापित होगी

भारत की रक्षा तैयारी अब और भी मजबूत होने जा रही है. भारत और अमेरिका ने एक साथ मिलकर एक ऐसा कदम उठाया है, जिससे पुराने फाइटर जेट्स और रक्षा सिस्टम को नया जीवन मिलेगा. Reliance Defence और अमेरिका की Coastal Mechanics Inc. (CMI) के बीच हुआ यह समझौता भारत में रक्षा क्षेत्र की आत्मनिर्भरता को और मजबूत करेगा. इस साझेदारी के जरिए ना केवल भारतीय वायुसेना की ताकत बढ़ेगी, बल्कि विदेशी निर्भरता भी कम होगी. इस डील के तहत करीब 100 MiG-29 फाइटर जेट्स को भी अपग्रेड किया जा सकता है.

कौन-कौन शामिल हैं इस साझेदारी में?
इस संयुक्त समझौते में दो बड़ी कंपनियां शामिल हैं:

Reliance Defence: भारत की बड़ी रक्षा कंपनी, जो Reliance Infrastructure की सहायक कंपनी है.

Coastal Mechanics Inc.(CMI): अमेरिका की एक अनुभवी डिफेंस सप्लाई और MRO (Maintenance, Repair & Overhaul) कंपनी.

किन रक्षा प्रणालियों को किया जाएगा आधुनिक?
इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य भारतीय रक्षा बलों के पुराने प्लेटफॉर्म्स को अपग्रेड करना है:

MiG-29 फाइटर जेट्स: भारतीय वायुसेना और नौसेना, दोनों के पास यह विमान बड़ी संख्या में मौजूद है.

Jaguar फाइटर विमान: यह स्ट्राइक मिशन में उपयोग होने वाला विमान है.

Apache हेलीकॉप्टर: यह एक आधुनिक अटैक हेलिकॉप्टर है, जिसको भारतीय वायुसेना ने अपने बेड़े में शामिल किया है.

L-70 एयर डिफेंस गन: यह वायु रक्षा के लिए इस्तेमाल होने वाली तोपें हैं.

इस डील के तहत, इन सभी सिस्टम का मेंटेनेंस, मरम्मत और अपग्रेड भारत में ही किया जाएगा.

कहां बन रही है यह सुविधा?
यह संयुक्त सुविधा महाराष्ट्र के नागपुर शहर में बनेगी, जो कि MIHAN (Multi-modal International Cargo Hub and Airport at Nagpur) नाम के एक बड़े प्रोजेक्ट का हिस्सा है. यहां ना सिर्फ मेंटेनेंस और मरम्मत होगी, बल्कि उन्नत तकनीक का ट्रान्सफर भी होगा जिससे भारतीय इंजीनियरों को ग्लोबल स्टैंडर्ड पर काम करने का अनुभव मिलेगा.

कितनी बड़ी है यह डील?
इस समझौते की कुल अनुमानित लागत ₹20,000 करोड़ (लगभग 2.34 अरब डॉलर) है. यह Performance-Based Logistics (PBL) मॉडल पर आधारित है, जिससे रक्षा प्रणालियों की लंबे समय तक विश्वसनीयता बनी रहेगी.

भारत के लिए क्यों है ये साझेदारी खास?
पुराने सिस्टम को मिलेगा नया जीवन, जो नए उपकरण खरीदने से ज्यादा सस्ता और स्मार्ट विकल्प होगा. 

इस डील से विदेशी निर्भरता होगी कम यानी अब अमेरिका की तकनीक भारत में ही इस्तेमाल होगी. 

Make in India को भी बल मिलेगा क्योंकि भारत में ही मरम्मत और अपग्रेड का काम होगा.

नागपुर और आसपास के क्षेत्रों में युवाओं को नई नौकरियों का मौका मिलेगा, जिससे रोजगार के अवसर भी खुलेंगे.

इससे जुड़े अन्य बड़े कदम
Bharat Forge की Strategic Systems ने हाल ही में अमेरिका की कंपनी AM General के साथ मिलकर 105mm और 155mm तोपें सप्लाई करने का समझौता किया है. भारत अब 90 से ज्यादा देशों को रक्षा उपकरण एक्सपोर्ट कर रहा है और 2023-24 में रक्षा उत्पादन ने ₹1.27 लाख करोड़ का रिकॉर्ड छुआ.

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